गया: बिहार के गया केंद्रीय कारा के एक बंदी की मौत हो गई. बंदी की मौत के बाद परिजन उग्र हो गए. परिजनों का साफ कहना था कि आज बेल मिलने वाली थी लेकिन उससे पहले उनकी मौत की खबर आई, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. ये हत्या का मामला है. आक्रोशित परिजनों ने बुधवार सुबह अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में जमकर हंगामा किया. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल के मुख्य द्वार पर शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया. इस दौरान गया-चेरकी मुख्य सड़क मार्ग पर जाम लग गया. लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
क्या है मामलाः मृतक की पहचान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखनपुर गांव निवासी रतन सिन्हा के रूप में की गई. मृतक के भाई गौतम कुमार सिन्हा ने बताया कि विगत 15 मई से चेक बाउंस के मामले में उनके भाई रतन सिन्हा गया जेल में बंद थे. आज अहले सुबह जेल से फोन आया कि आपके भाई की तबीयत खराब हो गई है. हमलोग अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचे, तो देखे कि हमारा भाई मृत पड़ा हुआ था. जेल प्रशासन का कोई सिपाही या कर्मचारी मौजूद नहीं था.
"बंदी रतन सिन्हा हाइपरटेंशन का मरीज था. पिछले 15 मई से बंद था. मंगलवार को बंदी को फीवर आया था. फीवर आने के बाद उसका इलाज किया गया था. फिर स्थिति बिगड़ी तो उसे मेडिकल भेजा गया. पता चला है, कि मेडिकल में जांच में उसे डेथ पाया गया. परिजन जो आरोप लगा रहे हैं, वह सरासर बेबुनियाद है."- विजय अरोड़ा, केंद्रीय कारा गया के अधीक्षक
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांगः गौतम सिन्हा ने कहा कि उनलोगों ने अस्पताल प्रशासन से ईसीजी रिपोर्ट की मांग की तो कहा गया कि आपको नहीं मिल सकता. हमारे भाई की मौत हो गई है और उसकी ईसीजी रिपोर्ट हमें क्यों नहीं मिलेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन के लोगों ने ही मिलकर उनके भाई की हत्या की है. गौतम ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इसे भी पढ़ेंः जहानाबाद में इलाज के दौरान कैदी की मौत, परिजनों लगाया जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप - Prisoner dies in Jehanabad
इसे भी पढ़ेंः छपरा में कैदी की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा, लड़की के अपहरण का था आरोप - Death Of Prisoner In Chapra