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झंडेवालान मंदिर में नवरात्रि के तीसरे दिन हुई मां चंद्रघंटा की पूजा, देखिए तस्वीरें - NAVRATRI 2024 DAY 3 - NAVRATRI 2024 DAY 3

Maa Chandraghanta puja:नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जा रही है. सुबह से दिल्ली के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है.

Maa Chandraghanta puja navratri 2024
आज करें मां चंद्रघंटा की पूजा (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2024, 8:19 AM IST

Updated : Oct 5, 2024, 11:52 AM IST

नई दिल्ली:शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन भी राजधानी के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. दिल्ली के प्राचीन झंडेवालान मंदिर में सुबह से ही भक्त माता के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. झंडेवालान मंदिर, छतरपुर मंदिर और मां कालकाजी मंदिर में बड़ी तादाद में श्रद्धालु मां के लिए दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इन मंदिरों में नवरात्रि के लिए व्यापक तैयारियां की गईं है. इन मंदिरों में इस अवसर पर देवी भगवती का विशेष श्रृंगार भी किया गया है.

शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन शनिवार सुबह झंडेवालान माता मंदिर में आरती की गई. यह त्यौहार पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें देवी के विभिन्न रूपों का सम्मान करते हुए अनुष्ठान और प्रार्थनाएं की जाती हैं. इस दिन देवी दुर्गा की माता चंद्रघंटा के रूप में पूजा की जाती है.

Maa Chandraghanta puja Navratri 2024
ऐसा है मां चंद्रघंटा का रूप (SOURCE: ETV BHARAT)

बांसुरी स्वराज ने माता की चौकी कार्यक्रम में हिस्सा लिया
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बांसुरी स्वराज ने शुक्रवार रात सफदरजंग एन्क्लेव में माता की चौकी कार्यक्रम में भाग लिया. स्वराज ने कहा, "मैं यहां आकर बहुत खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि देवी दुर्गा हम सभी को आशीर्वाद देंगी।"

कालकाजी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़
वहीं आज तीसरे दिन भी कालकाजी मंदिर में भक्त पहुंच रहे हैं और माता के दर्शन कर रहे हैं. वहीं नवरात्रों के दौरान लगातार कालका माता का सुंदर फूलों से श्रृंगार किया जा रहा है, माता के दरबार को फूलों से सजाया गया है और माता की आरती की गई. भक्त सुबह से ही माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं और मां कालका के दर्शन कर रहे हैं.

कालका माता के दरबार में भक्तों की लगी भीड़
कालका माता के दरबार में भक्तों की लगी भीड़ (SOURCE: ETV BHARAT)

कैसा है मां चंद्रघंटा का रूप
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप 'देवी चंद्रघंटा' की आराधना की जाती है. कहते हैं कि देवी चंद्रघंटा पार्वती माता का विवाहित रूप हैं. उन्होंने शिव जी से विवाह करने के बाद माथे पर आधा चंद्रमा सजाना शुरू कर दिया था. इसलिए उन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है. बात देवी के रूप की करें, तों उनका स्वरूप मन मोह लेने वाला है. वह हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार, बाण, धनुष, कमंडल व कमल का फूल रखती हैं.

माना जाता है कि उनकी अर्चना से जातक के भाग्य में वृद्धि होती है. इस दौरान आरती करना और भी फलदायक है. इससे जातक की सभी समस्याएं दूर होती हैं. देश की राजधानी दिल्ली में प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा छोटे-छोटे पंडालों में भी माता रानी की मूर्ति विराजमान की गई है. इसके अलावा जगह-जगह देवी जागरण का भी आयोजन किया जा रहा है.

नवरात्रि का तीसरा दिन: पूजा विधि

नवरात्रि के तीसरे दिन, यह सुझाव दिया जाता है कि भक्त जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. वे देवी की मूर्ति को एक मंच पर या अपने पूजा कक्ष में रख सकते हैं, और इसे केसर, गंगा जल और केवड़ा से शुद्ध कर सकते हैं. इसके बाद देवी को उनके पारंपरिक परिधान पहनाकर पीले फूल, चमेली, पंचामृत और मिश्री का भोग लगाया जा सकता है.

देवी को पसंद है लाल रंग
लाल रंग देवी चंद्रघंटा का है, जिनकी नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा की जाती है. उन्हें एक योद्धा देवी के रूप में दर्शाया गया है जो बाघ की सवारी करती हैं, दस भुजाओं वाली हैं और विभिन्न हथियार रखती हैं. वह लाल कपड़े पहनती हैं और उनके माथे पर अर्धचंद्र है.

लाल रंग ऊर्जा, जीवन शक्ति और शक्ति से भी जुड़ा हुआ है. यह एक ऐसा रंग है जो लोगों को कार्रवाई करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकता है. माना जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग पहनने से देवी चंद्रघंटा का आशीर्वाद मिलता है और सौभाग्य और सफलता मिलती है.

ये भी पढ़ें- शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, मां चंद्रघण्टा की मन से करें पूजा, जीवन में मिलेगी सुख-शांति

ये भी पढ़ें- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें विधि-महत्व और मंत्र

नई दिल्ली:शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन भी राजधानी के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. दिल्ली के प्राचीन झंडेवालान मंदिर में सुबह से ही भक्त माता के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. झंडेवालान मंदिर, छतरपुर मंदिर और मां कालकाजी मंदिर में बड़ी तादाद में श्रद्धालु मां के लिए दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इन मंदिरों में नवरात्रि के लिए व्यापक तैयारियां की गईं है. इन मंदिरों में इस अवसर पर देवी भगवती का विशेष श्रृंगार भी किया गया है.

शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन शनिवार सुबह झंडेवालान माता मंदिर में आरती की गई. यह त्यौहार पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें देवी के विभिन्न रूपों का सम्मान करते हुए अनुष्ठान और प्रार्थनाएं की जाती हैं. इस दिन देवी दुर्गा की माता चंद्रघंटा के रूप में पूजा की जाती है.

Maa Chandraghanta puja Navratri 2024
ऐसा है मां चंद्रघंटा का रूप (SOURCE: ETV BHARAT)

बांसुरी स्वराज ने माता की चौकी कार्यक्रम में हिस्सा लिया
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बांसुरी स्वराज ने शुक्रवार रात सफदरजंग एन्क्लेव में माता की चौकी कार्यक्रम में भाग लिया. स्वराज ने कहा, "मैं यहां आकर बहुत खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि देवी दुर्गा हम सभी को आशीर्वाद देंगी।"

कालकाजी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़
वहीं आज तीसरे दिन भी कालकाजी मंदिर में भक्त पहुंच रहे हैं और माता के दर्शन कर रहे हैं. वहीं नवरात्रों के दौरान लगातार कालका माता का सुंदर फूलों से श्रृंगार किया जा रहा है, माता के दरबार को फूलों से सजाया गया है और माता की आरती की गई. भक्त सुबह से ही माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं और मां कालका के दर्शन कर रहे हैं.

कालका माता के दरबार में भक्तों की लगी भीड़
कालका माता के दरबार में भक्तों की लगी भीड़ (SOURCE: ETV BHARAT)

कैसा है मां चंद्रघंटा का रूप
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप 'देवी चंद्रघंटा' की आराधना की जाती है. कहते हैं कि देवी चंद्रघंटा पार्वती माता का विवाहित रूप हैं. उन्होंने शिव जी से विवाह करने के बाद माथे पर आधा चंद्रमा सजाना शुरू कर दिया था. इसलिए उन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है. बात देवी के रूप की करें, तों उनका स्वरूप मन मोह लेने वाला है. वह हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार, बाण, धनुष, कमंडल व कमल का फूल रखती हैं.

माना जाता है कि उनकी अर्चना से जातक के भाग्य में वृद्धि होती है. इस दौरान आरती करना और भी फलदायक है. इससे जातक की सभी समस्याएं दूर होती हैं. देश की राजधानी दिल्ली में प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा छोटे-छोटे पंडालों में भी माता रानी की मूर्ति विराजमान की गई है. इसके अलावा जगह-जगह देवी जागरण का भी आयोजन किया जा रहा है.

नवरात्रि का तीसरा दिन: पूजा विधि

नवरात्रि के तीसरे दिन, यह सुझाव दिया जाता है कि भक्त जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. वे देवी की मूर्ति को एक मंच पर या अपने पूजा कक्ष में रख सकते हैं, और इसे केसर, गंगा जल और केवड़ा से शुद्ध कर सकते हैं. इसके बाद देवी को उनके पारंपरिक परिधान पहनाकर पीले फूल, चमेली, पंचामृत और मिश्री का भोग लगाया जा सकता है.

देवी को पसंद है लाल रंग
लाल रंग देवी चंद्रघंटा का है, जिनकी नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा की जाती है. उन्हें एक योद्धा देवी के रूप में दर्शाया गया है जो बाघ की सवारी करती हैं, दस भुजाओं वाली हैं और विभिन्न हथियार रखती हैं. वह लाल कपड़े पहनती हैं और उनके माथे पर अर्धचंद्र है.

लाल रंग ऊर्जा, जीवन शक्ति और शक्ति से भी जुड़ा हुआ है. यह एक ऐसा रंग है जो लोगों को कार्रवाई करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकता है. माना जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग पहनने से देवी चंद्रघंटा का आशीर्वाद मिलता है और सौभाग्य और सफलता मिलती है.

ये भी पढ़ें- शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन, मां चंद्रघण्टा की मन से करें पूजा, जीवन में मिलेगी सुख-शांति

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Last Updated : Oct 5, 2024, 11:52 AM IST
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