उत्तरकाशी: गंगोत्री घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के कारण गंगोत्री धाम में अचानक भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया. हालांकि, समय रहते सभी श्रद्धालु सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए. जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया. भागीरथी का जलस्तर बढ़ने से धाम के स्नान घाट जलमग्न हो गए हैं. वहीं, सुरक्षा को देखते हुए पुलिस और एसडीआरएफ के जवान मौके पर तैनात हैं. जो कांवड़ियों को जल भरते हुए सचेत कर रही है.
बता दें कि उत्तरकाशी जिले में लगातार बारिश हो रही है. जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शुक्रवार को गंगोत्री हाईवे थिरांग और यमुनोत्री डाबरकोट के पास बंद हो गया था. लगातार बारिश को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया था. हाईवे बंद होने से कांवड़ियां और तीर्थयात्री जगह-जगह फंसे. देर शाम को हाईवे खुलने के बाद हाईवे पर यातायात सुचारू किया गया.
गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने से मची अफरा-तफरी: वहीं, गंगोत्री धाम में देर शाम को भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ गया. जिससे अफरा-तफरी मच गई. पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने कहा कि जलस्तर बढ़ा था, लेकिन अब स्तिथि दोबारा सामान्य हो गई है. खतरे की अब कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि घाटी में भागीरथी की कोई सहायक नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण करीब एक दो घंटे पूजा और स्नान घाट जलमग्न हुए, लेकिन धीरे-धीरे जलस्तर सामान्य हो रहा है.
क्या बोले आपदा प्रबंधन अधिकारी? उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में नदी जल जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली है. पुलिस और एसडीआरएफ मौके पर तैनात है. उन्होंने सभी तीर्थ यात्रियों और कांवडियों से घाट पर न जाने की अपील की है. जब तक नदी का जलस्तर कम न हो, तब तक वो जल भरने न जाएं.
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