हरिद्वार/चमोली/रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी: देश में गणेश चतुर्थी बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. हरिद्वार में भी गणेश चतुर्थी के दिन जगह-जगह पर गणपति भगवान की स्थापना की गई. हर साल अपने अलग थीम से गणपति विराजने वाले श्री महामाया गणपति संगठन ने भी आज गीता भवन में गणपति की स्थापना की. इस दौरान उन्होंने क्लाइमेट चेंज थीम पर पंडाल सजाया, जिसकी सराहना हर कोई कर रहा है.
जानकारी देते हुए श्री महामाया गणपति संगठन के संरक्षक पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य ने बताया कि हर साल श्री महामाया गणपति संगठन अलग-अलग थीम के माध्यम से समाज को एक संदेश देने का कार्य करता है. इस बार पर्यावरण से रिलेटेड थीम रखी गई है जिसमें हमने क्लाइमेट चेंज को दर्शाया है.
बदरी-केदार मंदिर में भगवान गजानन की पूजा: वहीं बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम में विघ्नहर्ता गणेश जी की जन्म जयंती गणेश चतुर्थी का पर्व बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा धूमधाम एवं उल्लासपूर्वक मनाया गया. बदरीनाथ धाम में पंडा पंचायत ने गणेश जी की पूजा-अर्चना पश्चात स्थापना की.
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने अवगत कराया है कि गणेश चतुर्थी के मौके पर श्री बदरीनाथ धाम में बदरीनाथ मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में तीर्थयात्री भी मौजूद रहे. रावल अमरनाथ नंबूदरी और धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया ने पूजा-अर्चना संपन्न की. वहीं श्री केदारनाथ धाम में मंदिर के द्वार पर स्थित श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की गई. उसके पश्चात श्री केदारनाथ मंदिर परिसर में गणेश भगवान की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें तीर्थयात्रियों एवं तीर्थ पुरोहितों ने भी भागीदारी की.
डोडीलात में गणेश उत्सव का शुभारंभ: उत्तरकाशी में गणेश की जन्मभूमि डोडीताल की केलशू घाटी के 10 गांव के ग्रामीणों के गणेश उत्सव का स्थानीय परंपरांओं के साथ शुभारंभ हो गया है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर केलशू घाटी के ग्रामीणों ने कंडार देवता मंदिर से गणेश जी की शोभा यात्रा का शुभारंभ किया. स्थानीय ढोल-दमाऊ, रणसिंघा की थाप पर पांच पांडवों के पश्वों ने अवतरित होकर यात्रा की अनुमति दी. उसके बाद शोभा यात्रा विश्वनाथ मंदिर से मुख्य बाजार, बस अड्डे सहित भटवाड़ी रोड और पूरे नगर क्षेत्र में निकाली गई. इस दौरान पूरी शोभा यात्रा में ग्रामीणों ने स्थानीय लोकनृत्य रासो तांदी का आयोजन किया.
इस शोभा यात्रा में जिले के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे लोगों ने भी प्रतिभाग किया. इस शोभा यात्रा के बाद दस दिन तक डोडीताल के बेस कैंप अगोड़ा गांव में भगवान गणेश की मूर्ति की विशेष पूजा अर्चना होगी. उसके बाद अंतिम तीन दिनों में वहां पर जनपद के विभिन्न गांवों से देवडोलियों का समागम देखने को मिलेगा. इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. वहीं अंतिम दिन देवडोलियों के सानिध्य में अगोड़ा गांव की पवित्र धारा पर गणेश विसर्जन किया जाएगा.
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