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पहले बाढ़ ने डराया और अब गंडक नदी के यूटर्न से दहशत में दियारावासी - Gopalganj Gandak River

Erosion in Gopalganj : गंडक नदी का जलस्तर गिरने से किनारों पर दबाव बढ़ गया है. जिसके कारण कुचायकोट प्रखंड के विश्वंभरपुर स्थित गंडक नदी का जलस्तर कम होते ही गंडक की धारा बदल ली है. जिससे लोगों को कटाव का डर सताने लगा है. भीषण कटाव से लोग भयभीत हैं. वहीं जल संसाधन विभाग युद्ध स्तर पर कटाव रोधी कार्यों में जुटी है. पढ़ें पूरी खबर..

गोपालगंज में कटावरोधी कार्य में जुटे मजदूर
गोपालगंज में कटावरोधी कार्य में जुटे मजदूर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 4, 2024, 9:45 PM IST

गोपालगंज में कटावरोधी कार्य में जुटे मजदूर (ETV BHARAT)

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज से होकर बहने वाली गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण कटाव का खतरा बढ़ने लगा है. पिछले एक सप्ताह से गंडक के जलस्तर में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. कुचायकोट प्रखंड के विश्वंभरपुर स्थित गंडक नदी का जलस्तर कम होते ही गंडक की धारा तेज हो गयी है. जिसके कारण नदी ने अपना दिशा बदल कर कटाव करना शुरू कर दी है. जिससे दियारावासी भयभीत है.

गोपालगंज में कटावरोधी कार्य शुरू: हालांकि जल संसाधन व बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव रोधी कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. कुल 500 मीटर के दायरे में हाथी पाव, नायलेन क्रेट, ट्री ब्रांच के कार्य किए जा रहे है. ताकि गंडक नदी तेज धारा किसानों के खेतों पर दबाव न दे जिससे कटाव से बचा जा सके. कटाव रोधी कार्य में दर्जनों मजदूर लगातार कार्य में जुटे हुए है.

"गंडक नदी के धारा कुछ डायवर्ट हो गई है. इसको लेकर एहतियातन सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं. फिलहाल हाथी पांव और एनसी लगाया जा रहा ताकि कोई डैमेज ना करे. बाढ़ को सौ प्रतिशत सुरक्षित बचा लिया जाएगा इसमें चिंता की कोई बात नहीं है." -संजय कुमार,चीफ इंजीनियर बाढ़ एवं जल

कटावरोधी कार्य करते मजदूर
कटावरोधी कार्य करते मजदूर (ETV BHARAT)

अभियंताओं की टीम कर रही निगरानी: मुख्य अभियंता संजय कुमार के नेतृत्व में जियो बैग के साथ-साथ हाथी पांव डालकर बचाव कार्य में टीम जुटी हुई है, लेकिन लोग इसे नाकाफी मान कर बोल्डर पिचिंग करवाने की मांग कर रहे हैं. मुख्य अभियंता ने बताया कि पानी का करंट तेज है और नदी ने यू टर्न लेते हुए कटोरा नुमा आकार ले लिया है, जिससे कटाव तेज हो गया है.

पहले बाढ़ और अब कटाव के सहमे ग्रामीण: बता दें कि पिछले माह बाल्मिकी नगर बराज से गंडक नदी में छोड़े गए भारी मात्रा में पानी के बाद जिले के गंडक नदी का जलस्तर काफी उफान पर हो गया था. जिससे दियारा इलाका जलमग्न हो गया था. किसानों के फसल डूब गए थे, जिसके कारण दियावासियों की मुश्किले बढ़ गई थी, लेकिन धीरे धीरे नदी का जलस्तर कम होने लगा बावजूद दियारासियों की मुश्किले कम नहीं हुई. पहले बाढ़ और अब कटाव के भय से दियारावासी डरे और सहमे हुए है.

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गोपालगंज में कटावरोधी कार्य में जुटे मजदूर (ETV BHARAT)

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज से होकर बहने वाली गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण कटाव का खतरा बढ़ने लगा है. पिछले एक सप्ताह से गंडक के जलस्तर में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. कुचायकोट प्रखंड के विश्वंभरपुर स्थित गंडक नदी का जलस्तर कम होते ही गंडक की धारा तेज हो गयी है. जिसके कारण नदी ने अपना दिशा बदल कर कटाव करना शुरू कर दी है. जिससे दियारावासी भयभीत है.

गोपालगंज में कटावरोधी कार्य शुरू: हालांकि जल संसाधन व बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव रोधी कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. कुल 500 मीटर के दायरे में हाथी पाव, नायलेन क्रेट, ट्री ब्रांच के कार्य किए जा रहे है. ताकि गंडक नदी तेज धारा किसानों के खेतों पर दबाव न दे जिससे कटाव से बचा जा सके. कटाव रोधी कार्य में दर्जनों मजदूर लगातार कार्य में जुटे हुए है.

"गंडक नदी के धारा कुछ डायवर्ट हो गई है. इसको लेकर एहतियातन सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं. फिलहाल हाथी पांव और एनसी लगाया जा रहा ताकि कोई डैमेज ना करे. बाढ़ को सौ प्रतिशत सुरक्षित बचा लिया जाएगा इसमें चिंता की कोई बात नहीं है." -संजय कुमार,चीफ इंजीनियर बाढ़ एवं जल

कटावरोधी कार्य करते मजदूर
कटावरोधी कार्य करते मजदूर (ETV BHARAT)

अभियंताओं की टीम कर रही निगरानी: मुख्य अभियंता संजय कुमार के नेतृत्व में जियो बैग के साथ-साथ हाथी पांव डालकर बचाव कार्य में टीम जुटी हुई है, लेकिन लोग इसे नाकाफी मान कर बोल्डर पिचिंग करवाने की मांग कर रहे हैं. मुख्य अभियंता ने बताया कि पानी का करंट तेज है और नदी ने यू टर्न लेते हुए कटोरा नुमा आकार ले लिया है, जिससे कटाव तेज हो गया है.

पहले बाढ़ और अब कटाव के सहमे ग्रामीण: बता दें कि पिछले माह बाल्मिकी नगर बराज से गंडक नदी में छोड़े गए भारी मात्रा में पानी के बाद जिले के गंडक नदी का जलस्तर काफी उफान पर हो गया था. जिससे दियारा इलाका जलमग्न हो गया था. किसानों के फसल डूब गए थे, जिसके कारण दियावासियों की मुश्किले बढ़ गई थी, लेकिन धीरे धीरे नदी का जलस्तर कम होने लगा बावजूद दियारासियों की मुश्किले कम नहीं हुई. पहले बाढ़ और अब कटाव के भय से दियारावासी डरे और सहमे हुए है.

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