शिवहर: बिाहर के शिवहर में छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. मामला जिले के नगर थाना क्षेत्र के नगर परिषद 8 का है. छात्रा ने इस साल मैट्रिक की परीक्षा दी थी, जिसका बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से रविवार को रिजल्ट जारी कर दिया गया है. छात्रा अपने रिजल्ट देखने के बाद से निराश थी, जिसके बाद ही उसने ऐसा कदम उठाया है.
रिजल्ट देखने के बाद की खुदकुशी: मृतका के पिता ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा का परिणाम आने पर बेटी ने मोबाइल पर ही अपना रिजल्ट देखा था. जिसमें मात्र 160 नंबर आने के कारण वह मैट्रिक परीक्षा में फेल हो गई थी, असफल हो जाने का गम वो बर्दाश्त नहीं कर पाई. सभी ने उसे समझाने का भी काम किया और कहा कि आगे की तैयारी करो, जिसके बाद बेटी रोते हुए अपने कमरे में चली गई. जब तक घर वाले कुछ समझते तब तक उसने कमरे का दरवाजा बंद कर आत्महत्या कर ली.
"रिजल्ट आने के बाद से वो निराश थी, घर में कोई नहीं रहने पर उसने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली. जब हम लोगों ने दरवाजा खोलने के लिए अवाज लगाया तो उसने दरवाजा नहीं खोला, जिस पर दरवाजा तोड़ा गया, तबतक उसकी मौत हो चुकी थी."-मृतका के पिता
मामले में यूडी केस दर्ज: घटना के संबंध में नगर थानाअध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर, पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. थानाध्यक्ष ने आगे कहा कि शव की पहचान सत्यदेव साह की 17 वर्षीय पुत्री खुशबु कुमारी के रूप में हुई है. घटना के विरुद्ध यूडी केस दर्ज किया गया है. बेटी के आकस्मिक मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
"घटना के विरुद्ध यूडी केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. परिजनों ने बताया है कि मैट्रिक की परीक्षा में पास नहीं होने पाने से छात्रा निराश थी और उसने आत्महत्या कर ली है."-अभय कुमार सिंह, थानाध्यक्ष
असफल होने पर दें कंपांटमेंटल परीक्षा: मैट्रिक परीक्षा में जो परीक्षार्थी सफल नहीं हो पाए हैं, वो 3 अप्रैल से 9 अप्रैल तक कंपांटमेंटल परीक्षा के लिए फॉर्म भर सकते हैं. अप्रैल में ही ये परीक्षा शुरू हो जाएगी और इस परीक्षा का रिजल्ट मई तक घोषित कर दिया जाएगा. इस परीक्षा में सफल होने के बाद छात्रों के रिजल्ट पर कंपांटमेंट रिजल्ट जैसा कुछ नहीं लिखा होगा.
डिप्रेशन से कैसे बचे स्टूडेंट्स: परीक्षा में सफल नहीं होने से कई छात्र डिप्रेशन में चले जाते हैं और कोई गलत कदम उठा लेते हैं. ऐसे समय पर छात्रों को अपने परिवार के साथ समय बीताना चाहिए. बड़ों से बातचीत करके आगे की पढ़ाई की योजनो तैयार करनी चाहिए. वहीं बाहर वॉक पर जाने से भी डिप्रेशन में कमी आती है. इसका अलावा रोजाना योग और मेडिटेशन से भी काफी लाभ मिलता है.