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एडवेंचर शौकीनों के लिए अच्छी खबर, एक अप्रैल से खुलेंगे गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट - Gangotri National Park

Gangotri National Park, एडवेंचर के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है. कल से गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने जा रहे हैं. इस बार गंगोत्री नेशनल पार्क में अच्छी बर्फबारी हुई है. जिसके कारण पर्यटकों को बर्फ से ढकी चोटियों और ग्लेशियरों के दीदार हो सकेंगे.

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एडवेंचर शौकीनों के लिए अच्छी खबर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 31, 2024, 4:21 PM IST

उत्तरकाशी: हिमालय की ऊंची चोटियों और प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्यटकों के लिए कल से खुलने जा रहे हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क 1553 वर्ग किमी क्षेत्र में सात हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है. हिम तेंदुए का प्राकृतिक घर यह पार्क हिम तेंदुए के अलावा भरल, काला भालू, भूरा भालू, हिमालयन मोनाल, स्नोकॉक, हिमालय थार, कस्तूरी मृग का भी घर है. शीतकाल के लिए प्रति वर्ष पार्क के गेट 30 नवंबर को बंद किए जाते हैं, जो कि ग्रीष्म काल में 1 अप्रैल को खुलते हैं. पार्क के गेट खुलने के साथ यहां स्थित भागीरथी हिमालय की ऊंची चोटियों के आरोहण के लिए पर्वतारोही दलों का पहुंचना शुरू हो जाता है.

ये हैं पर्यटन स्थल

  • गरतांग गली: भारत तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह गरतांग गली भैरवघाटी के समीप है. खड़ी चट्टान को काटकर तैयार यह रास्ता स्काई वॉक जैसा अनुभव प्रदान करता है. वर्ष 2021 में ही इसका जीर्णोद्धार कर इसे खोला गया था.
  • नेलांग घाटी: इस घाटी की भौगोलिक परिस्थितियां लद्दाख और स्फीति घाटी से मेल खाती है, जो कि गंगोत्री से 18 किमी की दूरी पर स्थित है. घाटी से भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों के लिए सड़क जाती है. इसे छोटा लद्दाख भी कहा जाता है.
  • कालिंदीखाल ट्रैक: यह ट्रैक रूट गंगोत्री और बदरीनाथ को जोड़ता है. करीब 90 किमी के इस ट्रैक को विश्व के सबसे कठिन ट्रैकों में से एक माना जाता है. साहसिक पर्यटन के शौकीन इस ट्रैक पर वासुकीताल, कालिंदी खाल दर्रे से होते हुए घस्तोली, अरवाताल होकर माणा बदरीनाथ पहुंचते हैं.
  • केदारताल: गंगोत्री हिमालय में स्थित केदारताल गंगोत्री से करीब 18 किमी की दूरी पर है. गंगोत्री से शुरू होने वाले ट्रैक पर ट्रैकर भोजखरक, केदारखरक होकर केदारताल पहुंचते हैं. इस ताल के पास थलय सागर पर्वत का दीदार आकर्षण का केंद्र होता है.
  • गोमुख तपोवन ट्रैक: पार्क क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध ट्रैक गोमुख तपोवन ट्रैक है. गोमुख तक जाने वाले इस ट्रैक की दूरी गंगोत्री से करीब 18 से 22 किमी है. गंगोत्री धाम की यात्रा पर आने वाले कई तीर्थयात्री व कांवड़ यात्री भी यहां पहुंते हैं. प्रतिदिन केवल 150 तीर्थयात्रियों को ही इस ट्रैक पर जाने की अनुमति दी जाती है.

गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडे ने बताया इस बार पार्क क्षेत्र में अच्छी बर्फबारी हुई है, इसलिए पर्यटकों को बर्फ से ढकी चोटियां और ग्लेशियरों का दीदार होगा. साहसिक पर्यटन के शौकीनों के लिए पार्क क्षेत्र जन्नत से कम नहीं है.

उत्तरकाशी: हिमालय की ऊंची चोटियों और प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्यटकों के लिए कल से खुलने जा रहे हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क 1553 वर्ग किमी क्षेत्र में सात हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है. हिम तेंदुए का प्राकृतिक घर यह पार्क हिम तेंदुए के अलावा भरल, काला भालू, भूरा भालू, हिमालयन मोनाल, स्नोकॉक, हिमालय थार, कस्तूरी मृग का भी घर है. शीतकाल के लिए प्रति वर्ष पार्क के गेट 30 नवंबर को बंद किए जाते हैं, जो कि ग्रीष्म काल में 1 अप्रैल को खुलते हैं. पार्क के गेट खुलने के साथ यहां स्थित भागीरथी हिमालय की ऊंची चोटियों के आरोहण के लिए पर्वतारोही दलों का पहुंचना शुरू हो जाता है.

ये हैं पर्यटन स्थल

  • गरतांग गली: भारत तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह गरतांग गली भैरवघाटी के समीप है. खड़ी चट्टान को काटकर तैयार यह रास्ता स्काई वॉक जैसा अनुभव प्रदान करता है. वर्ष 2021 में ही इसका जीर्णोद्धार कर इसे खोला गया था.
  • नेलांग घाटी: इस घाटी की भौगोलिक परिस्थितियां लद्दाख और स्फीति घाटी से मेल खाती है, जो कि गंगोत्री से 18 किमी की दूरी पर स्थित है. घाटी से भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों के लिए सड़क जाती है. इसे छोटा लद्दाख भी कहा जाता है.
  • कालिंदीखाल ट्रैक: यह ट्रैक रूट गंगोत्री और बदरीनाथ को जोड़ता है. करीब 90 किमी के इस ट्रैक को विश्व के सबसे कठिन ट्रैकों में से एक माना जाता है. साहसिक पर्यटन के शौकीन इस ट्रैक पर वासुकीताल, कालिंदी खाल दर्रे से होते हुए घस्तोली, अरवाताल होकर माणा बदरीनाथ पहुंचते हैं.
  • केदारताल: गंगोत्री हिमालय में स्थित केदारताल गंगोत्री से करीब 18 किमी की दूरी पर है. गंगोत्री से शुरू होने वाले ट्रैक पर ट्रैकर भोजखरक, केदारखरक होकर केदारताल पहुंचते हैं. इस ताल के पास थलय सागर पर्वत का दीदार आकर्षण का केंद्र होता है.
  • गोमुख तपोवन ट्रैक: पार्क क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध ट्रैक गोमुख तपोवन ट्रैक है. गोमुख तक जाने वाले इस ट्रैक की दूरी गंगोत्री से करीब 18 से 22 किमी है. गंगोत्री धाम की यात्रा पर आने वाले कई तीर्थयात्री व कांवड़ यात्री भी यहां पहुंते हैं. प्रतिदिन केवल 150 तीर्थयात्रियों को ही इस ट्रैक पर जाने की अनुमति दी जाती है.

गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडे ने बताया इस बार पार्क क्षेत्र में अच्छी बर्फबारी हुई है, इसलिए पर्यटकों को बर्फ से ढकी चोटियां और ग्लेशियरों का दीदार होगा. साहसिक पर्यटन के शौकीनों के लिए पार्क क्षेत्र जन्नत से कम नहीं है.

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