नई दिल्ली: गाजियाबाद में भूगर्भ का जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. जिससे हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं. शहर के कई इलाकों में जल स्तर नीचे चला गया है जो लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. माइनर इरिगेशन डिविजन गाजियाबाद के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हरिओम के मुताबिक जनपद गाजियाबाद के विजयनगर क्षेत्र में जलस्तर में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है. गाजियाबाद पांच भागों में बंटा हुआ है, जिसमें एक नगर निगम का क्षेत्र है चार विकास खंड है.
बीते 6 सालों में विजयनगर क्षेत्र का जलस्तर 11 मीटर गिर गया है. वहीं भोजपुर इलाके में 3.5 मीटर जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है. हरिओम का कहना है कि जलस्तर नीचे खिसकने का मुख्य कारण है ग्राउंडवाटर का इस्तेमाल ज्यादा करना, जबकि ग्राउंड वाटर रिचार्ज कम होता है. औद्योगिक इकाइयां बड़े पैमाने पर भू-जल का दोहन कर रही है. उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाइयां एनओसी लेकर ग्राउंडवाटर का इस्तेमाल करती हैं. निकाले गए ग्राउंडवाटर का 200 प्रतिशत रिचार्ज करना होता है. जो नहीं हो रहा है.
जिस क्षेत्र में 20 सेंटीमीटर तक तीन साल तक लगातार जलस्तर में गिरावट दर्ज की जाती है. उस क्षेत्र को सिंचाई विभाग द्वारा नोटिफाइड एरिया घोषित किया जाता है. गाजियाबाद के नगर निगम क्षेत्र को 1998 में नोटिफाइड एरिया घोषित किया गया था. अधिकारियों का मानना है कि जलस्तर को बढ़ाने के लिए सभी लोगों को अपने घर की छत पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम करना होगा.
यह भी पढ़ें- जल मंत्री आतिशी के सत्याग्रह में सिविल डिफेंस कर्मचारियों का हंगामा, पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगाए मारपीट के आरोप
रेनवाटर हार्वेस्टिंग से तेजी के साथ ग्राउंडवाटर रिचार्ज होता है. जिससे कि लगातार गिर रहा जलस्तर ऊपर उठने लगता है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जहां-जहां अवैध रूप से जलदोहन की शिकायतें प्राप्त हो रही है. वहां पर लगातार विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में शहरी क्षेत्र के तीन आरओ प्लांट को सील किया गया है.
यह भी पढ़ें- पानी की समस्या को लेकर दिल्ली भाजपा ने बुध विहार में निकाला पैदल मार्च, केजरीवाल सरकार को घेरा