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कथावक्ता और भागवत आचार्य बनने के लिए युवा नहीं जाएंगे बाहर, उत्तरकाशी में मिलेगा निशुल्क शिक्षण - Free Bhagwat Katha Teaching

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 8, 2024, 12:23 PM IST

Free Bhagwat Katha Teaching उत्तरकाशी के युवाओं को कथावक्ता और भागवत आचार्य बनने के लिए यहां- वहां नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि अब उन्हें जिले में ही कथावक्ता और भागवत आचार्य बनने का शिक्षण दिया जाएगा. दरअसल श्री दिव्यधाम आश्रम के एक विशाल कक्ष में भागवत कथा के शिक्षण की निशुल्क कक्षाएं शुरू की गई है.

Free Bhagwat Katha Teaching
उत्तरकाशी में निशुल्क शिक्षण की शुरूआत (PHOTO- ETV Bharat)
कथावक्ता और भागवत आचार्य बनने के लिए युवा नहीं जाएंगे बाहर (video-ETV Bharat)

उत्तरकाशी: जिले में दिव्यधाम आश्रम में श्रीमद् भागवत महापुराण विद्यापीठ की स्थापना की गई है. विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.द्वारिका प्रसाद नौटियाल के प्रयास से विद्यापीठ की स्थापना करते हुए निशुल्क भागवत कथा का शिक्षण शुरू किया गया है. जिसमें अध्ययन के लिए वर्तमान में 21 युवाओं ने पंजीकरण कराया है.

जिले में भागवत आचार्य बनने के लिए नहीं कोई विद्यापीठ: जनपद में अब तक कथा वक्ता और भागवत आचार्य बनने के लिए किसी महाविद्यालय में कोई कोर्स या विद्यापीठ उपलब्ध नहीं थे, जिससे भागवत आचार्य बनने के लिए इच्छुक युवाओं को वृंदावन सहित अन्य शहरों का रूख करना पड़ता था. ऐसे में विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने श्री दिव्यधाम आश्रम के अध्यक्ष स्वामी कलेशानंद सरस्वती महाराज के सहयोग से आश्रम के ही एक विशाल कक्ष में भागवत कथा के शिक्षण की निशुल्क कक्षाएं शुरू की है.

युवाओं को निशुल्क पुस्तकें और शिक्षण होगा प्राप्त: प्राचार्य डॉ.द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने बताया कि युवाओं के आगे संसाधन की कमी भागवत आचार्य बनने में रुकावट नहीं बनेगी, क्योंकि यहां पर भागवत कथा के लिए निशुल्क शिक्षण शुरू किया गया है, जिसमें शहर के प्रसिद्ध भागवत आचार्य को भी शिक्षण के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि भागवत शिक्षण के साथ युवाओं को निशुल्क पुस्तकें भी प्रदान की जाएंगी. इस कार्य में शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है, जिसमें माधव प्रसाद नौटियाल, गंगेश्वर प्रसाद नौटियाल, सुभाष चंद्र नौटियाल, गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक डॉ.शंभू प्रसाद नौटियाल, कौशल किशोर महाराज, सुभाष नौटियाल और संजीव नयन बहुगुणा आदि शामिल हैं.

छह माह होगी कोर्स की अवधि, शाम को चलेगी कक्षाएं: द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने बताया कि भागवत कथा के शिक्षण के लिए चलने वाली कक्षाएं संध्याकालीन होंगी, जो कि शाम 4 बजे से 5:30 बजे तक चलेंगी, जिसमें नित्य सांय काल में भागवत का मूल परायण के साथ समाज उत्थान की प्रेरणा, स्वस्थ्य व निरोगी रहने के टिप्स भी दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस कोर्स की अवधि छह माह होगी.

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कथावक्ता और भागवत आचार्य बनने के लिए युवा नहीं जाएंगे बाहर (video-ETV Bharat)

उत्तरकाशी: जिले में दिव्यधाम आश्रम में श्रीमद् भागवत महापुराण विद्यापीठ की स्थापना की गई है. विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.द्वारिका प्रसाद नौटियाल के प्रयास से विद्यापीठ की स्थापना करते हुए निशुल्क भागवत कथा का शिक्षण शुरू किया गया है. जिसमें अध्ययन के लिए वर्तमान में 21 युवाओं ने पंजीकरण कराया है.

जिले में भागवत आचार्य बनने के लिए नहीं कोई विद्यापीठ: जनपद में अब तक कथा वक्ता और भागवत आचार्य बनने के लिए किसी महाविद्यालय में कोई कोर्स या विद्यापीठ उपलब्ध नहीं थे, जिससे भागवत आचार्य बनने के लिए इच्छुक युवाओं को वृंदावन सहित अन्य शहरों का रूख करना पड़ता था. ऐसे में विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने श्री दिव्यधाम आश्रम के अध्यक्ष स्वामी कलेशानंद सरस्वती महाराज के सहयोग से आश्रम के ही एक विशाल कक्ष में भागवत कथा के शिक्षण की निशुल्क कक्षाएं शुरू की है.

युवाओं को निशुल्क पुस्तकें और शिक्षण होगा प्राप्त: प्राचार्य डॉ.द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने बताया कि युवाओं के आगे संसाधन की कमी भागवत आचार्य बनने में रुकावट नहीं बनेगी, क्योंकि यहां पर भागवत कथा के लिए निशुल्क शिक्षण शुरू किया गया है, जिसमें शहर के प्रसिद्ध भागवत आचार्य को भी शिक्षण के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि भागवत शिक्षण के साथ युवाओं को निशुल्क पुस्तकें भी प्रदान की जाएंगी. इस कार्य में शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है, जिसमें माधव प्रसाद नौटियाल, गंगेश्वर प्रसाद नौटियाल, सुभाष चंद्र नौटियाल, गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक डॉ.शंभू प्रसाद नौटियाल, कौशल किशोर महाराज, सुभाष नौटियाल और संजीव नयन बहुगुणा आदि शामिल हैं.

छह माह होगी कोर्स की अवधि, शाम को चलेगी कक्षाएं: द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने बताया कि भागवत कथा के शिक्षण के लिए चलने वाली कक्षाएं संध्याकालीन होंगी, जो कि शाम 4 बजे से 5:30 बजे तक चलेंगी, जिसमें नित्य सांय काल में भागवत का मूल परायण के साथ समाज उत्थान की प्रेरणा, स्वस्थ्य व निरोगी रहने के टिप्स भी दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस कोर्स की अवधि छह माह होगी.

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