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मरीजों के लिए खुशखबरी; KGMU में रेनबो क्लीनिक की शुरुआत, HIV, हेपेटाइटिस और त्वचा के मरीज को मिलेगा इलाज - RAINBOW CLINIC STARTED IN KGMU

क्लीनिक में मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टर देंगे सलाह, काउंसलिंग, दवा और जांच की सुविधाएं भी मिलेंगी.

अब मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं होगा.
KGMU में शुरू की गई रेनबो क्लिनिक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 27, 2024, 10:11 AM IST

लखनऊ : केजीएमयू में एचआईवी, त्वचा, हेपेटाइटिस समेत दूसरे संक्रमण पीड़ितों को इलाज के लिए अलग-अलग क्लीनिक या विभागों में लाइन लगाने से छुटकारा मिलेगा. इन मरीजों को एक छत के नीचे इलाज मिल सकेगा. संक्रमित मरीजों के लिए अलग से रेनबो क्लीनिक की शुरूआत की गई.

क्लीनिक संयोजक डॉ. डी हिमांशु ने बताया इंफेक्शन डिजीज विभाग के अंतर्गत एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए रेनबो क्लीनिक की शुरुआत की गई. क्लीनिक में मेडिसिन, एआरटी सेंटर, त्वचा, मानसिक रोग, गेस्ट्रोलॉजी, इंडोक्राइन मेडिसिन, प्लास्टिक सर्जरी, इंफेक्शन डिजीज इत्यादि विभागों की सुविधाएं एक जगह पर मिलेंगी. इससे मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा.

उन्होंने बताया कि बहुत से एचआईवी संक्रमितों को त्वचा संबंधी दिक्कत हो जाती है. मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. कई बार ऑपरेशन तक करने की जरूरत पड़ती है. पेट संबंधी दिक्कत हो जाती है. इसी तरह वायरल हेपेटाइटिस व दूसरे मरीजों को एक से अधिक क्लीनिक पर जाने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में मरीजों को बार-बार कतार लगानी पड़ती है. क्लीनिक में एक छत के नीचे विशेषज्ञ रहेंगे. जिससे उन्हें इलाज के लिए भटकना नहीं होगा.

क्लीनिक शुरू होने से मरीजों को राहत : डॉ. डी हिमांशू ने बताया कि रेनबो क्लीनिक गुरुवार से शुरू की गई. हर माह के आखिरी सप्ताह में गुरुवार को सुबह 11 से एक बजे तक रेनबो क्लीनिक में मरीज देखे जाएंगे. पहले दिन मरीज को ओपीडी में मरीजों को देखा गया. काउंसलिंग व जरूरी दवाएं मुहैया कराई गई. इसमें त्वचा रोग विभाग की डॉ. स्वास्तिका, प्लास्टिक सर्जरी से विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार, मेडिसिन से डॉ. मेधावी गौतम, डॉ. अभिनव लोधी, गेस्ट्रोलॉजी एवं मानसिक रोग विभाग से सीनियर रेजिडेंट एवं एआरटी सेंटर से डॉ. सुमन शुक्ला मौजूद रहे.

दवा छूटने की गुंजाइश होगी कम : डॉ. डी. हिमांशू ने बताया कि एक छत के नीचे इलाज मिलने से मरीजों को सम्पूर्ण इलाज मिल सकेगा. मरीज को एक बार लाइन लगानी पड़ेगी. इससे दवा छूटने की आशंका कम होगी. कार्यक्रम में डॉ. आशा हेगड़े, डॉ. सारवान मूर्ति, सीडीएस से डॉ. श्रीनिवास, डॉ. आलिया रिज़वी, नाज फॉउंडेशन से आरिफ जफर एवं भरोसा फाउंडेशन से अमन उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें : न्यू कानपुर सिटी में 1500 प्लाट मिलेंगे; KDA की सीमा में शामिल हुए 80 गांव, 5 लाख की आबादी को मिलेगा लाभ

लखनऊ : केजीएमयू में एचआईवी, त्वचा, हेपेटाइटिस समेत दूसरे संक्रमण पीड़ितों को इलाज के लिए अलग-अलग क्लीनिक या विभागों में लाइन लगाने से छुटकारा मिलेगा. इन मरीजों को एक छत के नीचे इलाज मिल सकेगा. संक्रमित मरीजों के लिए अलग से रेनबो क्लीनिक की शुरूआत की गई.

क्लीनिक संयोजक डॉ. डी हिमांशु ने बताया इंफेक्शन डिजीज विभाग के अंतर्गत एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए रेनबो क्लीनिक की शुरुआत की गई. क्लीनिक में मेडिसिन, एआरटी सेंटर, त्वचा, मानसिक रोग, गेस्ट्रोलॉजी, इंडोक्राइन मेडिसिन, प्लास्टिक सर्जरी, इंफेक्शन डिजीज इत्यादि विभागों की सुविधाएं एक जगह पर मिलेंगी. इससे मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा.

उन्होंने बताया कि बहुत से एचआईवी संक्रमितों को त्वचा संबंधी दिक्कत हो जाती है. मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. कई बार ऑपरेशन तक करने की जरूरत पड़ती है. पेट संबंधी दिक्कत हो जाती है. इसी तरह वायरल हेपेटाइटिस व दूसरे मरीजों को एक से अधिक क्लीनिक पर जाने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में मरीजों को बार-बार कतार लगानी पड़ती है. क्लीनिक में एक छत के नीचे विशेषज्ञ रहेंगे. जिससे उन्हें इलाज के लिए भटकना नहीं होगा.

क्लीनिक शुरू होने से मरीजों को राहत : डॉ. डी हिमांशू ने बताया कि रेनबो क्लीनिक गुरुवार से शुरू की गई. हर माह के आखिरी सप्ताह में गुरुवार को सुबह 11 से एक बजे तक रेनबो क्लीनिक में मरीज देखे जाएंगे. पहले दिन मरीज को ओपीडी में मरीजों को देखा गया. काउंसलिंग व जरूरी दवाएं मुहैया कराई गई. इसमें त्वचा रोग विभाग की डॉ. स्वास्तिका, प्लास्टिक सर्जरी से विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार, मेडिसिन से डॉ. मेधावी गौतम, डॉ. अभिनव लोधी, गेस्ट्रोलॉजी एवं मानसिक रोग विभाग से सीनियर रेजिडेंट एवं एआरटी सेंटर से डॉ. सुमन शुक्ला मौजूद रहे.

दवा छूटने की गुंजाइश होगी कम : डॉ. डी. हिमांशू ने बताया कि एक छत के नीचे इलाज मिलने से मरीजों को सम्पूर्ण इलाज मिल सकेगा. मरीज को एक बार लाइन लगानी पड़ेगी. इससे दवा छूटने की आशंका कम होगी. कार्यक्रम में डॉ. आशा हेगड़े, डॉ. सारवान मूर्ति, सीडीएस से डॉ. श्रीनिवास, डॉ. आलिया रिज़वी, नाज फॉउंडेशन से आरिफ जफर एवं भरोसा फाउंडेशन से अमन उपस्थित रहे.

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