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एम्स में मुफ्त जेनरिक दवा मिलने का संकट गहराया, हर दिन इलाज के लिए आते है 20 हजार मरीज - generic medicine shortage in AIIMS

देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स दिल्ली के मरीजों को मिलने वाली मुफ्त दवा पर संकट गहरा गया है. दवा की सप्लाई करने वाली कंपनी एचएलएल के पूरे प्रबंधन को बदलने के लिये मंत्रालय में तलब किया गया है.

AIIMS
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 16, 2024, 9:18 AM IST

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स में मरीजों को मिलने वाली मुफ्त जेनरिक दवाइयां मिलने पर संकट गहराता दिख रहा है, क्योंकि एम्स को मुफ्त जेनरिक दवाई की सप्लाई करने वाली कंपनी एचएलएल लाइफ केयर (भारत सरकार) का कांट्रैक्ट अगले महीने मई में समाप्त हो रहा है.

कांट्रैक्ट समाप्त होना ही बड़ा कारण नहीं है, एम्स के रिडेवलपमेंट का कार्य शुरू होने वाला है, जिसके कारण कंपनी को दवाइयां वितरण करने के लिए ओल्ड राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी के पास जो जगह दी गई है, वहां संस्थान के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट पर काम होगा. इसके अलावा मेडिकल इंप्लांट्स को लेकर सीनियर फैकल्टी की शिकायत भी एक बड़ा मुद्दा है. अगर यह जगह इसके हाथ से जाएगी तो मरीजों को परेशानी हो सकती है.

एम्स दिल्ली में हर दिन लगभग 20 हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें से प्रतिदिन चार हजार मरीजों को यहां से मुफ्त जेनरिक दवाइयां दी जाती हैं. सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एचएलएल प्रबंधन ने एम्स के डायरेक्टर से कांट्रैक्ट के नवीनीकरण के साथ-साथ जेनरिक फार्मेसी को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए आग्रह किया था, जिसे उन्होंने विचाराधीन रखते हुए प्रबंधन को कांट्रैक्ट के नवीनीकरण का आश्वासन तो दे दिया, लेकिन जगह को लेकर कोई स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है. इस बीच सीनियर फैकल्टी सदस्यों की ओर से कंपनी प्रबंधन की शिकायतों को लेकर डायरेक्टर काफी नाराज हो गए हैं और इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्रालय में भी कर दी. सूत्र बताते हैं कि एम्स के डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास एचएलएल प्रबंधन की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए उन्होंने पूरे प्रबंधन को बदलने की सिफारिश कर दी है.

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एचएलएल के पूरे प्रबंधन को किया तलब
सूत्र बताते हैं कि एम्स के डायरेक्टर की शिकायत को स्वास्थ मंत्रालय ने संज्ञान में लिया है और मंगलवार शाम चार बजे मंत्रालय में एचएलएल के पूरे प्रबंधन को तलब किया है. साथ ही, एम्स के डायरेक्टर को भी उपस्थित रहने को कहा गया है. स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग होने वाली है. प्रबंधन को भेजे गए लेटर के अनुसार, मीटिंग का मुद्दा एचएलएल द्वारा संचालित अमृत फार्मेसी के प्रबंधन को बदलने के बारे में है. इस लेटर से पूरे प्रबंधन में हड़कंप मच गया है. प्रबंधन ने अपने बचाव के पक्ष में तैयारी भी कर ली है। हर आरोप के जवाब तैयार किया गया है.

शिकायतों को लिया संज्ञान
सूत्र बताते हैं कि एचएलएल एम्स में मरीजों को मुफ्त जेनरिक दवाई का वितरण करने के साथ-साथ अमृत फार्मेसी से जरूरतमंद मरीजों को 56 प्रतिशत की छूट के साथ कैंसर, हार्ट एवं अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए दवाई भी उपलब्ध कराती है. एम्स के डायरेक्टर ने निजी कंपनियों के दलालों के माध्यम से मिलने वाले इंप्लाट्ंस के उपयोग को खत्म करने और एम्स परिसर को दलालों से मुक्त करने के लिए अमृत फार्मेसी को हर प्रकार के इंप्लांट्स रखने को कहा था. इसको लेकर प्रबंधन की ओर से कथित तौर पर लापरवाही बरती गई. इसको लेकर एम्स के कुछ सीनियर फैकल्टी सदस्यों ने डायरेक्टर से लिखित में शिकायत कर दी. एम्स ट्रामा सेंटर के पूर्व चीफ डॉ. राजेश मल्होत्रा और आईसीएमआर के पूर्व चीफ डॉ. बलराम भार्गव इनमें प्रमुख थे.

ये भी पढ़ेंः मेट्रो स्टेशन के नीचे चलते ट्रक में लगी आग, शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स में मरीजों को मिलने वाली मुफ्त जेनरिक दवाइयां मिलने पर संकट गहराता दिख रहा है, क्योंकि एम्स को मुफ्त जेनरिक दवाई की सप्लाई करने वाली कंपनी एचएलएल लाइफ केयर (भारत सरकार) का कांट्रैक्ट अगले महीने मई में समाप्त हो रहा है.

कांट्रैक्ट समाप्त होना ही बड़ा कारण नहीं है, एम्स के रिडेवलपमेंट का कार्य शुरू होने वाला है, जिसके कारण कंपनी को दवाइयां वितरण करने के लिए ओल्ड राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी के पास जो जगह दी गई है, वहां संस्थान के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट पर काम होगा. इसके अलावा मेडिकल इंप्लांट्स को लेकर सीनियर फैकल्टी की शिकायत भी एक बड़ा मुद्दा है. अगर यह जगह इसके हाथ से जाएगी तो मरीजों को परेशानी हो सकती है.

एम्स दिल्ली में हर दिन लगभग 20 हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें से प्रतिदिन चार हजार मरीजों को यहां से मुफ्त जेनरिक दवाइयां दी जाती हैं. सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एचएलएल प्रबंधन ने एम्स के डायरेक्टर से कांट्रैक्ट के नवीनीकरण के साथ-साथ जेनरिक फार्मेसी को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए आग्रह किया था, जिसे उन्होंने विचाराधीन रखते हुए प्रबंधन को कांट्रैक्ट के नवीनीकरण का आश्वासन तो दे दिया, लेकिन जगह को लेकर कोई स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है. इस बीच सीनियर फैकल्टी सदस्यों की ओर से कंपनी प्रबंधन की शिकायतों को लेकर डायरेक्टर काफी नाराज हो गए हैं और इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्रालय में भी कर दी. सूत्र बताते हैं कि एम्स के डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास एचएलएल प्रबंधन की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए उन्होंने पूरे प्रबंधन को बदलने की सिफारिश कर दी है.

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एचएलएल के पूरे प्रबंधन को किया तलब
सूत्र बताते हैं कि एम्स के डायरेक्टर की शिकायत को स्वास्थ मंत्रालय ने संज्ञान में लिया है और मंगलवार शाम चार बजे मंत्रालय में एचएलएल के पूरे प्रबंधन को तलब किया है. साथ ही, एम्स के डायरेक्टर को भी उपस्थित रहने को कहा गया है. स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग होने वाली है. प्रबंधन को भेजे गए लेटर के अनुसार, मीटिंग का मुद्दा एचएलएल द्वारा संचालित अमृत फार्मेसी के प्रबंधन को बदलने के बारे में है. इस लेटर से पूरे प्रबंधन में हड़कंप मच गया है. प्रबंधन ने अपने बचाव के पक्ष में तैयारी भी कर ली है। हर आरोप के जवाब तैयार किया गया है.

शिकायतों को लिया संज्ञान
सूत्र बताते हैं कि एचएलएल एम्स में मरीजों को मुफ्त जेनरिक दवाई का वितरण करने के साथ-साथ अमृत फार्मेसी से जरूरतमंद मरीजों को 56 प्रतिशत की छूट के साथ कैंसर, हार्ट एवं अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए दवाई भी उपलब्ध कराती है. एम्स के डायरेक्टर ने निजी कंपनियों के दलालों के माध्यम से मिलने वाले इंप्लाट्ंस के उपयोग को खत्म करने और एम्स परिसर को दलालों से मुक्त करने के लिए अमृत फार्मेसी को हर प्रकार के इंप्लांट्स रखने को कहा था. इसको लेकर प्रबंधन की ओर से कथित तौर पर लापरवाही बरती गई. इसको लेकर एम्स के कुछ सीनियर फैकल्टी सदस्यों ने डायरेक्टर से लिखित में शिकायत कर दी. एम्स ट्रामा सेंटर के पूर्व चीफ डॉ. राजेश मल्होत्रा और आईसीएमआर के पूर्व चीफ डॉ. बलराम भार्गव इनमें प्रमुख थे.

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