गया: बिहार के गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छकरबंधा में गुरुवार को माहौल बदला हुआ था. चप्पे चप्पे पर पुलिस थी. जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के साथ जिला पुलिस के कई बड़े अधिकारी पहुंचे थे. अगर आप समझ रहे हैं कि पुलिस यहां कोई मुठभेड़ करने पहुंची है तो आप गलत हैं. दरअसल पुलिस यहां शिक्षा की अलख जगाने के लिए किताब लेकर पहुंचे थे. कहा जा सकता है कि पुलिस, नक्सलियों की गोली का जवाब किताब से देना चाहते हैं.
पुस्तकालय का उद्घाटनः छकरबंधा गांव स्थित नक्सल थाना भवन में गुरुवार को एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया. यहां हाई स्कूल से लेकर बीपीएससी, यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें रखी गई हैं. जिला पुलिस की ओर से 'पुलिस पुस्तकालय' स्थापित किया गया है, ताकि वैसे छात्र जो सुविधा नहीं होने के कारण बाहर जाकर तैयारी नहीं कर पाते हैं वह यहां पुलिस पुस्तकालय में आकर सुरक्षित तरीके से तैयारी कर सकें.
"पुलिस पुस्तकालय में सभी छात्र-छात्राएं आकर पढ़ सकते हैं. यहां नक्सलियों के बच्चे भी पढ़ सकेंगे. वह पढ़ेंगे तभी समाज से भटके हुए पिता, भाई परिवार के लोग मुख्यधारा में जोड़ सकेंगे. वैसे भी यहां नक्सली अब नहीं के बराबर हैं, लेकिन जो हैं वह मुख्यधारा में जुड़ें और अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं."- आशीष भारती, वरीय पुलिस अधीक्षक, गया
पुलिस बनने की करेंगे तैयारीः गांव में परीक्षा की तैयारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. अब पुस्तकालय के खुलने से उन्हें तैयारी करने में सुविधा होगी. इंटर की छात्रा आरती कुमारी ने बताया कि वह पुलिस बनना चाहती है. उसके लिए वह अभी से तैयारी करने में लगी है. आरती ने बताया कि पुलिस पुस्तकालय स्थापित होने से उन्हें सुरक्षित रूप से पढ़ाई करने में सहूलियत होगी.
ऑनलाइन तैयारी की सुविधा नहींः शिक्षिका बबीता कुमारी ने कहा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, इस कारण सुविधाओं का अभाव है. छकरबंधा थाना के कई गांवों में मोबाइल टावर तक नहीं है. ऐसे में ऑनलाइन तैयारी करना संभव नहीं है. स्कूल तो हैं लेकिन सुविधा जैसे पुस्तकालय नहीं था. अब पुस्तकालय के स्थापित होने से बच्चे अच्छे ढंग से अपने सिलेबस और किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. यहां अपनी सुविधानुसार सुबह-शाम आकर पढ़ सकते हैं.
छात्रों को किया गया सम्मानित: छकरबंधा थाना में जिला पुलिस ने इस अवसर पर हेल्थ चेकअप, कंबल वितरण और छात्रों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान 10 वीं में बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया. छात्रों को साइकिल और छात्राओं को सिलाई मशीन दी गई. वरीय पुलिस अधीक्षक ने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया. छात्रों के बीच कबड्डी का आयोजन हुआ. 300 से अधिक लोगों के स्वास्थ की जांच की गई और उन्हें दवा दी गई.
यहां आना जान जोखिम में डालना थाः छकरबंधा गांव जिले के अंतिम छोर डुमरिया ब्लॉक में है. यहां आने के लिए कई पहाड़ों और घने जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है. गांव में थाना के साथ स्कूल है. पहाड़ियों और जंगल से होकर गुजरने वाली सड़क पक्की हो गयी है. 7-8 वर्ष पहले यहां तक पहुंचना बड़ी मुश्किल था. जान जोखिम में डालकर लोग आते थे. छकरबंधा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा बम ब्लास्ट से लेकर एनकाउंटर की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
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