जयपुर. राजस्थान एसओजी की टीम ने सोशल मीडिया पर डिजिटल अरेस्ट कर झांसा देकर साइबर ठगी करने वाली गैंग को गिरफ्तार किया है. एसओजी ने करीब 15 साइबर ठगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 13 लाख रुपए नगदी बरामद की है. इसके साथ ही भारी मात्रा में 27 मोबाइल फोन, 43 एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, सिम कार्ड समेत अन्य डॉक्यूमेंट बरामद किए गए हैं. पूछताछ में सैकड़ो वारदातों का भी खुलासा हुआ है. आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट करके अजमेर में 80 लाख रुपए की साइबर ठगी की थी. बीकानेर, दौसा समेत अन्य जगहों पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
एडीजी एसओजी वीके सिंह और डीआईजी परिस देशमुख के मुताबिक व्हाटसप पर डिजिटल अरेस्ट कर झांसा देकर साइबर ठगी करने वाली गैंग को गिरफ्तार किया गया है. अजमेर में एक वृद्ध महिला से व्हाटसप पर वीडियो कॉल कर महिला को डिजिटल अरेस्ट होना बताकर 23 नवम्बर 2024 से 30 नवम्बर 2024 तक 80 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई. प्रकरण अजमेर में दर्ज होने के बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एसओजी जयपुर में ट्रान्सफर किया गया. एडिशनल एसपी मोहेश चौधरी के नेतृत्व में टीम गठित की गई.
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पुलिस इंस्पेक्टर हरिराम और सतपाल सिंह ने परिवादीया से ठगी गई राशी का मनि ट्रेल का विश्लेषण किया. विश्लेषण करने पर पाया गया कि यह राशि 150 खातों में ट्रान्सफर की गई है. सभी खातों का समग्र विश्लेषण करने पर संदिग्ध खाता धारको को चिन्हित किया गया. विश्लेषण और अनुसंधान से यह भी पाया गया कि ठगी की राशि विभिन्न खातों से होती हुई नगद निकासी के माध्यम से साइबर ठगो के मार्फत यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तन किया जा रहा था. इसी क्रम में प्रकरण में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के कब्जे से 13 लाख रुपये नगद, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, विभिन्न बैंकों के 15 चेक बुक, 16 सिम कार्ड, 13 पेन कार्ड/आधार कार्ड, 1 लेपटॉप, 1 स्विप्ट विडिआई कार बरामद किये गये हैं.
आरोपी राकेश, दिलीप, सुमर्थ, रजनेश, अंकित, राहुल शर्मा, मनराज खातें उपलब्ध करवाते थे. आरोपी दिलखुश इन खाता धारको से खातें के किट इकट्टा कर कसंजीत, चैनसिंह, संदीप को उपलब्ध कराते थे. आरोपी संजीत और चैनसिंह ठगी की राशि को नगद रुप में प्राप्त कर उसे तरुण, देवेन्द्र सिंह, विनेश कुमार, बृज किशोर को देकर यूएसडीटी में रुपान्तरित करवाते थे. साइबर ठगो की ओर से ठगी की राशि के कमीशन को अपने मंहगे शौक पूरा करने के काम में लिया जाता था. गिरफ्तार साइबर ठगों से पूछताछ की जा रही है.