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बरेली में 150 वर्ष पुराना गंगा महारानी का मंदिर कब्जा मुक्त, 40 साल से रह रहा था मुस्लिम परिवार - CAPTURE OF TEMPLE IN BAREILLY

सहकारी समिति के अधिकारियों ने मकान खाली करने का दिया नोटिस, पुलिस-प्रशास ने शिकायत पर दस्तावेजों की जांच की थी

मुस्लिम परिवार ने खाली किया मकान.
मुस्लिम परिवार ने खाली किया मकान. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 4:53 PM IST

Updated : Dec 20, 2024, 7:31 PM IST

बरेलीः किला थाना क्षेत्र के कटघर में गंगा महारानी के मंदिर होने का मकान मालिक ने दावा किया था. इस मकान में मुस्लिम परिवार कब्जा था. पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर घर खाली कराना शरू कर दिया है. वहीं, सहकारी समिति के अधिकारियों द्वारा मकान खाली करने का नोटिस भी चिकपा दिया है.

बरेली के किला थाना क्षेत्र के कटघर में रहने वाले राकेश सिंह ने दावा किया है कि उनके वंशजों ने लगभग डेढ़ सौ वर्ष पहले गंगा महारानी का एक मंदिर बनवाया था. जहां कई देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की थी. आसपास के लोग आकर पूजा अर्चना करते थे. साथ ही मंदिर में एक पुजारी रहता था. पुजारी ने लगभग 50 वर्ष पहले मंदिर के एक कमरे को सहकारी समिति के लिए किराए पर दे दिया था. इस सहकारी समिति का एक चौकीदार वाजिद अली यहा रहने लगा. आरोप है कि वाजिद अली ने धीरे-धीरे मंदिर के पूरे मकान पर कब्जा कर लिया और मंदिर में रखी मूर्तियों को गायब कर दिया.

पुराने घर में गंगा महारानी मंदिर का दावा. (Video Credit; ETV Bharat)
मामला पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद गुरुवार को मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर दस्तावेज देखे गए. इसके बाद शुक्रवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंची. जहां समिति के अधिकारियों ने मकान के बाहर एक नोटिस चिपकाते हुए तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया. नोटिस में बताया गया कि वाजिद अली समिति का किसी भी तरह का कर्मचारी के दस्तावेज नहीं पाए गए हैं.इसके बाद मकान में वाजिद अली के बेटे के परिवार को को तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया. इसके बाद मुस्लिम परिवार के द्वारा अपना मकान कर दिया गया. सहकारी समिति के सचिव विकास शर्मा ने बताया कि वाजिद अली समिति का कर्मचारी नहीं है. न ही उसका कोई दस्तावेज मिला है. इस मकान में रहने वाले वाजिद अली के बेटे को तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया है. वह अभी मकान खाली कर रहे हैं. मकान के ऊपर लगे इस्लामी झंडे को हटाकर भगवा झंडा लगा दिया गया है. वहीं, मौके पर मौजूद हिंदू संगठनों ने जमकर जय श्री राम के नारे लगाए.गंगा महारानी का मंदिर बनाने वालों का वंशज बताने वाले राकेश सिंह का कहना है कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से अब गंगा महारानी के मंदिर को मुस्लिम परिवार के कब्जे से मुक्त कराया जा रहा है. आने वाले दिनों में वह शुद्धिकरण कर पूजा पाठ शुरू करेंगे.

मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते पुलिस प्रशासन की टीम सतर्क रही. मौके पर कई थानों की पुलिस को भी तैनात किया गया था. जिसके बाद गंगा महारानी के मंदिर को कब्जा मुक्त कराया गया। पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक ने बताया कि मंदिर परिसर में रह रहे मुस्लिम परिवार ने अपनी इच्छा से मकान को खाली कर दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स भी मौके पर तैनात है. एसडीएम सदर गोविंद मौर्य ने कहा कि गंगा महारानी के मंदिर परिसर में मुस्लिम परिवार के कब्जे का मामला आया था. जिसमें मुस्लिम परिवार ने अपनी इच्छा से खाली कर दिया है. मकान को सील कर अपने कब्जे में ले लिया गया है.

इसे भी पढ़ें-अब बरेली के पुराने घर में मंदिर होने का दावा; चौकीदार पर मूर्तियों को खुर्दबुर्द करने का आरोप, जांच शुरू

बरेलीः किला थाना क्षेत्र के कटघर में गंगा महारानी के मंदिर होने का मकान मालिक ने दावा किया था. इस मकान में मुस्लिम परिवार कब्जा था. पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर घर खाली कराना शरू कर दिया है. वहीं, सहकारी समिति के अधिकारियों द्वारा मकान खाली करने का नोटिस भी चिकपा दिया है.

बरेली के किला थाना क्षेत्र के कटघर में रहने वाले राकेश सिंह ने दावा किया है कि उनके वंशजों ने लगभग डेढ़ सौ वर्ष पहले गंगा महारानी का एक मंदिर बनवाया था. जहां कई देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की थी. आसपास के लोग आकर पूजा अर्चना करते थे. साथ ही मंदिर में एक पुजारी रहता था. पुजारी ने लगभग 50 वर्ष पहले मंदिर के एक कमरे को सहकारी समिति के लिए किराए पर दे दिया था. इस सहकारी समिति का एक चौकीदार वाजिद अली यहा रहने लगा. आरोप है कि वाजिद अली ने धीरे-धीरे मंदिर के पूरे मकान पर कब्जा कर लिया और मंदिर में रखी मूर्तियों को गायब कर दिया.

पुराने घर में गंगा महारानी मंदिर का दावा. (Video Credit; ETV Bharat)
मामला पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद गुरुवार को मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर दस्तावेज देखे गए. इसके बाद शुक्रवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंची. जहां समिति के अधिकारियों ने मकान के बाहर एक नोटिस चिपकाते हुए तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया. नोटिस में बताया गया कि वाजिद अली समिति का किसी भी तरह का कर्मचारी के दस्तावेज नहीं पाए गए हैं.इसके बाद मकान में वाजिद अली के बेटे के परिवार को को तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया. इसके बाद मुस्लिम परिवार के द्वारा अपना मकान कर दिया गया. सहकारी समिति के सचिव विकास शर्मा ने बताया कि वाजिद अली समिति का कर्मचारी नहीं है. न ही उसका कोई दस्तावेज मिला है. इस मकान में रहने वाले वाजिद अली के बेटे को तत्काल मकान खाली करने का आदेश दिया है. वह अभी मकान खाली कर रहे हैं. मकान के ऊपर लगे इस्लामी झंडे को हटाकर भगवा झंडा लगा दिया गया है. वहीं, मौके पर मौजूद हिंदू संगठनों ने जमकर जय श्री राम के नारे लगाए.गंगा महारानी का मंदिर बनाने वालों का वंशज बताने वाले राकेश सिंह का कहना है कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से अब गंगा महारानी के मंदिर को मुस्लिम परिवार के कब्जे से मुक्त कराया जा रहा है. आने वाले दिनों में वह शुद्धिकरण कर पूजा पाठ शुरू करेंगे.

मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते पुलिस प्रशासन की टीम सतर्क रही. मौके पर कई थानों की पुलिस को भी तैनात किया गया था. जिसके बाद गंगा महारानी के मंदिर को कब्जा मुक्त कराया गया। पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक ने बताया कि मंदिर परिसर में रह रहे मुस्लिम परिवार ने अपनी इच्छा से मकान को खाली कर दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स भी मौके पर तैनात है. एसडीएम सदर गोविंद मौर्य ने कहा कि गंगा महारानी के मंदिर परिसर में मुस्लिम परिवार के कब्जे का मामला आया था. जिसमें मुस्लिम परिवार ने अपनी इच्छा से खाली कर दिया है. मकान को सील कर अपने कब्जे में ले लिया गया है.

इसे भी पढ़ें-अब बरेली के पुराने घर में मंदिर होने का दावा; चौकीदार पर मूर्तियों को खुर्दबुर्द करने का आरोप, जांच शुरू

Last Updated : Dec 20, 2024, 7:31 PM IST
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