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NEET 2024 में फर्जी प्रमाण पत्र से एलॉट करा ली MBBS सीट; अब एडमिशन होगा कैंसिल, वेटिंग लिस्ट खुलेगी - NEET UG 2024 Counselling - NEET UG 2024 COUNSELLING

नीट यूजी की प्रथम चरण की काउंसिलिंग में कई अभ्यर्थियों ने नोडल सेंटर पर अपने प्रपत्रों के साथ फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र लगाकर सीट प्राप्त कर ली. कॉलेजों में दाखिले के दौरान कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र प्रथमदृष्टया अवैध पाए गए. मामले की शिकायत चिकित्सा शिक्षा विभाग में पहुंची, जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.

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NEET 2024 में फर्जी प्रमाण पत्र से एलॉट करा ली MBBS की सीट. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 11:48 AM IST

लखनऊ: नीट यूजी काउंसिलिंग में MBBS में दाखिला लेने के लिए फर्जी व कूटरचित अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र लगाने का खुलासा हुआ है. इन प्रमाण पत्रों के जरिए अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में कई अभ्यर्थियों को सीट भी आंवटित हो गई. चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से इन प्रमाण पत्रों की जांच के लिए संबन्धित जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. साथ ही दाखिला निरस्त कर संबन्धित अथ्यर्थी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है.

नीट यूजी की प्रथम चरण की काउंसिलिंग में कई अभ्यर्थियों ने नोडल सेंटर पर अपने प्रपत्रों के साथ फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र लगाकर सीट प्राप्त कर ली. कॉलेजों में दाखिले के दौरान कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र प्रथमदृष्टया अवैध पाए गए. मामले की शिकायत चिकित्सा शिक्षा विभाग में पहुंची, जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.

मालूम हो कि प्रदेश में निजी क्षेत्र के पांच मुस्लिम अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में, एफएच मेडिकल कॉलेज आगरा, तीर्थंकर महावीर मेडिकल मुरादाबाद के अलावा लखनऊ में एरा मेडिकल कॉलेज, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रिसर्च सेंटर और कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आवंटित सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया चल रही है.

बता दें कि अल्पसंख्यक कॉलेजों में अल्पसंख्यक कोटे के तहत एडमिशन की परमिशन है. अल्पसंख्यक कोटे को लेकर सुभारती विश्वविद्यालय और चिकित्सा शिक्षा विभाग के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला. अदालत से सुभारती विश्वविद्यालय को 50% अल्पसंख्यक कोटे की सीट भरने का आदेश जारी हुआ. सुभारती विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की 200 सीट हैं जिनमें से 100 सीट अल्पसंख्यक कोटे के लिए रिजर्व की गईं. सुभारती प्राइवेट यूनिवर्सिटी है. अल्पसंख्यक कोटे में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी और सिख आते हैं.

उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षक महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि बौद्ध अल्पसंख्यक सर्टिफिकेट जारी करने पर मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और हापुड़ के जिला अधिकारियों को रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए. इसके बाद से ही जिला अधिकारियों ने इन सभी के सर्टिफिकेट कैंसिल करना शुरू कर दिया.

600 एमबीबीएस सीटों का मिलेगा तोहफा: आधा दर्जन नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 600 सीटों की मान्यता मिलने से नीट यूजी में दूसरे चरण की काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों को सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने का मौका मिलेगा. पंजीकरण एवं धरोहर राशि जमा करने वाले अभ्यर्थियों के प्रपत्रों की जांच के बाद मेरिट सूची शनिवार को जारी होगी. जिसके बाद दाखिले के लिए अभ्यर्थियों को मनपसंद कॉलेज की प्राथमिकताएं देनी होगी. प्राथमिकताएं देने के बाद 19 सितंबर को सीट आवंटन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे.

लखनऊ: नीट यूजी काउंसिलिंग में MBBS में दाखिला लेने के लिए फर्जी व कूटरचित अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र लगाने का खुलासा हुआ है. इन प्रमाण पत्रों के जरिए अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में कई अभ्यर्थियों को सीट भी आंवटित हो गई. चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से इन प्रमाण पत्रों की जांच के लिए संबन्धित जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. साथ ही दाखिला निरस्त कर संबन्धित अथ्यर्थी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है.

नीट यूजी की प्रथम चरण की काउंसिलिंग में कई अभ्यर्थियों ने नोडल सेंटर पर अपने प्रपत्रों के साथ फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र लगाकर सीट प्राप्त कर ली. कॉलेजों में दाखिले के दौरान कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र प्रथमदृष्टया अवैध पाए गए. मामले की शिकायत चिकित्सा शिक्षा विभाग में पहुंची, जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.

मालूम हो कि प्रदेश में निजी क्षेत्र के पांच मुस्लिम अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेजों में, एफएच मेडिकल कॉलेज आगरा, तीर्थंकर महावीर मेडिकल मुरादाबाद के अलावा लखनऊ में एरा मेडिकल कॉलेज, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रिसर्च सेंटर और कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में आवंटित सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया चल रही है.

बता दें कि अल्पसंख्यक कॉलेजों में अल्पसंख्यक कोटे के तहत एडमिशन की परमिशन है. अल्पसंख्यक कोटे को लेकर सुभारती विश्वविद्यालय और चिकित्सा शिक्षा विभाग के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला. अदालत से सुभारती विश्वविद्यालय को 50% अल्पसंख्यक कोटे की सीट भरने का आदेश जारी हुआ. सुभारती विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की 200 सीट हैं जिनमें से 100 सीट अल्पसंख्यक कोटे के लिए रिजर्व की गईं. सुभारती प्राइवेट यूनिवर्सिटी है. अल्पसंख्यक कोटे में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी और सिख आते हैं.

उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षक महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि बौद्ध अल्पसंख्यक सर्टिफिकेट जारी करने पर मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और हापुड़ के जिला अधिकारियों को रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए. इसके बाद से ही जिला अधिकारियों ने इन सभी के सर्टिफिकेट कैंसिल करना शुरू कर दिया.

600 एमबीबीएस सीटों का मिलेगा तोहफा: आधा दर्जन नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 600 सीटों की मान्यता मिलने से नीट यूजी में दूसरे चरण की काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों को सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने का मौका मिलेगा. पंजीकरण एवं धरोहर राशि जमा करने वाले अभ्यर्थियों के प्रपत्रों की जांच के बाद मेरिट सूची शनिवार को जारी होगी. जिसके बाद दाखिले के लिए अभ्यर्थियों को मनपसंद कॉलेज की प्राथमिकताएं देनी होगी. प्राथमिकताएं देने के बाद 19 सितंबर को सीट आवंटन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे.

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