जयपुर. जयपुर की मानसरोवर थाना पुलिस ने ट्रेडिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने खाता धारक समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम के जरिए ट्रेडिंग के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. वहीं, करीब 8 लाख रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है. पुलिस ने जयपुर निवासी आरोपी मेवाराम उर्फ वरुण, सौरभ जाट और पारस जाट को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी साउथ दिगंत आनंद ने बताया कि ठगी करने वाली गैंग टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे टास्क देती थी. छोटे टास्क पूरा करने के बाद टास्क को पेड (रुपयों वाला) बना देते थे. टेलीग्राम के माध्यम से ही ऑनलाइन ट्रेडिंग का अकाउंट खोलते थे. टास्क में जीतने वाली राशि व्यक्ति के ऑनलाइन अकाउंट में जुड़ जाती थी. धीरे-धीरे उसे टास्क को इतना बढ़ा देते थे कि टास्क पूरा करने वाला व्यक्ति लोभ में आकर अपने खाते से बताए अनुसार स्कैनर के माध्यम से साइबर ठगों को बताए खातों में रुपए ट्रांसफर कर देता था.
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टास्क पूरा करने के बाद जब व्यक्ति अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट से रुपए विड्रॉ करने की कोशिश करता था तो वो रुपए विड्रॉ नहीं कर पाते थे. साइबर ठगों की ओर से सुविधा खत्म कर दी जाती थी. साइबर ठग रुपए ट्रांसफर होने के बाद उन रुपयों को आगे कई खातों में ट्रांसफर कर देते थे. साइबर ठगों की गैंग पहले से ही खाताधारकों को हायर करके बैंक में मौजूद रहती थी, जो कि रुपए आते ही खाता धारक से नकद निकलवा लेते थे. समझौता अनुसार खाता धारकों को कमीशन देकर बाकी के रुपए लेकर मौके से फरार हो जाते थे.
पुलिस के मुताबिक मानसरोवर थाने में 15 अप्रैल को परिवादी नितिन कुमार शर्मा की साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत प्राप्त हुई थी. 3.85 लाख और 90 हजार रुपए की ठगी की गई थी. इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू की. मानसरोवर थाना अधिकारी राजेंद्र गोदारा के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया गया. वहीं, तकनीकी ज्ञान रखने वाले पुलिसकर्मियों को टीम में रखा गया. इधर, आरोपियों ने पीड़ित से ठगी करके विभिन्न बैंक खातों में करीब 4.75 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए थे. इस संबंध में परिवादी के बैंक खाते और अन्य बैंक खातों जिसमें पैसे ट्रांसफर हुए थे, उनकी चैन बनाकर बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किए गए.
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पुलिस के मुताबिक प्राप्त रिकॉर्ड का विश्लेषण करके ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खाता उपलब्ध करवाने वाले सौरभ, पारस और खाताधारक मेवाराम उर्फ वरुण को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की ओर से गिरोह के अन्य साथियों और मास्टरमाइंड हनुमानगढ़ निवासी पामुल भुलर के बारे में अनुसंधान किया जा रहा है.