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रामनगर की लीची के बाद आम भी हुआ खास, फलपट्टी में रिकॉर्डतोड़ पैदावार, उत्पादकों के खिले चेहरे - Ramnagar Horticulture Department

Ramnagar Horticulture Department रामनगर में इस बार आम के बगीचे गुलजार हैं, जिससे आम की खेती करने वाले किसानों को इस साल अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है. रामनगर के आमों को खरीदने के लिए पड़ोसी राज्य यूपी से भी ग्राहक पहुंच रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Ramnagar Horticulture Department
आम का बगीचा (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 27, 2024, 7:37 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 7:48 PM IST

रामनगर की लीची के बाद आम भी हुआ खास (video- ETV Bharat)

रामनगर: जीआई टैग वाली लीची के बाद अब रामनगर और आसपास के बगीचों में इन दिनों आम की बहार देखने को मिल रही है. इस बार फलपट्टी में आमों की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार हुई है, जिससे किसानों को अच्छे मुनाफे की उम्मीद है. साथ ही उद्यान विभाग के अधिकारी एएस परवाल ने 33 हजार मेट्रिक टन से ज्यादा पैदावार होने की उम्मीद जताई है.

बता दें कि आम के बगीचों में इस साल पिछले साल से अधिक उत्पादन हुआ है. पिछले वर्ष किसानों को आंधी-तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ था. आम के बेहतर भाव मिलने की उम्मीद से कुछ बगीचों में आम तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. रामनगर में करीब 1700 हेक्टेहर भूमि पर 1लाख 70हज़ार से ज्यादा आम के पेड़ लगे हैं. जिनमें मुख्य रूप से लंगड़ा, चौसा, कलमी और दशहरी आम शामिल हैं.

बगीचे के ठेकेदार मोहम्मद आसिफ ने बताया कि इस बार आम की अच्छी फसल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अगर भाव अच्छा मिला, तो पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मुनाफा ज्यादा होगा. वहीं, ठेकेदारी मोहम्मद सहजान ने बताया कि इस बार आम की फसल पेड़ों पर लकदक है. पिछले वर्ष आंधी-तूफान से आम की फसल को नुकसान हुआ था, जिससे उनको नुकसान झेलना पड़ा था.

जानकार भजन लाल कश्यप ने बताया कि रामनगर और आसपास के क्षेत्र का आम मैदानी क्षेत्र के आमों से ज्यादा स्वादिष्ट होता है. यहां का आम देश-विदेश में भी सप्लाई होता है. ग्राहक लीलाधर शुक्ला ने बताया कि वह यहां आम खरीदने यूपी से आए हैं. यहां के आम का स्वाद अपने आप में अलग है. उन्होंने कहा कि लखनऊ में भी आम होता है, लेकिन यहां का आम का साइज बड़ा और स्वाद अपने आप में गजब है.

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रामनगर की लीची के बाद आम भी हुआ खास (video- ETV Bharat)

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बता दें कि आम के बगीचों में इस साल पिछले साल से अधिक उत्पादन हुआ है. पिछले वर्ष किसानों को आंधी-तूफान की वजह से भारी नुकसान हुआ था. आम के बेहतर भाव मिलने की उम्मीद से कुछ बगीचों में आम तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. रामनगर में करीब 1700 हेक्टेहर भूमि पर 1लाख 70हज़ार से ज्यादा आम के पेड़ लगे हैं. जिनमें मुख्य रूप से लंगड़ा, चौसा, कलमी और दशहरी आम शामिल हैं.

बगीचे के ठेकेदार मोहम्मद आसिफ ने बताया कि इस बार आम की अच्छी फसल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अगर भाव अच्छा मिला, तो पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मुनाफा ज्यादा होगा. वहीं, ठेकेदारी मोहम्मद सहजान ने बताया कि इस बार आम की फसल पेड़ों पर लकदक है. पिछले वर्ष आंधी-तूफान से आम की फसल को नुकसान हुआ था, जिससे उनको नुकसान झेलना पड़ा था.

जानकार भजन लाल कश्यप ने बताया कि रामनगर और आसपास के क्षेत्र का आम मैदानी क्षेत्र के आमों से ज्यादा स्वादिष्ट होता है. यहां का आम देश-विदेश में भी सप्लाई होता है. ग्राहक लीलाधर शुक्ला ने बताया कि वह यहां आम खरीदने यूपी से आए हैं. यहां के आम का स्वाद अपने आप में अलग है. उन्होंने कहा कि लखनऊ में भी आम होता है, लेकिन यहां का आम का साइज बड़ा और स्वाद अपने आप में गजब है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 7:48 PM IST
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