जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरजीएचएस योजना में मरीजों के नाम पर फर्जी बिल के जरिए गबन करने के मामले में जांच एजेंसी एसओजी के पुलिस अधीक्षक को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ के समक्ष आरजीएचएस कैंसर दवा घोटाले में तीन आरोपियों जुगल झंवर, महेन्द्र कुमार व नरेश कुमार की ओर से जमानत याचिकाएं पेश की गई हैं. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि अभी तक मुख्य आरोपी तुषार झंवर फरार चल रहा है. इस पर कोर्ट ने 12 मार्च को अगली सुनवाई पर एसओजी के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से तलब किया.
कोर्ट ने कहा कि एसओजी बताए कि फरार चल रहे मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं. इसके साथ तीनों आरोपियों को फिलहाल किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है. गौरतलब है कि गत सुनवाई पर कोर्ट ने जमानत याचिका पर जांच एजेंसी एटीएस को समय देते हुए एम्स निदेशक जोधपुर को जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं. जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया था कि आरजीएचएस योजना में फर्जी तरीके से मरीजों के नाम से बिल बनाकर सरकार से पैसा उठाया गया है. आरोपियों की पहुंच मेडिकल में अन्दर तक है. एटीएस इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है. अब तक की जांच से यह सामने आया है कि आरोपियों ने एम्स व मेडिपल्स अस्पताल तक के नाम का उपयोग किया है.
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उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसा लग रहा है कि इस मामले में एम्स अस्पताल की डॉक्टर के बयान भी आवश्यक हैं. कुछ दस्तावेज भी एम्स अस्पताल जोधपुर से अभी प्राप्त करने हैं. इस पर कोर्ट ने एम्स अस्पताल जोधपुर के निदेशक को जांच में सहयोग करने एवं आवश्यक दस्तावेज को लेकर सहयोग करे, ताकि जांच एजेंसी जांच को जल्द पूरी कर सके. एक आरोपी तुषार झंवर अभी तक फरार चल रहा है. आरोपियों ने आरजीएचएस योजना में कैंसर रोगी सहित कईयों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर आरजीएचएस के तहत करोड़ों रुपए की सरकारी राशि का गबन किया है.