हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर की पहाड़ी पर भूस्खलन रोकने के लिए भू-वैज्ञानिकों की टीम ने एक बार फिर स्थलीय निरीक्षण किया. डीएम के निर्देश पर सिंचाई विभाग,आईआईटी रुड़की से आए प्रोफेसर और यूएलएमएमसी के अधिकारियों ने मनसा देवी पैदल मार्ग पर पहुंचकर निरीक्षण किया. अधिकारियों ने दावा किया कि इस बार बरसात से पहले भूस्खलन के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे.
गौरतलब है कि मनसा देवी मंदिर पर हर साल बरसात के सीजन में भूस्खलन होता है. जिससे हरकी पैड़ी क्षेत्र खतरे की जद में आ गया है. पिछले साल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने पहाड़ी का सर्वे कराकर ट्रीटमेंट कराने की बात कही थी. इसको लेकर अब तक कई मीटिंग और निरीक्षण हो चुके हैं, हालांकि ट्रीटमेंट अभी तक शुरू नहीं हुआ है. सिंचाई विभाग ईई मंजू डैनी ने बताया कि पहाड़ का ट्रीटमेंट दो भागों में किया जाएगा. पहले शॉर्ट टर्म कार्यों को पर फोकस किया जाएगा. उसके बाद मेजर कार्यों पर फोकस किया जाएगा. शॉर्ट टर्म कार्यों की अगर बात की जाए तो उसमें चेक डैम पहाड़ का ट्रीटमेंट और पहाड़ पर प्लांटेशन इत्यादि का कार्य किया जाएगा.
मेजर कार्यों की बात की जाए तो पहाड़ से मिट्टी शहर की ओर ना आए इसके लिए पहाड़ पर मिट्टी को रोकना व इसी के साथ पहाड़ की विशेषज्ञों द्वारा दी गई राय पर विचार करके मेजर कार्य किए जाएंगे. पहले चरण में हमारे द्वारा शॉर्ट टर्म कार्य पर फोकस किया जाएगा. बता दें कि मनसा देवी पहाड़ से आठ मुख्य स्थानों पर भूस्खलन होता है. भूस्खलन के कारण निचले क्षेत्र में हर साल बड़ी आबादी को नुकसान उठाना पड़ता है. पहाड़ का मलबा लोगों के घरों तक पहुंचता है. क्षेत्र की ब्रह्मपुरी, भूरे की खोल, भीमगोड़ा, खड़खड़ी, मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग, अपर रोड, सब्जी मंडी आदि क्षेत्रों में पहाड़ों का मलबा आता है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.
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