आगरा: यूपी की आगरा पुलिस ने शुक्रवार को साइबर ठग गैंग के छह आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. ये ठग इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यूअवल कराने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे. अब तक साइबर अपराधियों ने करीब पांच करोड़ रुपए की ठगी की है. ये लोगों को ठगी के जाल में फंसाने के लिए फर्जी सिम का इस्तेमाल करते थे. इसके साथ ही फर्जी नाम पतों पर खुलवाए गए बैंक में खातों में ठगी कर रकम जमा कराते थे.
एसीपी हरीपर्वत आदित्य कुमार ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, साइबर सेल टीम ने इस साइबर ठगों के गैंग की पहचान कर उनको खोज निकाला. पुलिस ने जांच के बाद 6 साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार किए हैं. जो अब तक करीब 4 से 5 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं. जो फर्जी बैंक खातों में ठगी की रकम जमाई कराई है. उन बैंक खातों के डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं.
आदित्य कुमार ने बताया कि साइबर ठगों ने पूछताछ में खुलासा कि गैंग में पुष्पेंद्र, पुष्कर और देवेश अपने साथी नीरज, सुनील, अजय के साथ मिलकर लोगों से लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी का डेटा खरीद कर ठगी का खेल करते थे. गैंग के सदस्य पहले फर्जी आईडी पर सिम खरीदते थे. इसके बाद लैप्स इश्योरेंस पॉलिसी धारकों को उन्हीं सिम से कॉल करके पॉलिसी के रिन्युअवल कराने के नाम पर ठगी के जाल में फंसाते थे.
साइबर अपराधी कॉल करके खुद को इश्योरेंस कंपनी का मैनेजर या कस्टमर केयर का कर्मचारी बताते थे. फिर उनको पॉलिसी रिन्यूअवल कराने की नई नई स्कीम का झांसा देकर रुपये अपने बैंक खातों में जमा कराते थे. जो ठगी के जाल में फंस जाता था. उससे रुपये जमा कराते और जीएसटी के साथ साथ इनकम टैक्स के लिए भी पैसे वसूल लेते थे.
साइबर गैंग बहुत ही शातिर तरीके से काम करता था. पूछताछ में आरोपियों ने बाताया कि, वे नोएडा के सेक्टर 8 से अनवर की दुकान से फर्जी आईडी पर सिम खरीदते हैं. जो प्रति सिम 5 हजार रुपए लेता था. जिन खातों में पैसा ट्रांसफर कराते थे. उनका इंतजाम गुलशन करता था. जब उन बैंक खातों में रुपये जाते थे. कई जन सुविधा केंद्र से संपर्क कर खाते में रुपये डालकर कैश कराते हैं. इसमें जन सुविधा केंद्र संचालक को 12 प्रतिशत कमीशन देते हैं. जन सुविधा केंद्र का अकाउंट उपलब्ध कराने का काम नीरज और अजय करते हैं. जितने रुपये केंद्र के अकाउंट में आते थे. यह दोनों उसका 15 प्रतिशत लेकर रुपये देते हैं.
एसीपी हरीपर्वत आदित्य कुमार ने बताया कि साइबर ठगों में शामिल जन सुविधा केंद्र संचालक सुनील पांडेय ने बताया कि, पंजाब पुलिस के एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर से भी लगभग 90 लाख रुपए रिन्युअवल के नाम पर ठग चुके हैं. पुलिस टीम को आरोपियों के पास से कार, लैपटॉप, 13 मोबाइल, डायरी और 4 लाख रुपए कैश बरामद हुआ है.