साहिबगंज:गंगा के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी से जिला प्रशासन और दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोगो की चिंता बढ़ गई है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में एक मीटर से अधिक गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मंगलवार को 23.98 मीटर पानी मापा गया था, वहीं बुधवार की सुबह आठ बजे तक 25.05 मीटर तक साहिबगंज में गंगा का जलस्तर पहुंच गया है.
प्रति घंटा पांच सेमी की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी
बताया जा रहा है कि प्रति घंटा पांच सेमी की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसी स्थिति में गंगा गुरुवार को वार्निंग लेवल 26.25 मीटर को करीब पहुंच सकती है या खतरे का निशान पार भी कर सकता है.
दियारा में प्रवेश कर गया पानी, किसान चिंतित
गंगा में इस तरह अचानक बेतहाशा बढ़ोतरी से जिला प्रशासन और किसानों को सोचने का समय नहीं मिल रहा है. दियारा में पानी प्रवेश करने लगा है.सब्जी के साथ मक्का और बाजरा के खेत में भी गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. इस कारण किसान परेशान हैं.
कई किसान सुरक्षित स्थान की तलाश में शहर के लिए रवाना
बुधवार की सुबह से किसान मवेशी और जरूरी सामान के साथ शहर की तरफ सुरक्षित स्थान पहुंचने लगे हैं.वहीं कई किसान नाव के सहारे बाजरा काटने में जुटे हैं.सब्जी के खेत में पानी घुसने से किसानों को सब्जी गलने और सड़ने का डर सता रहा है. कुछ किसान चारा को काटने वाली मशीन को नाव के सहारे सूखे स्थान पर लाने में जुटे हैं.
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से किसानों की मुसीबत बढ़ी
अभी तक के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि रातों रात एक मीटर से अधिक पानी बढ़ा है. अचानक गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से किसानों की मुसीबत बढ़ गई है. हर बार प्राकृतिक आपदा की मार किसान ही झेलता है. सब्जी के खेत में पानी घुस गया है. हर दिन 1000 रुपये की सब्जी बेचते थे. अब क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है. हालत यह है कि चिंता के कारण घर में खाना तक नहीं बना है. कमाने का साधन बंद हो गया.
बाजरा के खेत में पानी घुसा, मवेशियों के चारा पर भी आफत
गंगा में इस तरह बेतहाशा बढ़ोतरी से मवेशी के लिए लगाए गए बाजरा के खेत में पानी घुस गया है. पानी यदि पांच दिन और खेत में रहा तो फसल गिरकर बर्बाद हो जाएगी. आदमी से बड़ी समस्या जानवर के लिए होती है. नाव के सहारे किसी तरह बाजरा काटा जा रहा है. बाजरा में चिटी के चढ़ जाने से बड़ी परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन को इस दिशा में सोचना चाहिए.
किसानों के लिए फसल बीमा कराने की मांग
किसान आखिर गरीब क्यों नहीं होगा. दियारा क्षेत्र में एक मात्र रबी फसल में गेहूं और मक्का होता है. सारी खरीफ फसल गंगा के कहर से बर्बाद हो जाती है. किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. अभी का समय फसल बढ़ने का था, लेकिन समय से पूर्व बाढ़ आने की संभावना बन गई है. किसानों के लिए फसल बीमा करने करने की जरूरत है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इस दिशा में पहल करने की जरूरत है.
डीसी ने बीडीओ और सीओ को दिया सर्वे करने का निर्देश
इस संबंध में डीसी हेमंत सती ने कहा कि गंगा के जलस्तर पर हर दिन नजर रखी जा रही है. सभी सीओ और बीडीओ को सर्वे करने का निर्देश दिया गया है. सर्वे से ही मालूम चल सकेगा कि दियारा या अन्य क्षेत्रों से कितने परिवार प्रभावित होंगे. मवेशियों की संख्या का आकलन भी किया जाएगा.
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