बस्तीः गौर थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगा है. आरोप है कि दलित नाबालिग बच्चे को थानेदार और पुलिस ने मिलकर जबरदस्ती चोर बना दिया. इतना ही नहीं थाने में ले जाकर बेरहमी से पिटाई की. बच्चे के नाना को भी पीटा और रिश्वत की मांग की. पीड़ित परिवार ने उच्चधिकारियों से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है. वहीं, एसएसपी ने इस मामले की जांच क्षेत्रीय अधिकारी को सौंप दी है.
गौर थाना क्षेत्र के वार्ड नम्बर 14 चन्द्रशेखर आजाद नगर के रहने वाले कैलाशनाथ ने पुलिस महानिदेशक, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जन जाति आयोग के साथ ही अनेक विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है. कैलाशनाथ ने बताया कि उनके घर के सामने शिव कुमार के घर में 31 अगस्त को चोरी हो गई थी. सूचना पर गौर थाना और बभनान चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची. उसके घर में लगे सीसीटीवी फुटेज को देखा. फुटेज में चोर की पहचान न होने पर पुलिस चली गई. यह फुटेज उसके नाती ने पुलिस को दिखाई थी. इसके बाद 3 सितम्बर को गौर व पुलिस चौकी बभनान पुलिस उनके घर फिर पहुंची और कैलाशनाथ और उनके 14 वर्षीय नाती गाड़ी में बैठाकर थाने ले गयी. आरोप है कि दो दिन तक गौर पुलिस ने नाबालिग अंश और 70 वर्षीय कैलाशनाथ को को मारा पीटा. धमकियां दी ताकि बच्चा जुर्म को कबूल कर ले.
आरोप है कि जब बच्चे ने चोरी कबूल नहीं की तो गौर थानाध्यक्ष राम कुमार राजभर, बभनान पुलिस चौकी इन्चार्ज अनन्त कुमार मिश्र, सिपाही लवकुश यादव ने नाना और नाती को छोड़ने के लिये चार लाख रुपये की मांग की. पैसे न देने पर चोरी के फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दी. कैलाशनाथ ने बताया कि गौर पुलिस ने एक लाख रुपये लेने के बाद उन्हें तो छोड़ दिया लेकिन उनके नाती का चोरी के आरोप में चालान कर दिया. तीसरे दिन वह जमानत पर छूटा. कैलाशनाथ ने उच्च स्तरीय जांच कराने के साथ ही दोषी एक लाख रुपये की धन उगाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि गौर थानाध्यक्ष और उनकी पुलिस ने बहुत शोषण किया. सच का साथ देने के लिए झूठ को सच बना दिया और एक बच्चे के जीवन को बर्बाद कर दिया.
पीड़ित बच्चे ने बताया कि उसने खुद पुलिस की मदद की थी. घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज निकाल कर पुलिस को दिया, ताकि असली चोर को पकड़ सके. लेकिन बाद में पुलिस ने उसे ही चोर बना दिया. जब कि वह रात में अपने घर के अंदर गया और सुबह बाहर निकला, जिसकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी है. बावजूद इसके वसूली के चक्कर में उसे फंसा दिया गया. अब पुलिस को देखते ही वह डर जाता है. घर से बाहर नहीं निकलता क्योंकि पुलिस ने उसके साथ बेहद ही क्रूर तरीके का व्यवहार किया है.
एएसपी ओपी सिंह ने बताया कि कैलाशनाथ की तरफ से एक शिकायती पत्र मिला है. जिसमे पुलिस पर पैसे लेकर उनके नाती को जेल भेजने का आरोप है. इस मामले में जो भी तथ्य सुबूत को पुलिस ने इकट्ठा किया है, उसकी दोबारा से जांच कराई जाएगी. पुलिसकर्मियों पर आरोप सही पाए जाते है तो उन्हें भी बख्सा नहीं जायेगा. कैलाशनाथ की शिकायत पर सीओ हरैया के नेतृत्व में टीम ने जांच शुरू कर दिया है.
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