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84 वर्ष की उम्र में भी करता था नकली स्टांप का कारोबार, पूरी टीम के साथ हुआ गिरफ्तार - crime news

जिला पुलिस टीम ने फर्जी स्टांप मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें मुख्य आरोपी 84 साल का मोहम्मद कमरुद्दीन है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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फर्जी स्टाम्प गिरोह गिरफ्तार
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 5, 2024, 10:32 PM IST

गोरखपुर: जिला पुलिस ने 84 साल का जालसाज को गिरफ्तार किया है. एसएसपी ने इस मामले को लेकर बताया है कि गोरखपुर की कैंट पुलिस और एसओजी की टीम ने फर्जी स्टांप मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें मुख्य आरोपी 84 साल का मोहम्मद कमरुद्दीन है, जो की सिवान बिहार का निवासी है.

फर्जी स्टाम्प गिरोह गिरफ्तार

कमरुद्दीन पहले भी जेल जा चुका है

उन्होंने आगे बताया कि कमरुद्दीन पहले 1986 में और फिर बाद में 2014 में भी जेल जा चुका है. गोरखपुर के अलावा देवरिया और कुशीनगर में भी कमरुद्दीन का गोरख धंधा चलाता था. इसके छापे स्टांप से यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन सा पेपर असली है और कौन सा नकली. यह मामला तब पकड़ में आया. जब सुलहनामा के बाद एक स्टांप पेपर रजिस्टार ऑफिस में जमा हुआ. जब शक होने पर उसकी जांच कराई गई तो, जांचकर्ताओं के होश उड़ गए और पुलिस के हाथ इतनी बड़ी जानकारी लगी.

'जांच की जा रही है'

एसएसपी ने कहा कि इस खुलासे में इंस्पेक्टर नवीन मिश्रा, एसआई, शेष कुमार शर्मा, रुद्र प्रताप सिंह, चंद्रभान सिंह और एसओजी प्रभारी मनीष यादव ने बड़ी भूमिका निभाई. एसएसपी ने कहा कि स्टांप सदर तहसील गोरखपुर के कोषागार से जारी न होने के कारण उसकी जांच भारतीय प्रतिभूति मुद्रणालय नासिक प्रयोगशाला से कराई गई तो, 05-05 हजार के दस स्टांप (कुल 50 हजार) कूटरचित पाया गए. जिसके संबंध में उपनिबंधक प्रथम सदर तहसील गोरखपुर मुकदमा दर्ज कराया. फिलहाल आरोपियों जेल भेजकर जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें: गाड़ी पर लगा था विधायक का पास, फिर भी पहुंच गए हवालात, जानिए क्या है पूरा मामला

यह भी पढ़ें: आनलाइन सट्टेबाजी का गोरखपुर में चल रहा खेल, नौकरानी और रिश्तेदारों के अकाउंट का हो रहा इस्तेमाल



गोरखपुर: जिला पुलिस ने 84 साल का जालसाज को गिरफ्तार किया है. एसएसपी ने इस मामले को लेकर बताया है कि गोरखपुर की कैंट पुलिस और एसओजी की टीम ने फर्जी स्टांप मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें मुख्य आरोपी 84 साल का मोहम्मद कमरुद्दीन है, जो की सिवान बिहार का निवासी है.

फर्जी स्टाम्प गिरोह गिरफ्तार

कमरुद्दीन पहले भी जेल जा चुका है

उन्होंने आगे बताया कि कमरुद्दीन पहले 1986 में और फिर बाद में 2014 में भी जेल जा चुका है. गोरखपुर के अलावा देवरिया और कुशीनगर में भी कमरुद्दीन का गोरख धंधा चलाता था. इसके छापे स्टांप से यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन सा पेपर असली है और कौन सा नकली. यह मामला तब पकड़ में आया. जब सुलहनामा के बाद एक स्टांप पेपर रजिस्टार ऑफिस में जमा हुआ. जब शक होने पर उसकी जांच कराई गई तो, जांचकर्ताओं के होश उड़ गए और पुलिस के हाथ इतनी बड़ी जानकारी लगी.

'जांच की जा रही है'

एसएसपी ने कहा कि इस खुलासे में इंस्पेक्टर नवीन मिश्रा, एसआई, शेष कुमार शर्मा, रुद्र प्रताप सिंह, चंद्रभान सिंह और एसओजी प्रभारी मनीष यादव ने बड़ी भूमिका निभाई. एसएसपी ने कहा कि स्टांप सदर तहसील गोरखपुर के कोषागार से जारी न होने के कारण उसकी जांच भारतीय प्रतिभूति मुद्रणालय नासिक प्रयोगशाला से कराई गई तो, 05-05 हजार के दस स्टांप (कुल 50 हजार) कूटरचित पाया गए. जिसके संबंध में उपनिबंधक प्रथम सदर तहसील गोरखपुर मुकदमा दर्ज कराया. फिलहाल आरोपियों जेल भेजकर जांच की जा रही है.

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