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बेसिक स्कूलों की जांच में खेल; 45 से अधिक विद्यालयों में रविवार के दिन किया निरीक्षण, जांच अधिकारियों से मांगा गया स्पष्टीकरण - education department

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 4:03 PM IST

मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी 33 संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (EDUCATION DEPARTMENT) पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.

शिक्षा निदेशक कार्यालय उत्तर प्रदेश
शिक्षा निदेशक कार्यालय उत्तर प्रदेश (Photo credit: ETV Bharat)

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश के विद्यालयों की स्थिति को सुधारने के लिए लगातार कई तरह की योजनाओं को लागू कर रहा है. इसके साथ ही अपनी सभी योजनाओं की गुणवत्ता और छात्रों के सीखने की क्षमता को वह लगातार जांच के माध्यम से परखता है, लेकिन अब विभाग के अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लग रहा है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा की तरफ से प्रदेश के बेसिक विद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट की जब जांच की गई तो पता चला कि प्रदेश में करीब 6500 से अधिक विद्यालय ऐसे हैं जहां पर जांच के नाम पर अधिकारियों ने केवल खानापूर्ति कर दी है. मामला संज्ञान में आने के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी 33 संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.




एक करोड़ 90 लाख से अधिक छात्र अध्यनरत : उत्तर प्रदेश में करीब 145000 से अधिक बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संचालन होता है. इन विद्यालयों में करीब एक करोड़ 90 लाख से अधिक छात्र अध्यनरत हैं. बेसिक शिक्षा विभाग इन विद्यालयों की गुणवत्ता और यहां संचालित सभी योजनाओं की जांच करने के लिए डाइट मैटर, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) और स्टेट रिसोर्स पर्सन (एसआरपी) के माध्यम से इनकी समय-समय पर जांच करता रहता है, लेकिन इन तीनों ही पोर्टल्स पर जो जांच रिपोर्ट डाली गई है उसे देखकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा खुद ही अचंभित रह गई हैं. इनमें जो आख्या डाली गई है, उसके हिसाब से एक-एक दिन में एक-एक घंटे के अंतराल पर दो-दो विद्यालयों में निरीक्षण किया गया है, जबकि नियम अनुसार न्यूनतम 2 घंटे तक निरीक्षण करना होता है, वहीं करीब 45 से अधिक विद्यालयों में रविवार के दिन ही जाकर निरीक्षण करने का मामला सामने आया है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा की जांच में पाया गया है कि 500 से अधिक एआरपी ऐसे हैं जिन्होंने एक ही दिन में दो-दो विद्यालयों को विकसित कर उनकी वेरिफिकेशन की रिपोर्ट कुछ ही मिनट के अंतराल पर अपलोड की है.

केंद्रीय टीम इन सब चीजों की करेगी जांच
- यूनिफार्म एवं मुफ्त पाठ्य पुस्तक वितरण से जुड़ी डीबीटी योजना.
- बालिका शिक्षा से जुड़ी योजनाओं में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का उच्चीकरण.
- केजीबीवी में से कितनों को 12वीं कक्षा तक उच्चीकृत किया गया.
- फर्नीचर से लेकर अन्य जरूरी सुविधाओं की स्थितियों को भी परखा जाएगा.
- स्पेशल एजुकेटर्स के चयन की स्थिति की भी जांच होगी.
- पीएमबी योजना.

सभी 33 जिलों के बीएसए से एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट : महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि अगस्त महीने की रिपोर्ट में जिला चयन समिति के अध्यक्ष की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने और उसकी रिपोर्ट परियोजना कार्यालय भेजने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद किसी ने यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई तो सभी से सख्ती से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया. इसके बाद आनन-फानन में रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की गई, जिसमें इस तरह की खामियां सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि इसके बाद सभी संबंधित जिलों के अधिकारियों से कहा गया है कि वह सभी जांच करने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर तथ्यात्मक आख्या एक सप्ताह के अंदर राज्य परियोजना कार्यालय में उपलब्ध कराएं.

30 सिंतबर को केंद्रीय योजनाओं का शिक्षा मंत्रालय करेगा सत्यापन : महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि प्रदेश में संचालित बेसिक शिक्षा से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का शिक्षा मंत्रालय भौतिक सत्यापन कराएगा. इसके तहत स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ शिक्षा का अधिकार योजना (आरटीई), समेकित शिक्षा, बालिका शिक्षा तथा मध्यान्ह भोजन योजना आदि की क्या स्थिति हैं? इसकी मौके पर जांच की जाएगी. इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को भेज कर कहा है कि केंद्रीय टीमें 30 सितम्बर को भौतिक सत्यापन करेंगी, लेकिन इसको लेकर जिलों में अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

यह भी पढ़ें : बेसिक शिक्षा विभाग ट्रांसफर-समायोजन; एक और 5 बच्चों वाले स्कूल में दो-दो शिक्षकों की दिखा दी वैकेंसी - UP Basic Education

यह भी पढ़ें : यूपी के इस जिले में बड़ी लापरवाही, 32 स्कूलों में नहीं पढ़ रहा एक भी छात्र, डाटा देख BSA भी हैरान - Jhansi school management negligence

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश के विद्यालयों की स्थिति को सुधारने के लिए लगातार कई तरह की योजनाओं को लागू कर रहा है. इसके साथ ही अपनी सभी योजनाओं की गुणवत्ता और छात्रों के सीखने की क्षमता को वह लगातार जांच के माध्यम से परखता है, लेकिन अब विभाग के अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लग रहा है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा की तरफ से प्रदेश के बेसिक विद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट की जब जांच की गई तो पता चला कि प्रदेश में करीब 6500 से अधिक विद्यालय ऐसे हैं जहां पर जांच के नाम पर अधिकारियों ने केवल खानापूर्ति कर दी है. मामला संज्ञान में आने के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी 33 संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.




एक करोड़ 90 लाख से अधिक छात्र अध्यनरत : उत्तर प्रदेश में करीब 145000 से अधिक बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संचालन होता है. इन विद्यालयों में करीब एक करोड़ 90 लाख से अधिक छात्र अध्यनरत हैं. बेसिक शिक्षा विभाग इन विद्यालयों की गुणवत्ता और यहां संचालित सभी योजनाओं की जांच करने के लिए डाइट मैटर, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) और स्टेट रिसोर्स पर्सन (एसआरपी) के माध्यम से इनकी समय-समय पर जांच करता रहता है, लेकिन इन तीनों ही पोर्टल्स पर जो जांच रिपोर्ट डाली गई है उसे देखकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा खुद ही अचंभित रह गई हैं. इनमें जो आख्या डाली गई है, उसके हिसाब से एक-एक दिन में एक-एक घंटे के अंतराल पर दो-दो विद्यालयों में निरीक्षण किया गया है, जबकि नियम अनुसार न्यूनतम 2 घंटे तक निरीक्षण करना होता है, वहीं करीब 45 से अधिक विद्यालयों में रविवार के दिन ही जाकर निरीक्षण करने का मामला सामने आया है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा की जांच में पाया गया है कि 500 से अधिक एआरपी ऐसे हैं जिन्होंने एक ही दिन में दो-दो विद्यालयों को विकसित कर उनकी वेरिफिकेशन की रिपोर्ट कुछ ही मिनट के अंतराल पर अपलोड की है.

केंद्रीय टीम इन सब चीजों की करेगी जांच
- यूनिफार्म एवं मुफ्त पाठ्य पुस्तक वितरण से जुड़ी डीबीटी योजना.
- बालिका शिक्षा से जुड़ी योजनाओं में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का उच्चीकरण.
- केजीबीवी में से कितनों को 12वीं कक्षा तक उच्चीकृत किया गया.
- फर्नीचर से लेकर अन्य जरूरी सुविधाओं की स्थितियों को भी परखा जाएगा.
- स्पेशल एजुकेटर्स के चयन की स्थिति की भी जांच होगी.
- पीएमबी योजना.

सभी 33 जिलों के बीएसए से एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट : महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि अगस्त महीने की रिपोर्ट में जिला चयन समिति के अध्यक्ष की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने और उसकी रिपोर्ट परियोजना कार्यालय भेजने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद किसी ने यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई तो सभी से सख्ती से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया. इसके बाद आनन-फानन में रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की गई, जिसमें इस तरह की खामियां सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि इसके बाद सभी संबंधित जिलों के अधिकारियों से कहा गया है कि वह सभी जांच करने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर तथ्यात्मक आख्या एक सप्ताह के अंदर राज्य परियोजना कार्यालय में उपलब्ध कराएं.

30 सिंतबर को केंद्रीय योजनाओं का शिक्षा मंत्रालय करेगा सत्यापन : महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि प्रदेश में संचालित बेसिक शिक्षा से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का शिक्षा मंत्रालय भौतिक सत्यापन कराएगा. इसके तहत स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ शिक्षा का अधिकार योजना (आरटीई), समेकित शिक्षा, बालिका शिक्षा तथा मध्यान्ह भोजन योजना आदि की क्या स्थिति हैं? इसकी मौके पर जांच की जाएगी. इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को भेज कर कहा है कि केंद्रीय टीमें 30 सितम्बर को भौतिक सत्यापन करेंगी, लेकिन इसको लेकर जिलों में अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

यह भी पढ़ें : बेसिक शिक्षा विभाग ट्रांसफर-समायोजन; एक और 5 बच्चों वाले स्कूल में दो-दो शिक्षकों की दिखा दी वैकेंसी - UP Basic Education

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