श्रीनगर: चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के निर्देशों पर बेस अस्पताल में एक के बाद एक सभी व्यवस्थाओं को सुचारू किया जा रहा है. इसी कड़ी में पहले चरण में अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों के लिए गेट पास की सुविधा का शुभारंभ किया गया है. यह सुविधा मरीजों के तीमारदारों के साथ-साथ अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए भी सुविधाजनक रहेगी. गेट पास की सुविधा मिलने से अस्पताल में कोई फालतू नहीं घुमेगा, बल्कि सुरक्षा कर्मी भी गेट पास के जरिए अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों की पहचान कर पाएंगे. मरीजों को गेट पास भर्ती पंजीकरण के दौरान भर्ती काउंटर से दिए जाएंगे.
बुधवार को नये साल के अवसर पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने अस्पताल में भर्ती होने आए मरीज कृपाल सिंह के तीमारदार को दो गेट पास देकर उक्त व्यवस्था की शुरुआत की. इसी बीच उन्होंने कहा कि अस्पताल में गेट पास दिया जाना इसलिए जरूरी हो गया था, कि अस्पताल में पूर्व में घटी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो. गेट पास वाले तीमारदार को ही परिसर के अंदर प्रवेश करने दिया जाएगा.
अजेय विक्रम सिंह ने बताया कि ओपीडी के लिए किसी भी तरह की पास की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए गेट पास की व्यवस्था शुरू कराई गई है. बेस अस्पताल परिसर में आपराधिक घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा को देखते हुए गेट पास की व्यवस्था शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि यहीं नहीं गेट पास व्यवस्था शुरू होने से अस्पतालों के वार्डों में लगने वाली अनावश्यक भीड़ पर नियंत्रण होगा और मरीजों व डॉक्टरों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी.
वार्डों में मरीज के बैड के पास पांच-सात लोग अलग-बगल बैठे होते हैं, जिससे वार्डों में अनाश्यक भीड़ होती थी. साथ ही मरीज के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है. गेट पास मिलने के बाद उसी मरीज के तीमारदार को वार्ड में प्रवेश करने दिया जायेगा, जिसके पास गेट पास होगा, तीमारादार की चेकिंग सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जाएगी.
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