लखनऊ : नए साल से कानपुर और आगरा में किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को काफी राहत मिलने वाली है. कानपुर के जीएसवीएम और आगरा के SN मेडिकल कॉलेज में नये साल से गुर्दा प्रत्यारोपण की शुरुआत होने जा रही है. प्रदेश सरकार और नेशनल आर्गन एंड टीशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) से इसके लिए मंजूरी मिल गई है. इसके साथ ही इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में नेफ्रोलॉजिस्ट और यूरोलॉजिस्ट की तैनाती हो गई है. अब यहां डीएनबी और डीएम कोर्स की मंजूरी भी मिल गई है. इन दोनों संस्थानों में SGPGI के गुर्दा विशेषज्ञ जाकर गुर्दा प्रत्यारोपण की शुरुआत कराएंगे. ऐसा होने से प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे मरीजों को काफी राहत मिलेगी. वहीं दूसरे चरण में गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी और मेरठ में प्रत्यारोपण की शुरुआत होगी.
तैयारियों का जायजा लेने जाएंगे PGI के विशेषज्ञ : पीजीआई नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद संस्थान के साथ-साथ अभी तक उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और बिहार में गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू करा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज में गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू कराया जाना है, फिलहाल कानपुर और आगरा मेडिकल कॉलेज में प्रत्यारोपण की मंजूरी मिल गई है. इसी हफ्ते में पीजीआई के विशेषज्ञों की टीम इन मेडिकल कॉलेजों में प्रत्यारोपण से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने पहुंचेगी. डॉ. नारायण के मुताबिक प्रदेश में इस समय करीब 50 हजार गुर्दा रोगी हैं, जिन्हें प्रत्यारोपण की आवश्यकता है.
केंद्रीय मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही हो जाएगी शुरुआत : स्टेट आर्गन एंड टीशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल व पीजीआई अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश हर्षवधन ने बताया कि कानपुर और आगरा में गुर्दा प्रत्यारोपण से जुड़ी सभी तैयारियां चल रही हैं. केंद्रीय मंत्रालय की संतुष्टि एवं बजट की मंजूरी मिलते ही नए वर्ष में इन दोंनो मेडिकल कॉलेज में गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू कर दिया जाएगा. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू होने से गरीब व सामान्य रोगियों को काफी राहत मिलेगी.
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