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मोहन सरकार का नया धान MSP प्लान तय, पर खुली मंडियों में क्यों भाग रहे किसान? - PADDY PURCHASE AT MSP

मोहन यादव सरकार ने तय किया धान का समर्थन मूल्य. नए रेट के बावजूद धान बेचने खुली मंडियों में क्यों जा रहे मध्य प्रदेश के किसान ?

PADDY PURCHASE AT MSP JABALPUR
एमएसपी पर धान की खरीद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 12, 2024, 4:47 PM IST

Updated : Dec 12, 2024, 5:46 PM IST

जबलपुर: किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि खरीदी केंद्रों पर सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदना नहीं चाह रही है. इसीलिए केंद्रों पर अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इसके पीछे वेयरहाउस संचालक हैं. वेयरहाउस संचालक किसानों और सरकार के बीच में खाई खड़ी कर रहे हैं.

किसानों को अपना धान खुली मंडियों में कम दामों पर बेचना पड़ रहा

भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल का आरोप है "ऐसा लग रहा है कि सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं करना चाहती. इसलिए धान खरीदी केंद्र कम बनाए गए हैं और खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था हो रही है. इसकी वजह से किसानों को अपना धान खुली मंडी में कम दामों पर बेचना पड़ रहा है."

जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना (Etv bharat)

वहीं मध्य प्रदेश खाद्य आपूर्ति निगम के पूर्व प्रबंध संचालक व वर्तमान में जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है "इस साल वेयरहाउस लॉबी सरकार के खिलाफ माहौल बना रही है कि सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं करना चाहती. किसान वेयरहाउस मालिकों द्वारा बनाए जाने वाले माहौल में न फंसें. वेयरहाउस मालिकों का धान खरीदी की पूरी व्यवस्था में कोई हस्तक्षेप नहीं है. यह माल सरकार खरीदती है, वेयरहाउस मालिकों को धान के भंडारण का पैसा दिया जाता है. इसमें इनका कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है. यदि कोई वेयरहाउस संचालक खरीदी केंद्र पर किसानों को परेशान करता है तो प्रशासन से इसकी शिकायत की जा सकती है."

नुकसान से बचने के लिए धान का भंडारण करना नहीं चाहते वेयरहाउस संचालक

वेयरहाउस संचालकों का कहना है कि वे धान का भंडारण करना नहीं चाहते क्योंकि धान जब सूखती है तो उसका नुकसान उन्हें उठना पड़ता है. जबकि कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि दो प्रतिशत तक सुखत का पैसा सरकार वेयरहाउस संचालकों को देती है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश की जरूरतमंद जनता के लिए सब्सिडी वाला अनाज मुहैया कराती है. जिसके लिए अनाज का भंडारण जरूरी है. इसलिए सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी करती है.

मध्य प्रदेश में कितना है धान समर्थन मूल्य

मोहन सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है. प्रदेश में धान की फसल किसानों से 2,300 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी जाएगी. ए-ग्रेड धान 2,320 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा. वहीं, सामान्य धान की खरीदी 2,300 रुपए प्रति क्विंटल में होगी. सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में 45 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की जाएगी. धान की खरीदी के लिए करीबन 1,500 उपार्जन केन्द्र बनाए जा रहे हैं.

जबलपुर: किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि खरीदी केंद्रों पर सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदना नहीं चाह रही है. इसीलिए केंद्रों पर अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इसके पीछे वेयरहाउस संचालक हैं. वेयरहाउस संचालक किसानों और सरकार के बीच में खाई खड़ी कर रहे हैं.

किसानों को अपना धान खुली मंडियों में कम दामों पर बेचना पड़ रहा

भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल का आरोप है "ऐसा लग रहा है कि सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं करना चाहती. इसलिए धान खरीदी केंद्र कम बनाए गए हैं और खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था हो रही है. इसकी वजह से किसानों को अपना धान खुली मंडी में कम दामों पर बेचना पड़ रहा है."

जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना (Etv bharat)

वहीं मध्य प्रदेश खाद्य आपूर्ति निगम के पूर्व प्रबंध संचालक व वर्तमान में जबलपुर के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है "इस साल वेयरहाउस लॉबी सरकार के खिलाफ माहौल बना रही है कि सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं करना चाहती. किसान वेयरहाउस मालिकों द्वारा बनाए जाने वाले माहौल में न फंसें. वेयरहाउस मालिकों का धान खरीदी की पूरी व्यवस्था में कोई हस्तक्षेप नहीं है. यह माल सरकार खरीदती है, वेयरहाउस मालिकों को धान के भंडारण का पैसा दिया जाता है. इसमें इनका कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है. यदि कोई वेयरहाउस संचालक खरीदी केंद्र पर किसानों को परेशान करता है तो प्रशासन से इसकी शिकायत की जा सकती है."

नुकसान से बचने के लिए धान का भंडारण करना नहीं चाहते वेयरहाउस संचालक

वेयरहाउस संचालकों का कहना है कि वे धान का भंडारण करना नहीं चाहते क्योंकि धान जब सूखती है तो उसका नुकसान उन्हें उठना पड़ता है. जबकि कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि दो प्रतिशत तक सुखत का पैसा सरकार वेयरहाउस संचालकों को देती है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश की जरूरतमंद जनता के लिए सब्सिडी वाला अनाज मुहैया कराती है. जिसके लिए अनाज का भंडारण जरूरी है. इसलिए सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी करती है.

मध्य प्रदेश में कितना है धान समर्थन मूल्य

मोहन सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया है. प्रदेश में धान की फसल किसानों से 2,300 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी जाएगी. ए-ग्रेड धान 2,320 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा. वहीं, सामान्य धान की खरीदी 2,300 रुपए प्रति क्विंटल में होगी. सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में 45 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की जाएगी. धान की खरीदी के लिए करीबन 1,500 उपार्जन केन्द्र बनाए जा रहे हैं.

Last Updated : Dec 12, 2024, 5:46 PM IST
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