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नोएडा में प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, 50 लाख की ई-सिगरेट के साथ दो गिरफ्तार - नोएडा में ई सिगरेट गैंग का पर्दाफाश

electronic cigarettes selling gang : नोएडा में कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस ने प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. वहीं इनके पास से तीन किलो 100 ग्राम गांजा बरामद किया है.

प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश
प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 25, 2024, 2:28 PM IST

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा शहर में मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिस पर काबू पाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट के द्वारा चलाये जा रहे अभियान में कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग के दो तस्करों को गिरफ्तार कर इनके पास से 3 किलो 100 ग्राम गांजा, एक हजार मेड इन चीन ई-सिगरेट बरामद किया है. जिसका बाजार मूल्य 50 लाख के करीब है. इसके साथ ही पुलिस ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी को भी जब्त किया है. जिसका इस्तेमाल नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा था.वहीं पकड़ने वालीं टीम को डीसीपी नोएडा के द्वारा 25 हजार ईनाम दिया गया है.

कोतवाली 39 पुलिस ने सेक्टर 41-42 सेे तसलीम पुत्र नसीम और अहमद रफी पुत्र मौहम्मद रफीक को गिरफ़्तार किया है. डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्र ने बताया कि इनके पास से 3 किलो 100 ग्राम गांजा, 1000 आईजीईटी स्टार डिस्पोजेबल पॉड डिवाइस डिजाइन इन यूएसए, मेड इन चीन फ्लेवर्ड केमिकल युक्त ई-सिगरेट बरामद किया है. जिसका बाजार मूल्य 50 लाख के करीब है. डीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपी नेपाल बॉर्डर से चीन निर्मित ई सिगरेट को अंतरराष्ट्रीय सप्लायर के माध्यम से खरीदते थे. और गांजा को उत्तराखंड में से खरीद कर लाते थे. वे ये माल दिल्ली के रोहिणी में बार, रेस्टोरेंट और युवा पीढ़ी को नशे के लिए बेचते थे. चीन की बनी सिगरेट ब्रांडेड सिगरेट है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 50 लाख रुपए के करीब है.

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डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक डिवाइस होता है, जिसमें निकोटीन के साथ केमिकल के घोल भरे होते हैं, जब इसमें इस्तेमाल करना वाला व्यक्ति ई-सिगरेट से कस खींचता है. तो डिवाइस के जरिए और निकोटीन और केमिकल भाप में बदल जाते है, जो धुएं की जगह भाप के रुप में शरीर के अंदर जाती है, जोकि फेफड़ों को गंभीर रूप से हानि पहुंचाती है. सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, हस्तांतरण, बिक्री, विज्ञापन पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सजा का प्रावधान किया था.

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इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा शहर में मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिस पर काबू पाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट के द्वारा चलाये जा रहे अभियान में कोतवाली सेक्टर 39 पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग के दो तस्करों को गिरफ्तार कर इनके पास से 3 किलो 100 ग्राम गांजा, एक हजार मेड इन चीन ई-सिगरेट बरामद किया है. जिसका बाजार मूल्य 50 लाख के करीब है. इसके साथ ही पुलिस ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी को भी जब्त किया है. जिसका इस्तेमाल नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा था.वहीं पकड़ने वालीं टीम को डीसीपी नोएडा के द्वारा 25 हजार ईनाम दिया गया है.

कोतवाली 39 पुलिस ने सेक्टर 41-42 सेे तसलीम पुत्र नसीम और अहमद रफी पुत्र मौहम्मद रफीक को गिरफ़्तार किया है. डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्र ने बताया कि इनके पास से 3 किलो 100 ग्राम गांजा, 1000 आईजीईटी स्टार डिस्पोजेबल पॉड डिवाइस डिजाइन इन यूएसए, मेड इन चीन फ्लेवर्ड केमिकल युक्त ई-सिगरेट बरामद किया है. जिसका बाजार मूल्य 50 लाख के करीब है. डीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपी नेपाल बॉर्डर से चीन निर्मित ई सिगरेट को अंतरराष्ट्रीय सप्लायर के माध्यम से खरीदते थे. और गांजा को उत्तराखंड में से खरीद कर लाते थे. वे ये माल दिल्ली के रोहिणी में बार, रेस्टोरेंट और युवा पीढ़ी को नशे के लिए बेचते थे. चीन की बनी सिगरेट ब्रांडेड सिगरेट है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 50 लाख रुपए के करीब है.

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डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक डिवाइस होता है, जिसमें निकोटीन के साथ केमिकल के घोल भरे होते हैं, जब इसमें इस्तेमाल करना वाला व्यक्ति ई-सिगरेट से कस खींचता है. तो डिवाइस के जरिए और निकोटीन और केमिकल भाप में बदल जाते है, जो धुएं की जगह भाप के रुप में शरीर के अंदर जाती है, जोकि फेफड़ों को गंभीर रूप से हानि पहुंचाती है. सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, हस्तांतरण, बिक्री, विज्ञापन पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सजा का प्रावधान किया था.

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