कोटा. प्रदेश में मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 'आहार मिलावट पर वार' अभियान चलाया हुआ है. इसके तहत आज शुक्रवार को कोटा के रानपुर इंडस्ट्रियल एरिया में कार्रवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने करीब 780 लीटर की मिलावटी घी की खेप पकड़ी है. प्रारंभिक तौर पर घी में गड़बड़ी मिलने पर इसे सीज कर दिया गया है. इसके अलावा चार नमूने भी खाद्य सुरक्षा टीम ने वहां से लिए हैं. अग्रिम आदेशों तक कारखाने पर किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं करने के लिए खाद्य कारोबार को पाबंद किया गया है.
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यहां पहले भी हो चुकी कार्रवाई : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोटा डॉ. जगदीश सोनी के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल, चंद्रवीरसिंह जादौन व नितेश गौतम की टीम ने रानपुर इंडस्ट्रियल एरिया में मैसर्स बाल गोपाल डेयरी प्रोडक्ट्स घी के कारखाने पर छापामार कार्रवाई की है. मौके पर कारखाने में ऋषभ जैन व लोकेश शर्मा उपस्थित मिले. यहां पहले भी कार्रवाई की गई थी, जिसका मामला न्यायालय में चल रहा है. अब फिर से विभाग ने कार्रवाई कर 780 लीटर घी को सीज किया है.
इसके अलावा ग्वाल कृष्णा, सोरस, गुडवेल शक्ति भोग व श्री परख के चार नमूने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत लिए हैं, जबकि पूरे राजस्थान में एनफोर्समेंट की 81 व सर्विलेंस की 82 कार्रवाई की गई है, जिनमें 1645 किलो खाद्य सामग्री जब्त की गई है और 3570 किलो अशुद्ध सामग्री नष्ट की गई है. इसी प्रकार मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के माध्यम से 523 नूमनों की जांच की गई है.
हजारों लीटर बाजार में खपाया : फूड सेफ्टी ऑफिसर चंद्रवीर सिंह जादौन का कहना है कि इस फैक्ट्री में प्रारंभिक तौर पर केमिकल के बटर ऑयल से घी बनाना सामने आया है. इसी मामले में पहले भी इस फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. इस घी को 400 रुपए प्रति किलो की दर से बाजार में बेचा जा रहा था. चंद्रवीर सिंह जादौन का कहना है कि इस फैक्ट्री पर पहले भी इस तरह के ही आरोप थे. ऐसे में संभावना है कि लंबे समय से यहां पर यह काम हो रहा था. कितने लीटर इसने घी बेचा है, यह भी पूछताछ का विषय है. प्रारंभिक तौर पर हजारों लीटर घी यहां बन चुका है. केमिकल के बटर ऑयल से बनने वाले इस घी की लागत 200 रुपए प्रति लीटर आती है, यह किडनी, हार्ट व लीवर सहित कई अंगों को नुकसान व बीमारियां आम जनता को पहुंचाता है.