भरतपुर. अकेले रहने वाले बुजुर्ग और दिव्यांगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा डस्टबिन तैयार किया गया है जो सिर्फ एक क्लिक पर खुद कचरा उठाने पहुंच जाएगा. ये कमाल किया है भरतपुर के महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने. छात्राओं ने एक स्मार्ट डस्टबिन तैयार किया है, जो मोबाइल से कनेक्ट हो सकेगा और एक क्लिक पर एक स्थान से शेयर स्थान पर आ-जा सकेगा. इतना ही नहीं, यह डस्टबिन सिर्फ 1 हजार रुपये से भी कम लागत में तैयार कर लिया गया है. आइए जानते हैं कि इस स्मार्ट डस्टबिन में और क्या-क्या खूबियां हैं.
15 दिन में तैयार कर दिया स्मार्ट डस्टबिन : महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रवक्ता उपेन्द्र चौधरी और कंप्यूटर साइंस के प्रवक्ता प्रांजल बंसल के निर्देशन में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की तृतीय वर्ष की छात्रा पूजा कुशवाहा और पायल थापर ने स्मार्ट डस्टबिन तैयार किया है. इसे तैयार करने में करीब 15 दिन का वक्त लगा और करीब 1 हजार रुप/s से भी कम लागत आई.
ऐसे किया तैयार : प्रवक्ता उपेन्द्र चौधरी ने बताया कि स्मार्ट डस्टबिन तैयार करने के लिए सबसे पहले तो पीवीसी पाइप से फ्रेम तैयार किया. इससे लागत भी कम आई और इसी में पहिए भी लगा दिए गए. इसके अलावा बाजार से एक डस्टबिन खरीदकर इस फ्रेम में लगाया गया. इसमें एक अल्ट्रासोनिक सेंसर लगाया गया है, जिससे कचरा डालते समय डस्टबिन का ढक्कन बिना हाथ लगाए अपनेआप खुल जाएगा और कचरा डालते ही बंद हो जाएगा.
इसमें सर्वो मोटर का भी इस्तेमाल किया गया है, जो कि डस्टबिन को अलग-अलग दिशा में घुमाने और मूव कराने में मदद करेगी. डस्टबिन को ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल से कनेक्ट किया का सकेगा और उससे कमांड दी जा सकेगी.
इसलिए तैयार किया अनूठा डस्टबिन : छात्रा पूजा और पायल ने बताया कि यह डस्टबिन विशेष रूप से बुजुर्ग व दिव्यांगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. जो बुजुर्ग और दिव्यांग घर में अकेले रहते हैं, उन्हें चलने-फिरने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ऐसे में स्मार्ट डस्टबिन ऐसे लोगों के लिए मददगार साबित होगा. साथ ही स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और बाजार आदि स्थानों पर भी सफाई व्यवस्था बनाए रखने में स्मार्ट डस्टबिन उपयोगी साबित हो सकता है.