गोरखपुर: ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर जिले में ग्रेटर गीडा विकसित करने की बनी कार्ययोजना अब बहुत जल्द धरातल पर उतरती दिखाई देगी. इसके लिये गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.
धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए अफसरों ने तेज किए प्रयास. (photo credit: etv bharat) गीडा की तैयारी इस साल के अंत तक इंडस्ट्रियल टाउनशिप के पहले चरण को लांच कर देने की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के मुताबिक आने वाले समय में गोरखपुर को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए, इसकी जद में आने वाले गांवों में भूमि अर्जन/क्रय करने की कार्यवाही तेज कर दी गई है. गीडा के अध्यक्ष और मंडलायुक्त गोरखपुर अनिल ढींगरा, अधिकारियों के साथ कई बार मौके का निरीक्षण कर चुके हैं. अब पहले चरण में सकरदेईया, हरपुर और काश्तकाशीनायक गांवों में करीब 1600 एकड़ भूमि अर्जित होनी है. गीडा इसमें से 300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण भी कर चुका है. उद्योगों के लिए बंजर जमीन का अधिग्रहण किया जा जाएगा. योगी सरकार इसी फॉर्मूले के तहत ग्रेटर गीडा के रूप में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का खाका खींच चुकी है.
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) कर रहा पहल. (photo credit: etv bharat) इस टाउनशिप को बसाने के लिए जिन 17 गांवों में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा. अब तक सिर्फ रकबे में गिनी जाने वाली ये जमीनें किसानों को भरपूर रकम दिलाकर मालामाल करेंगी.बीते सात सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का गोरखपुर की तरफ रुझान देखते हुए सीएम योगी के मार्गदर्शन में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का मास्टर प्लान तैयार किया गया है. धुरियापार क्षेत्र में जमीनों का एक हिस्सा ऊसर प्रकृति का है. किसानों को ऊसर जमीनों का ही अधिग्रहण किया जा रहा है. इससे उन्हें अनुपजाऊ भूमि का भरपूर मूल्य प्राप्त होगा और ऊसर धरती पर औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार और खुशहाली की फसल लहलहाएगी.धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को 17 ग्रामों की 5754 एकड़ भूमि में बसाया जाएगा. गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) कर रहा पहल. (photo credit: etv bharat) इस टाउनशिप का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाना है. मास्टर प्लान के मुताबिक कुल क्षेत्रफल में 32.04 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 19.39 प्रतिशत आवासीय, 6.51 प्रतिशत पीएसपी, 4.21 प्रतिशत व्यावसायिक, 15.70 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र, 2.32 प्रतिशत मिश्रित, 4.17 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है. फिलहाल पहले चरण के लिए तीन गांवों में करीब 1600 एकड़ भूमि क्रय करने के लिए गीडा की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है.गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक बताती हैं कि धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए भूमि अर्जन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है. अब तक 300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण हो चुका है और बाकी के लिए भी प्राधिकरण लगातार काम कर रहा है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी का मानना है कि मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल टाउनशिप धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगी. धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी. बीते सात सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का रुझान गोरखपुर की तरफ देखते हुए सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है. औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार की बहार भी बहेगी.दक्षिणांचल के औद्योगिक विकास को लेकर योगी सरकार संजीदागोरखपुर के दक्षिणांचल के औद्योगिक विकास को लेकर योगी सरकार काफी संजीदा है. धुरियापार में बनने के बाद से ही बंद पड़ी चीनी मिल के कुछ हिस्से में इंडियन ऑयल की तरफ से कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाया जा चुका है. इस प्लांट के बाद धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के मूर्त रूप में आने के बाद इस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा.
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