लखनऊ: उपमुख्यमंत्री और योगी सरकार के बीच की दूरियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. अब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा ढहाए जाने के मामले में इशारों-इशारों में सीएम योगी पर निशाना साधा. केशव मौर्या ने कहा कि यह गोरखपुर का मामला है, गोरखपुर वाले जानें. इसके साथ ही केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर संगठन को सरकार से बड़ा बताया है.
मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा में पहुंचने पर केशव प्रसाद मौर्य से मीडिया ने सवाल पूछा कि गोरखपुर में कुछ लोगों ने पूर्व मंत्री दिवंगत नेता हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाई थी. जिसको प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. इसके बाद में इस पर काफी हंगामा मचा हुआ है. इस पर लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह बिल्कुल भी सरकार का मामला नहीं है. गोरखपुर का यहां प्रकरण है, और गोरखपुर वाले जाने. माना जा रहा है कि गोरखपुर वाले से केशव का इशारा सीएम योगी की तरफ है.
डिप्टी सीएम ने एक बार फिर से संगठन को सरकार से बड़ा बताया
विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने मुस्कुराते हुए कहा कि सरकार से संगठन बड़ा ही है. संगठन के कारण ही सरकार बनती है. इसलिए पार्टी फोरम पर यही बात होती है. यही नहीं, अखिलेश यादव के संसद टपकने वाले बयान पर कहा कि संसद में बैठे लोग उनका जवाब देंगे. अब वो दिल्ली वाले हैं. दिल्ली की चिंता करें. इसके अलावा, योगी सरकार के नजूल विधेयक पर भाजपा विधायकों के विरोध पर उन्होंने कहा कि अगर कोई भी ऐसी चीज होगी, जो समीक्षा करने लायक होगी, उसकी समीक्षा की जाएगी.
दो दिन पहले गोरखपुर जिला प्रशासन ने चबूतरा किया था ध्वस्त
बता दें कि पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने के लिए उनके पैतृक गांव पैतृक गांव टाडा में चबूतरे का निर्माण किया गया था. चबूतरे को जिला प्रशासन ने बुधवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. यह मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में भी गूंजा था. हरिशंकर तिवारी के बेटे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी का आरोप है कि योगी सरकार की यह कार्रवाई जबरदस्ती और राजनीति से प्रेरित है. हरिशंकर तिवारी करीब 11 वर्षों तक कैबिनेट मंत्री और सात बार लगातार विधायक चुने गए थे. उनके गांव के लोगों ने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर उनके नाम से प्रवेश द्वार बनवाया था. उसके ठीक बगल में ग्राम सभा की भूमि पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जानी थी. उसकी स्थापना के लिए चबूतरा बनाया जा रहा था. बुधवार को जिला प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में चबूतरे को ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद स्थानीय लोगों की अधिकारियों से तीखी नोंकझोक भी हुई.