नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के डासना जेल में रक्षाबंधन पर जेल प्रशासन की ओर से खास आयोजन किया गया. बहनों ने अपने जेल में बंद भाइयों की कलाई पर राखी बांधी. जेल परिसर में सुबह से ही राखी बांधने के लिए बहनों की लंबी कतारें लगी थीं. यह दृश्य न केवल मार्मिक था बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक था.
बहनों के लिए जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी. उन्होंने जेल के भीतर तैयार की गई राखियों को प्रदर्शनी में रखा था, जहां से बहनों ने उन्हें चुना और अपने भाइयों की कलाई पर बांधा. जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन पर विशेष तैयारियां की गई थीं ताकि जेल में बंद भाइयों और उनकी बहनों के लिए यह दिन यादगार बन सके.
साथ ही दूर -दूर से अपने भाइयों से मिलने आई बहनों को कोई परेशानी ना हो. गर्मी के बावजूद बहनों ने बड़ी श्रद्धा और प्रेम से अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी. जेल परिसर में बहनों के चेहरे पर भावनाओं का उमड़ता समंदर साफ दिखाई दे रहा था. कई बहनों की आंखें आंसूओं से भरी थीं, जो इस पवित्र बंधन की गहराई को दर्शा रहा था.
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डासना जेल में आयोजित इस रक्षाबंधन के आयोजन ने इस त्योहार को एक नई पहचान दी है. आयोजन सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि एक ऐसा पल था, जिसने जेल के कठोर वातावरण को भी भावनाओं से सराबोर कर दिया. यह भाई-बहन के अटूट प्रेम और समर्पण की अनूठी मिसाल बन गया.
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के अनुसार, इस आयोजन से कैदियों में भी एक सकारात्मक बदलाव देखा गया है. रक्षाबंधन के इस विशेष आयोजन ने जेल की दीवारों के भीतर भी प्रेम और स्नेह की नई लहर पैदा कर दी है.
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