ग्वालियर : यह कारनामा जिले की एक सहकारी समिति ने किया है. लोन के इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब वसूली के लिए ग्रामीणों के पास नोटिस पहुंचने लगे. नोटिस पढ़कर ग्रामीणों को पता चला कि उनके नाम लाखों के लोन हैं. अपने नाम से फर्जी लोन निकाले जाने की जानकारी मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की, जिसमें एक और चौंकाने वाली बात सामने आई.
मृत किसान के नाम पर भी निकाला लोन का पैसा
ग्वालियर के आंतरी थाना अंतर्गत हुए इस फर्जीवाड़े में एक और हैरान करने वाली बात सामने आई, बताया गया कि जिन किसानों के नाम पर फर्जी लोन निकाला गया, उनमें से तो एक किसान जीवित ही नहीं है. मामले की जब पड़ताल हुई तब कलेक्टर के आदेश पर सहकारी साख समिति के दो पूर्व प्रबंधकों सहित पर्यवेक्षक और कैशियर के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज किया गया है.
जांच में सामने आई ये बातें
इस मामले में चार लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, जिनपर पांच किसानों के नाम से गबन का आरोप है. यह मामला पिछले सात महीने से लंबित था. शुक्रवार को अपर कलेक्टर के निर्देश पर टीम ने आंतरी थाने पहुंचकर एफआईआर कराई है. दरअसल, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था बनवार में पांच किसानों के नाम पर यह धोखाधड़ी हुई थी. इनमें से एक किसान की मौत होने के बाद भी ऋण निकाला गया. जबकि चार ग्रामीणों का बकाया होने के बावजूद उसे छुपाया गया. इसकी शिकायत की गई. शिकायत के आधार पर इस वित्तीय अनियमितता की जांच चार सदस्यीय टीम ने की.
जल्द होगी सभी की गिरफ्तारी
एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा के मुताबिक, '' जांच में गबन सिद्ध होने पर बनवार संस्था के पूर्व प्रबंधक बालकृष्ण चौबे, सहकारी बैंक शाखा आंतरी के पूर्व प्रबंधक हीरालाल साहू, पर्यवेक्षक गंगा सिंह ठाकुर और कैशियर भगवती प्रसाद पाराशर के खिलाफ पुलिस थाना आंतरी में मुकदमा दर्ज कराया गया है. जांच में पता चला था कि इन किसानों द्वारा लोन नहीं लिया गया था फिर भी उनके नाम से लोन चढ़ा दिया गया. जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में उक्त संस्था में करीबन साढ़े चार लाख रुपए के गबन की पुष्टि की थी. अब पुलिस इन सहकारी साख समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है.''
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