वाराणसी: गणेश उत्सव की तैयारी चल रही है. महादेव की नगरी काशी में भी गणेश उत्सव की धूम नजर आ रही है. आज हम आपको काशी में महादेव के पुत्र भगवान गणेश के एक अनोखे भक्त से मिलने जा रहे हैं. जो आंखों पर पट्टी बांधकर महज 30 से 40 सेकंड में गजानन की तस्वीर को कैनवास पर उकेरते हैं. उन्हें बचपन से ही भगवान गणेश की साधना मिली है. अब तक वह साढ़े पांच लाख से ज्यादा तस्वीर बना चुके हैं.
पलक झपकते ही तैयार करते है भगवान गणेश की पेंटिंग: यह अनोखे भक्त अस्सी में रहने वाले विजय मूर्तिकार है. जिनका पुश्तैनी कारोबार मूर्ति कला है. लेकिन, वह बचपन से ही भगवान गणेश की भक्ति में लीन होकर उनके चित्र को बनाने का अभ्यास करते हैं. उनके नाम कई सारे रिकॉर्ड दर्ज है. लोग इन्हें विजय मूर्तिकार के नाम से भी जानते हैं, जो आंखें बंद कर भगवान गणेश के अलग-अलग स्वरूपों की पेंटिंग को पलक झपकते तैयार कर देते हैं. इस बारे में विजय बताते हैं कि, उन्हें इसकी प्रेरणा मां अन्नपूर्णा से मिली.
विजय मूर्तिकार कहते है, कि काशी को मां अन्नपूर्णा का शहर माना जाता है. मैंने मां को प्रेरणा मानकर भगवान गणेश की आराधना शुरू कर दी .वो कहते हैं कि, बचपन से वह सुनते आए हैं कि गजानन सबसे पहले देवता होते हैं, जिनकी पूजा की जाती है. इसलिए हमने बप्पा की ही साधना शुरू कर दी. हम हर दिन बप्पा की 13 से 14 पेंटिंग तैयार करते है.
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कई सारे है रिकॉर्ड: उन्होंने बताया कि, अब तक उन्होंने पांच लाख से ज्यादा पेंटिंग तैयार कर लिया, जिसमें बप्पा के अलग-अलग रूप है. वो बताते हैं कि, गणपति महोत्सव का मौका है, वो इस मौके पर बप्पा के अलग-अलग स्वरूप को तैयार करेंगे, जिसमें गजानन अलग-अलग नजर आएंगे. वो कहते हैं कि हर तस्वीर को बनाने से पहले वह गणपति की आराधना करते हैं और मंत्र के साथ उनकी पेंटिंग को बनाते हैं. 30 सेकंड में लंबोदर की पेंटिंग बनाने का उनका रिकॉर्ड भी है.उन्होंने आंख बंद करके 26 घंटे बनारस में और 51 घंटे मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश के चित्र को कैनवास पर तैयार किया था. जिसके बाद इनका नाम लिम्का बुक में भी दर्ज किया गया है.