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ऋषिकेश के व्यापारी ने गंगा में मिले शव की बेटे के रूप में नहीं की पहचान, भाई ने की शिनाख्त, फिर भी होगा DNA टेस्ट - YOUTH DROWNED IN GANGA

माता-पिता द्वारा अपने बेटे का शव होने से इनकार करने के बाद पुलिस ने किया अंतिम संस्कार, अब मामले में आया नया मोड़

YOUTH DROWNED IN GANGA
ऋषिकेश में शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट (File photo courtesy- Rishikesh Police)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 16 hours ago

ऋषिकेश: चार दिसंबर को बैराज जलाशय में मिले अज्ञात शव की पहचान 21 वर्षीय गौतम अरोड़ा निवासी मनीराम रोड के रूप में हुई है. गौतम अरोड़ा के भाई ऋषभ अरोड़ा ने हाथ में पहनी घड़ी और कड़े के आधार पर शव की पहचान की है. एहतियात के तौर पर पुलिस ने मृतक का डीएनए करने के लिए सैंपल सुरक्षित रख लिया है. जल्दी ही कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा.

गंगा में डूब गया था युवक: बता दें कि ऋषिकेश में 26 नवंबर को 72 सीढ़ी घाट से 21 वर्षीय गौतम अरोड़ा गंगा में कूद गया था. घटना के बाद पुलिस को घाट पर गौतम अरोड़ा का मोबाइल और जूते मिले थे. तभी से पुलिस और एसडीआरएफ की टीम गौतम अरोड़ा को तलाशने के लिए गंगा में सर्च ऑपरेशन चला रही थी. 4 दिसंबर को त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल और नवीन डंगवाल ने भी खुद गंगा में सर्च ऑपरेशन चलाया था.

9वें दिन मिला था शव: इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि बैराज जलाशय में एक युवक का शव मिला है. पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और एम्स की मोर्चरी भेजा. यहां गौतम अरोड़ा के माता पिता भी आए. उन्होंने शव देखने के बाद कहा कि यह शव उनके बेटे का नहीं है. पुलिस ने तीन दिन तक पहचान नहीं होने पर रीति रिवाज से शव का दाह संस्कार कर दिया और हाथ में पहनी घड़ी और कड़े को शव की फोटो के साथ सुरक्षित रख लिया.

भाई ने की शव की पहचान लेकिन डीएनए टेस्ट की कवायद जारी: आज शुक्रवार 27 दिसंबर को गौतम अरोड़ा के भाई ने घड़ी और कड़े के आधार पर शव की पहचान गौतम के रूप में की है. त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि शव की पहचान हो गई है. फिर भी पुलिस एहतियात के तौर पर मृतक का डीएनए टेस्ट कराएगी. इसके लिए कोर्ट से परमिशन लेने की तैयारी की जा रही है.

ऋषिकेश के व्यापारी का बेटा गंगा में डूबा था: गौरतलब है कि रेलवे रोड कांग्रेस भवन के सामने रहने वाले एक व्यापारी के पुत्र ने 26 नवंबर की रात हरिद्वार रोड स्थित 72 सीढ़ी घाट से गंगा में छलांग लगा दी. काफी ढूंढने के बावजूद उसका पता नहीं चल पाया था. व्यापारी का पुत्र एक बड़े निजी विवि में देहरादून में पढ़ता था. सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ था. एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई थी.
ये भी पढ़ें: ऋषिकेश में व्यापारी का बेटा गंगा में डूबा, एसडीआरएफ का सर्च ऑपरेशन जारी

ऋषिकेश: चार दिसंबर को बैराज जलाशय में मिले अज्ञात शव की पहचान 21 वर्षीय गौतम अरोड़ा निवासी मनीराम रोड के रूप में हुई है. गौतम अरोड़ा के भाई ऋषभ अरोड़ा ने हाथ में पहनी घड़ी और कड़े के आधार पर शव की पहचान की है. एहतियात के तौर पर पुलिस ने मृतक का डीएनए करने के लिए सैंपल सुरक्षित रख लिया है. जल्दी ही कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा.

गंगा में डूब गया था युवक: बता दें कि ऋषिकेश में 26 नवंबर को 72 सीढ़ी घाट से 21 वर्षीय गौतम अरोड़ा गंगा में कूद गया था. घटना के बाद पुलिस को घाट पर गौतम अरोड़ा का मोबाइल और जूते मिले थे. तभी से पुलिस और एसडीआरएफ की टीम गौतम अरोड़ा को तलाशने के लिए गंगा में सर्च ऑपरेशन चला रही थी. 4 दिसंबर को त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल और नवीन डंगवाल ने भी खुद गंगा में सर्च ऑपरेशन चलाया था.

9वें दिन मिला था शव: इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि बैराज जलाशय में एक युवक का शव मिला है. पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और एम्स की मोर्चरी भेजा. यहां गौतम अरोड़ा के माता पिता भी आए. उन्होंने शव देखने के बाद कहा कि यह शव उनके बेटे का नहीं है. पुलिस ने तीन दिन तक पहचान नहीं होने पर रीति रिवाज से शव का दाह संस्कार कर दिया और हाथ में पहनी घड़ी और कड़े को शव की फोटो के साथ सुरक्षित रख लिया.

भाई ने की शव की पहचान लेकिन डीएनए टेस्ट की कवायद जारी: आज शुक्रवार 27 दिसंबर को गौतम अरोड़ा के भाई ने घड़ी और कड़े के आधार पर शव की पहचान गौतम के रूप में की है. त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि शव की पहचान हो गई है. फिर भी पुलिस एहतियात के तौर पर मृतक का डीएनए टेस्ट कराएगी. इसके लिए कोर्ट से परमिशन लेने की तैयारी की जा रही है.

ऋषिकेश के व्यापारी का बेटा गंगा में डूबा था: गौरतलब है कि रेलवे रोड कांग्रेस भवन के सामने रहने वाले एक व्यापारी के पुत्र ने 26 नवंबर की रात हरिद्वार रोड स्थित 72 सीढ़ी घाट से गंगा में छलांग लगा दी. काफी ढूंढने के बावजूद उसका पता नहीं चल पाया था. व्यापारी का पुत्र एक बड़े निजी विवि में देहरादून में पढ़ता था. सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ था. एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई थी.
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