बिलासपुर: बीजेपी के सत्ता में आते ही जहां सियासी उठा पटक शुरु हो चुकी है. कांग्रेस के वक्त में मलाई काटने वालों की भी पहचान की जा रही है. इसी कड़ी में पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई की 210 करोड़ का टेंडर निरस्त कर दिया है. अकबर के भाई के फर्म का ठेका निरस्त होने के बाद ये उम्मीद जताई जा रही है कि वो वो जरुर इस मामले में कोर्ट का रुख कर सकते हैं. कोर्ट जाने की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने हाईकोर्ट में पहले ही एक कैविएट याचिका दायर कर दी है. कैविएट में कहा गया है कि टेंडर निरस्त करने के खिलाफ याचिका दायर हो तो कोर्ट मामले में अपनी अंतरिम फैसला देने पहले सरकार का भी पक्ष सुने. राज्य सरकार को आशंका है कि उसके फैसले के खिलाफ फर्म हाईकोर्ट जा सकती है.
अकबर के भाई का टेंडर रद्द: पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई मो. असगर की फर्म रायपुर कंस्ट्रक्शन को पूर्व में 210 करोड़ का टेंडर दिया गया था. राज्य में सरकार बदलते ही अब मो. असगर के फर्म का टेंडर सरकार ने निरस्त कर दिया है. फर्म पर आरोप है कि उसने टेंडर और भुगतान में फर्जीवाड़ा किया है. कहा गया है कि मो. असगर सहित कई ऐसे ठेकेदार हैं जिनके काम में गड़बड़ी मिली है. आरोप है कि अकबर के भाई के फर्म को बिना काम पूरा हुए भुगतान कर दिया गया. शासन की ओर से अब इसकी जांच भी की जाएगी.
क्यों हुआ टेंडर पर विवाद: पूर्व में भूपेश बघेल की सरकार में मो.असगर की फर्म को नया रायपुर और रायपुर में एक हजार करोड़ के काम दिए गए. असगर के फर्म पर आरोप है कि सारे नियमों को दरकिनार कर दिए गए है. इनमें कई काम तय समय पर नहीं हुए, फिर भी किस्तों में उनको बिल का भुगतान कर दिया गया है. नया रायपुर में 210 करोड़ की लागत से 10 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था, इसमें 9 प्रोजेक्ट रायपुर कंस्ट्रक्शन और एक प्रोजेक्ट कल्याण कंस्ट्रक्शन के पास था. रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिले कुछ प्रोजेक्ट जून 2023 तक पूरे होने थे, लेकिन उनमें 20 प्रतिशत ही काम हुआ. नया रायपुर के सेक्टर 12, 15, 16 में सड़क निर्माण करना था, लेकिन पूरा काम पूरा नहीं हुआ. समय पर काम पूरा नहीं होने को लेकर कंपनी को कई बार नोटिस भी दिए गए लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया.