पटना: बिहार में मानसून के साथ में कई इलाकों में बाढ़ से लोगों की मुश्किल बढ़ने लगी है. इस बार भी कई नदियां लगातार उफान पर है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक नदी गोपालगंज के डुमरिया घाट में 74 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. बागमती नदी मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में 73 सेमी खतरे के निशान से ऊपर है. बागमती नदी रुन्नीसैदपुर में 48 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. कमला बलान नदी मधुबनी जिले के झंझारपुर में 116 सेंटीमीटर ऊपर है. ऐसे जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन की टीम लगातार नदियों के बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए हुए है.
कोसी भी खतरे के निशान से ऊपर: कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर ऊपर है. महानंदा नदी पूर्णिया जिले के ढेंगरा घाट में 87 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. महानंदा नदी कटिहार के झावा में खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर है. परमान नदी अररिया में खतरे के निशान से 71 सेंटीमीटर ऊपर है. कई नदियों में जलस्तर में और वृद्धि होने के संकेत हैं तो कुछ नदियों में जलस्तर घट भी सकता है.
बारिश के कारण बाढ़ की चिंता: मौसम विभाग के अनुसार कोसी, महानंदा, बागमती, अधवारा, एवं गंडक नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में साधारण से माध्यम बारिश होने की संभावना है. वहीं, पिछले 24 घंटे में 50 मिलीमीटर से अधिक जहां बारिश रिकार्ड की गई है, उनमें इंद्रपुरी में 68 मिलीमीटर, गया में 105.8 मिलीमीटर, जयनगर में 50 मिलीमीटर, चिंतावनपुर में 124.8 मिलीमीटर, खगड़िया में 110 मिली मीटर, सकरा में 50.4 मिलीमीटर, बैरगनिया में 86.2 मिलीमीटर, डेंग ब्रिज में 121 मिलीमीटर और बलतारा में 84.6 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई है.
कई जगहों पर गंगा का जलस्तर बढ़ा: उधर, गंगा नदी का जलस्तर भी कई जगहों पर तेजी से बढ़ने लगा है. हालांकि भी जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, इसलिए बहुत अधिक चिंता की बात नहीं है. दीघा घाट पर जलस्तर 47.67 मीटर है, जबकि गांधी घाट पर 47.20 और हाथीदह में 39.76 मीटर है. वहीं, मुंगेर में 35.78, भागलपुर में 30.47 और फरक्का में 20.06 मीटर है. सभी जगहों पर कम से कम 3 मीटर पानी खतरे के निशान से नीचे है, कई जगहों पर 5 मीटर नीचे है. हालांकि गंगा का जलस्तर जिस प्रकार से लगातार बढ़ रहा है, उससे दियारा इलाके के कई हिस्से डूब गए हैं.
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