Ghadi Wale Baba Temple: कानपुर: आपने उज्जैन के घड़ी वाले बाबा मंदिर के बारे में जरूर सुना होगा, जहां पर घड़ियां बांधने की मान्यता है. वहीं, गुजरात में भी समय देव मंदिर काफी प्रसिद्ध है, वहां भी प्रसाद में घड़ियां चढ़ाई जातीं हैं. इन दोनों मंदिरों की तरह ही कानपुर में भी घड़ी वाले बाबा का मंदिर है. यहां समय देव का पूजन-अर्चन किया जाता है. चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में.
दरअसल, कानपुर के नवाबगंज में स्थित इस मंदिर को समय देव मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के पुजारी विष्णु बताते हैं कि यह मंदिर करीब 80 साल पुराना है. इस मंदिर की खास विशेषता यह है कि यहां पर आने वाले भक्त पूजा में प्रसाद नहीं बल्कि घड़ी चढ़ाते हैं. उन्होंने बताया कि उनके भाई गुजरात में स्थित समय देव मंदिर में दर्शन के लिए गए हुए थे, जहां पर उन्होंने मन्नत मांगी थी और जब उनकी मन्नत पूरी हो गई थी. उन्होंने गुजरात की तरह ही कानपुर में भी समय देव का मंदिर बनवाया. उन्होंने इस मंदिर में गुजरात की तरह ही पहली बार घड़ी चढ़ाई. इसके बाद यह परंपरा बन गई.
लोगों की माने तो इस मंदिर की मान्यता है कि अगर आपका समय खराब चल रहा है और आप यहां आकर सच्चे मन से जो भी मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है. जब मन्नत पूरी हो जाती है तो भक्त प्रसाद में घड़ी अर्पित करते हैं. उन्होंने कहा कि इस मंदिर की प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी है. यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं.
मंदिर में हर तरफ घड़ी ही घड़ी
मंदिर में हर तरफ घड़ी ही घड़ी नजर आती है, मंदिर के पुजारी विष्णु ने बताया कि जब मंदिर में घड़ियां ज्यादा हो जाती हैं तो उन घड़ियों को प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में रोजाना विधि विधान से पूजा की जाती है. आस-पास के लोग ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी यहां पर अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह प्रसाद की जगह यहां पर घड़ी चढ़ते हैं.
उज्जैन में भी हैं घड़ी वाले बाबा का मंदिर
उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर स्थित उन्हेल से महिदपर रोड के बीच पड़ने वाले गांव गुराडिया सगस में भैरव मंदिर है. यह मंदिर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है. इस मंदिर को घड़ी वाले बाबा के नाम से जाना जाता है. यहां घड़ी बांधने भक्त दूर-दूर से आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में घड़ी बांधने से बुरा वक्त दूर हो जाता है.
(नोट: ईटीवी भारत किसी भी दावे का समर्थन नहीं करता है, यह खबर धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.)
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