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हरिद्वार गंगा में खनन का मामला गरमाया, अनशन पर मातृ सदन के संत, गंगा सभा ने समतलीकरण को बताया वैध - GANGA SABHA ON HARIDWAR MINING

हरिद्वार में गंगा में खनन पर सामने आया गंगा सभा का बयान, समतलीकरण को बताया वैध, अनशन पर बैठे हैं मातृ सदन के संत

mining in Ganga
गरमाया गंगा में खनन का मामला (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 9, 2024, 7:01 PM IST

Updated : Dec 9, 2024, 8:15 PM IST

हरिद्वार: गंगा में अवैध खनन का आरोप लगाकर मातृ सदन संस्था के संत ब्रह्मचारी दयानंद का अनशन जारी है. उनके अनशन के बाद साधु संतों और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी खनन को लेकर बयान दिया है. उन्होंने गंगा की अविरलता के लिए समतलीकरण को वैध बताया है.

गंगा सभा ने कहा- मामले में न हो राजनीति: हरिद्वार गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से हरिद्वार में मां गंगा को लेकर एक विवाद और भ्रम की स्थिति हुई है. जिसे लेकर राजनीति भी की जा रही है, जो बिल्कुल भी उचित नहीं है.

हरिद्वार गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि बरसात के कारण गंगा का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है. इसलिए गंगा के निर्बाध प्रवाह के लिए नियमानुसार निश्चित दायरे में समतलीकरण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि गंगा पर राजनीति बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए. यदि कहीं कोई भ्रम की स्थिति है तो सबको आगे आकर इसका हल निकालना चाहिए.

7 दिसंबर से अनशन पर बैठे संत दयानंद: बता दें कि कुंभ मेला क्षेत्र में शासन के आदेश के बाद गंगा की नील धारा में सफाई और समतलीकरण का काम मशीनों के जरिए किया जा रहा है, जिसको हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए गंगा की अविरलता और स्वच्छता के लिए कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन के संत स्वामी दयानंद बीती 7 दिसंबर से अनशन पर बैठे हैं.

मातृ सदन का आरोप: दरअसल, मातृ सदन का कहना है कि कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है, जिसके बाद भी प्रदेश सरकार की ओर से खनन माफियाओं से गठजोड़ कर हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर गंगा सफाई के नाम पर खनन करवा रही है.

13 दिसंबर को हाईकोर्ट में होनी है सुनवाई: मामले को लेकर इससे पहले मातृ सदन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही. जिसके बाद मातृ सदन के संत स्वामी दयानंद ने खनन के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया. वहीं, एडीएम पीएल शाह का कहना था कि मामले में आगामी 13 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. यानी मामले में किसी प्रकार का कोई स्टे नहीं है.

उनका कहना था कि हाईकोर्ट की ओर से जो भी आदेश दिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा. साथ ही कहा था कहा कि जो भी कार्य किया जा रहा है, वो सार्वजनिक हित में है. इस कार्य में किसी भी प्रकार का व्यवसायीकरण नहीं किया जा रहा है.

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हरिद्वार: गंगा में अवैध खनन का आरोप लगाकर मातृ सदन संस्था के संत ब्रह्मचारी दयानंद का अनशन जारी है. उनके अनशन के बाद साधु संतों और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी खनन को लेकर बयान दिया है. उन्होंने गंगा की अविरलता के लिए समतलीकरण को वैध बताया है.

गंगा सभा ने कहा- मामले में न हो राजनीति: हरिद्वार गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से हरिद्वार में मां गंगा को लेकर एक विवाद और भ्रम की स्थिति हुई है. जिसे लेकर राजनीति भी की जा रही है, जो बिल्कुल भी उचित नहीं है.

हरिद्वार गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि बरसात के कारण गंगा का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है. इसलिए गंगा के निर्बाध प्रवाह के लिए नियमानुसार निश्चित दायरे में समतलीकरण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि गंगा पर राजनीति बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए. यदि कहीं कोई भ्रम की स्थिति है तो सबको आगे आकर इसका हल निकालना चाहिए.

7 दिसंबर से अनशन पर बैठे संत दयानंद: बता दें कि कुंभ मेला क्षेत्र में शासन के आदेश के बाद गंगा की नील धारा में सफाई और समतलीकरण का काम मशीनों के जरिए किया जा रहा है, जिसको हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए गंगा की अविरलता और स्वच्छता के लिए कार्य करने वाली संस्था मातृ सदन के संत स्वामी दयानंद बीती 7 दिसंबर से अनशन पर बैठे हैं.

मातृ सदन का आरोप: दरअसल, मातृ सदन का कहना है कि कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है, जिसके बाद भी प्रदेश सरकार की ओर से खनन माफियाओं से गठजोड़ कर हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर गंगा सफाई के नाम पर खनन करवा रही है.

13 दिसंबर को हाईकोर्ट में होनी है सुनवाई: मामले को लेकर इससे पहले मातृ सदन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही. जिसके बाद मातृ सदन के संत स्वामी दयानंद ने खनन के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया. वहीं, एडीएम पीएल शाह का कहना था कि मामले में आगामी 13 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. यानी मामले में किसी प्रकार का कोई स्टे नहीं है.

उनका कहना था कि हाईकोर्ट की ओर से जो भी आदेश दिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा. साथ ही कहा था कहा कि जो भी कार्य किया जा रहा है, वो सार्वजनिक हित में है. इस कार्य में किसी भी प्रकार का व्यवसायीकरण नहीं किया जा रहा है.

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Last Updated : Dec 9, 2024, 8:15 PM IST
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