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जोधपुर में किसानों को सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार - mustard at support price - MUSTARD AT SUPPORT PRICE

सरकार के स्तर पर घोषणा होने के बाद भी जोधपुर में अभी समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद शुरू नहीं हो पाई है. इस मामले में अब भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी है.

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जोधपुर में किसानों को सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 2, 2024, 4:50 PM IST

जोधपुर. सरकार की घोषणा के बावजूद जिले में समर्थन मूल्य पर सरसों के खरीद सरकार ने अभी तक शुरू नहीं की है. इसके चलते किसान काफी परेशान हैं. भारतीय किसान संघ 6 मई तक अगर खरीद शुरू नहीं हुई तो आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

संघ के प्रदेश मंत्री तुलसाराम सीवर ने बताया कि जिले में 12 खरीद केंद्रों करीब 2500 किसानों ने समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा रखा है. 992 किसानों को सहकारी समितियां ने खरीद की तारीख आवंटित कर मोबाइल पर संदेश भी भेज दिया, लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक अनदेखी के चलते शुरू नहीं हुई. खरीद 1 अप्रैल से शुरू होनी थी, जिसकी अधिसूचना प्रकाशित हो चुकी है. भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री का कहना है कि इस अनदेखी के चलते किसानों को अपनी सरसों बाजार में कम भाव पर बेचनी पड़ रही है. इसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.

देखें: केंद्रों पर व्यवस्था नहीं, कई जगह सरसों और चने की खरीद अटकी, जहां हुई वहां एक किसान आया

29575 टन होनी है खरीद: जिले में 12 केंद्रों पर 29 हजार 575 टन सरसों की खरीद होनी है. वर्तमान में सरसों का समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन खरीद नहीं होने से किसान को मंडी में 4800 रुपए में ही देना पड़ रहा है. जिन 992 किसानों को समय और तिथि आवंटित की गई थी वो पंजीयन अब ब्लॉक हो गए हैं, उन्हें दोबारा पंजीयन कराना होगा.

यह है वजह खरीद नहीं होने की: दरअसल, यह खरीद ग्रामीण क्षेत्र में क्रय विक्रय सहकारी समितियां के मार्फत होनी है. फरवरी में इसके आदेश जारी हुए थे, जिसके बाद समितियों को सरसों खरीद के लिए मजदूर और परिवहन व्यवस्था की टेंडर प्रक्रिया करनी थी. यह पूरी नहीं हुई. इसके बाद रसद वितरण प्रणाली के तहत इसी काम की जो दरें तय की गई है, उन पर कार्य आदेश होना था, वह भी प्रशासनिक लेट लतीफी के चलते नहीं हुआ.

इन केंद्रों पर होनी है खरीद: जिले के मथानिया, बालेसर, बावड़ी, डांगियावास, ओसियां, बिलाड़ा, बोरुंदा, भोपालगढ़, पीपाड़, चांदेलाव, जैतिवास और रणसी गांव में सरकारी समर्थन मूल्य पर सरसों के खरीद शुरू होनी थी, जो अभी तक नही हुई.

जोधपुर. सरकार की घोषणा के बावजूद जिले में समर्थन मूल्य पर सरसों के खरीद सरकार ने अभी तक शुरू नहीं की है. इसके चलते किसान काफी परेशान हैं. भारतीय किसान संघ 6 मई तक अगर खरीद शुरू नहीं हुई तो आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

संघ के प्रदेश मंत्री तुलसाराम सीवर ने बताया कि जिले में 12 खरीद केंद्रों करीब 2500 किसानों ने समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा रखा है. 992 किसानों को सहकारी समितियां ने खरीद की तारीख आवंटित कर मोबाइल पर संदेश भी भेज दिया, लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक अनदेखी के चलते शुरू नहीं हुई. खरीद 1 अप्रैल से शुरू होनी थी, जिसकी अधिसूचना प्रकाशित हो चुकी है. भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री का कहना है कि इस अनदेखी के चलते किसानों को अपनी सरसों बाजार में कम भाव पर बेचनी पड़ रही है. इसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.

देखें: केंद्रों पर व्यवस्था नहीं, कई जगह सरसों और चने की खरीद अटकी, जहां हुई वहां एक किसान आया

29575 टन होनी है खरीद: जिले में 12 केंद्रों पर 29 हजार 575 टन सरसों की खरीद होनी है. वर्तमान में सरसों का समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन खरीद नहीं होने से किसान को मंडी में 4800 रुपए में ही देना पड़ रहा है. जिन 992 किसानों को समय और तिथि आवंटित की गई थी वो पंजीयन अब ब्लॉक हो गए हैं, उन्हें दोबारा पंजीयन कराना होगा.

यह है वजह खरीद नहीं होने की: दरअसल, यह खरीद ग्रामीण क्षेत्र में क्रय विक्रय सहकारी समितियां के मार्फत होनी है. फरवरी में इसके आदेश जारी हुए थे, जिसके बाद समितियों को सरसों खरीद के लिए मजदूर और परिवहन व्यवस्था की टेंडर प्रक्रिया करनी थी. यह पूरी नहीं हुई. इसके बाद रसद वितरण प्रणाली के तहत इसी काम की जो दरें तय की गई है, उन पर कार्य आदेश होना था, वह भी प्रशासनिक लेट लतीफी के चलते नहीं हुआ.

इन केंद्रों पर होनी है खरीद: जिले के मथानिया, बालेसर, बावड़ी, डांगियावास, ओसियां, बिलाड़ा, बोरुंदा, भोपालगढ़, पीपाड़, चांदेलाव, जैतिवास और रणसी गांव में सरकारी समर्थन मूल्य पर सरसों के खरीद शुरू होनी थी, जो अभी तक नही हुई.

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