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नक्सलियों के मांद में 'शिक्षा की अलख' जगाने का प्रयास : गया पुलिस ने छकरबंधा में खोला पुस्तकालय - GAYA POLICE

गया पुलिस ने नक्सलियों की गोली का जवाब पुस्तक से देने की तैयारी की है. जिले के नक्सल प्रभावित इलाका छकरबंधा में पुस्तकालय खोला है.

Gaya police opened a library
आशीष भारती, वरीय पुलिस अधीक्षक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 28, 2024, 5:35 PM IST

Updated : Nov 28, 2024, 7:52 PM IST

गया: बिहार के गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छकरबंधा में गुरुवार को माहौल बदला हुआ था. चप्पे चप्पे पर पुलिस थी. जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के साथ जिला पुलिस के कई बड़े अधिकारी पहुंचे थे. अगर आप समझ रहे हैं कि पुलिस यहां कोई मुठभेड़ करने पहुंची है तो आप गलत हैं. दरअसल पुलिस यहां शिक्षा की अलख जगाने के लिए किताब लेकर पहुंचे थे. कहा जा सकता है कि पुलिस, नक्सलियों की गोली का जवाब किताब से देना चाहते हैं.

पुस्तकालय का उद्घाटनः छकरबंधा गांव स्थित नक्सल थाना भवन में गुरुवार को एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया. यहां हाई स्कूल से लेकर बीपीएससी, यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें रखी गई हैं. जिला पुलिस की ओर से 'पुलिस पुस्तकालय' स्थापित किया गया है, ताकि वैसे छात्र जो सुविधा नहीं होने के कारण बाहर जाकर तैयारी नहीं कर पाते हैं वह यहां पुलिस पुस्तकालय में आकर सुरक्षित तरीके से तैयारी कर सकें.

आशीष भारती, वरीय पुलिस अधीक्षक. (ETV Bharat)

"पुलिस पुस्तकालय में सभी छात्र-छात्राएं आकर पढ़ सकते हैं. यहां नक्सलियों के बच्चे भी पढ़ सकेंगे. वह पढ़ेंगे तभी समाज से भटके हुए पिता, भाई परिवार के लोग मुख्यधारा में जोड़ सकेंगे. वैसे भी यहां नक्सली अब नहीं के बराबर हैं, लेकिन जो हैं वह मुख्यधारा में जुड़ें और अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं."- आशीष भारती, वरीय पुलिस अधीक्षक, गया

Gaya police
कार्यक्रम को संबोधित करते एसएसपी. (ETV Bharat)

पुलिस बनने की करेंगे तैयारीः गांव में परीक्षा की तैयारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. अब पुस्तकालय के खुलने से उन्हें तैयारी करने में सुविधा होगी. इंटर की छात्रा आरती कुमारी ने बताया कि वह पुलिस बनना चाहती है. उसके लिए वह अभी से तैयारी करने में लगी है. आरती ने बताया कि पुलिस पुस्तकालय स्थापित होने से उन्हें सुरक्षित रूप से पढ़ाई करने में सहूलियत होगी.

Gaya police opened library
लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ती छात्राएं. (ETV Bharat)

ऑनलाइन तैयारी की सुविधा नहींः शिक्षिका बबीता कुमारी ने कहा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, इस कारण सुविधाओं का अभाव है. छकरबंधा थाना के कई गांवों में मोबाइल टावर तक नहीं है. ऐसे में ऑनलाइन तैयारी करना संभव नहीं है. स्कूल तो हैं लेकिन सुविधा जैसे पुस्तकालय नहीं था. अब पुस्तकालय के स्थापित होने से बच्चे अच्छे ढंग से अपने सिलेबस और किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. यहां अपनी सुविधानुसार सुबह-शाम आकर पढ़ सकते हैं.

Naxal affected Chhakarbandha
कार्यक्रम में मौजूद छात्राएं. (ETV Bharat)

छात्रों को किया गया सम्मानित: छकरबंधा थाना में जिला पुलिस ने इस अवसर पर हेल्थ चेकअप, कंबल वितरण और छात्रों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान 10 वीं में बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया. छात्रों को साइकिल और छात्राओं को सिलाई मशीन दी गई. वरीय पुलिस अधीक्षक ने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया. छात्रों के बीच कबड्डी का आयोजन हुआ. 300 से अधिक लोगों के स्वास्थ की जांच की गई और उन्हें दवा दी गई.

Gaya police
इस मौके पर खेल प्रतियोगिता हुई. (ETV Bharat)

यहां आना जान जोखिम में डालना थाः छकरबंधा गांव जिले के अंतिम छोर डुमरिया ब्लॉक में है. यहां आने के लिए कई पहाड़ों और घने जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है. गांव में थाना के साथ स्कूल है. पहाड़ियों और जंगल से होकर गुजरने वाली सड़क पक्की हो गयी है. 7-8 वर्ष पहले यहां तक पहुंचना बड़ी मुश्किल था. जान जोखिम में डालकर लोग आते थे. छकरबंधा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा बम ब्लास्ट से लेकर एनकाउंटर की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

Gaya police opened library
छकरबंधा में पुस्तकालय खोला गया. (ETV Bharat)

इसे भी पढ़ेंः जहां नक्सलियों के डर से कांपते थे लोग, आज यहां सुनाई देता है बच्चों का ककहरा

इसे भी पढ़ेंः जेल में बंद नक्सली कमांडर ने रचा इतिहास, पीएचडी प्रवेश परीक्षा में किया टॉप - Arnab Dam tops PhD

गया: बिहार के गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छकरबंधा में गुरुवार को माहौल बदला हुआ था. चप्पे चप्पे पर पुलिस थी. जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के साथ जिला पुलिस के कई बड़े अधिकारी पहुंचे थे. अगर आप समझ रहे हैं कि पुलिस यहां कोई मुठभेड़ करने पहुंची है तो आप गलत हैं. दरअसल पुलिस यहां शिक्षा की अलख जगाने के लिए किताब लेकर पहुंचे थे. कहा जा सकता है कि पुलिस, नक्सलियों की गोली का जवाब किताब से देना चाहते हैं.

पुस्तकालय का उद्घाटनः छकरबंधा गांव स्थित नक्सल थाना भवन में गुरुवार को एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया. यहां हाई स्कूल से लेकर बीपीएससी, यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें रखी गई हैं. जिला पुलिस की ओर से 'पुलिस पुस्तकालय' स्थापित किया गया है, ताकि वैसे छात्र जो सुविधा नहीं होने के कारण बाहर जाकर तैयारी नहीं कर पाते हैं वह यहां पुलिस पुस्तकालय में आकर सुरक्षित तरीके से तैयारी कर सकें.

आशीष भारती, वरीय पुलिस अधीक्षक. (ETV Bharat)

"पुलिस पुस्तकालय में सभी छात्र-छात्राएं आकर पढ़ सकते हैं. यहां नक्सलियों के बच्चे भी पढ़ सकेंगे. वह पढ़ेंगे तभी समाज से भटके हुए पिता, भाई परिवार के लोग मुख्यधारा में जोड़ सकेंगे. वैसे भी यहां नक्सली अब नहीं के बराबर हैं, लेकिन जो हैं वह मुख्यधारा में जुड़ें और अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं."- आशीष भारती, वरीय पुलिस अधीक्षक, गया

Gaya police
कार्यक्रम को संबोधित करते एसएसपी. (ETV Bharat)

पुलिस बनने की करेंगे तैयारीः गांव में परीक्षा की तैयारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. अब पुस्तकालय के खुलने से उन्हें तैयारी करने में सुविधा होगी. इंटर की छात्रा आरती कुमारी ने बताया कि वह पुलिस बनना चाहती है. उसके लिए वह अभी से तैयारी करने में लगी है. आरती ने बताया कि पुलिस पुस्तकालय स्थापित होने से उन्हें सुरक्षित रूप से पढ़ाई करने में सहूलियत होगी.

Gaya police opened library
लाइब्रेरी में पुस्तक पढ़ती छात्राएं. (ETV Bharat)

ऑनलाइन तैयारी की सुविधा नहींः शिक्षिका बबीता कुमारी ने कहा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, इस कारण सुविधाओं का अभाव है. छकरबंधा थाना के कई गांवों में मोबाइल टावर तक नहीं है. ऐसे में ऑनलाइन तैयारी करना संभव नहीं है. स्कूल तो हैं लेकिन सुविधा जैसे पुस्तकालय नहीं था. अब पुस्तकालय के स्थापित होने से बच्चे अच्छे ढंग से अपने सिलेबस और किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. यहां अपनी सुविधानुसार सुबह-शाम आकर पढ़ सकते हैं.

Naxal affected Chhakarbandha
कार्यक्रम में मौजूद छात्राएं. (ETV Bharat)

छात्रों को किया गया सम्मानित: छकरबंधा थाना में जिला पुलिस ने इस अवसर पर हेल्थ चेकअप, कंबल वितरण और छात्रों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान 10 वीं में बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया. छात्रों को साइकिल और छात्राओं को सिलाई मशीन दी गई. वरीय पुलिस अधीक्षक ने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया. छात्रों के बीच कबड्डी का आयोजन हुआ. 300 से अधिक लोगों के स्वास्थ की जांच की गई और उन्हें दवा दी गई.

Gaya police
इस मौके पर खेल प्रतियोगिता हुई. (ETV Bharat)

यहां आना जान जोखिम में डालना थाः छकरबंधा गांव जिले के अंतिम छोर डुमरिया ब्लॉक में है. यहां आने के लिए कई पहाड़ों और घने जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है. गांव में थाना के साथ स्कूल है. पहाड़ियों और जंगल से होकर गुजरने वाली सड़क पक्की हो गयी है. 7-8 वर्ष पहले यहां तक पहुंचना बड़ी मुश्किल था. जान जोखिम में डालकर लोग आते थे. छकरबंधा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा बम ब्लास्ट से लेकर एनकाउंटर की कई घटनाएं हो चुकी हैं.

Gaya police opened library
छकरबंधा में पुस्तकालय खोला गया. (ETV Bharat)

इसे भी पढ़ेंः जहां नक्सलियों के डर से कांपते थे लोग, आज यहां सुनाई देता है बच्चों का ककहरा

इसे भी पढ़ेंः जेल में बंद नक्सली कमांडर ने रचा इतिहास, पीएचडी प्रवेश परीक्षा में किया टॉप - Arnab Dam tops PhD

Last Updated : Nov 28, 2024, 7:52 PM IST
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