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नोएडा में कंपनी का प्रचार और डिस्ट्रीब्यूटर से माल बिकवाने के नाम पर ठगी, आरोपी गिरफ्तार - Fraud in Noida

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नोएडा पुलिस ने ठगी मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि गिरफ्तार व्यक्ति कंपनी का प्रचार और डिस्ट्रीब्यूटर से माल बिकवाने के नाम पर ठगी करता था.

नोएडा में माल बिकवाने के नाम पर ठगी
नोएडा में माल बिकवाने के नाम पर ठगी (Etv Bharat)

नई दिल्ली/नोएडा: कंपनी का प्रचार और डिस्ट्रीब्यूटर से माल बिकवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग दूसरे राज्य के लोगों को सोशल साइट के माध्यम से संपर्क करते थे. फिर 50 हजार से 1.50 लाख रुपये डिस्ट्रीब्यूटर सीप दिलाने के लिए फीस लेते थे. आरोपियों ने करीब 50 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है.

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बागपत जिले के प्रशांत कुमार ने कुछ दिन पहले थाने के साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि सेक्टर 63 स्थित सी-4 ब्लॉक की एक कंपनी कुछ दिन पहले सोशल साइट से संपर्क की. बताया गया कि आपने जो कंपनी खोली है. उसका माल हम देश के दूसरे राज्य में बिकवाने में मदद करेंगे. बदले में आपको 1.50 लाख रुपये देने होंगे. इस पर शिकायतकर्ता राजी होकर रुपये दे दिए. फिर कंपनी मालिक ने फोन उठाना बंद कर दिया. ऐसे ही थाने में गुजरात, सूरत, नागपुर, कोलकाता से कई शिकायतें आई.

डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान दिगपाल सिंह और भूपल सिंह निवासी उत्तराखंड अल्मोडा के रूप में हुई है. पूछताछ में भूपल सिंह ने बताया कि सोशल साइट पर प्रचार करते हैं. झांसे में आए लोगों को बताते थे कि अगर आप अपनी कंपनी का माल जल्दी और अच्छे मुनाफे के साथ में बिकवाने चाहते हैं, हम डिस्ट्रीब्यूटर सीप देने में मदद करेंगे. व्यक्ति के राजी होने पर सैंपल के लिए माल मंगा भी लेते थे. जिसे बेचकर अपने साथियों में बांट लिया करते थे.

नोएडा में माल बिकवाने के नाम पर ठगी (ETV BHARAT)

उधर, पीड़ित को बोलते थे कि माल डिस्ट्रीब्यूटर को दे दिया गया है. जल्द बड़ा आर्डर आएगा. कुछ दिन बाद पीड़ित कॉल करता तो ठग कहते हैं कि ये माल अच्छी क्वालिटी का है. ये मॉल, शोरूम और सुपर मार्केट में आसानी से बिक सकता है. इसके लिए अधिक रुपये देने पड़ेंगे, ताकि बड़े व्यापारी मिल सके. रुपये मिलने के बाद ये लोग उन्हें कुछ दिन तक बहाने बनाते हैं. पीड़ित रुपये की मांग करता तो ठग उसे धमकी देते कि तुम्हारा माल घटिया है. कोई लेने के लिए तैयार नहीं है. जो रुपये आपने भेजे थे, कंपनी के प्रचार और सैंपल भेजन में खर्च हो चुके हैं.

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नई दिल्ली/नोएडा: कंपनी का प्रचार और डिस्ट्रीब्यूटर से माल बिकवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग दूसरे राज्य के लोगों को सोशल साइट के माध्यम से संपर्क करते थे. फिर 50 हजार से 1.50 लाख रुपये डिस्ट्रीब्यूटर सीप दिलाने के लिए फीस लेते थे. आरोपियों ने करीब 50 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है.

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बागपत जिले के प्रशांत कुमार ने कुछ दिन पहले थाने के साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि सेक्टर 63 स्थित सी-4 ब्लॉक की एक कंपनी कुछ दिन पहले सोशल साइट से संपर्क की. बताया गया कि आपने जो कंपनी खोली है. उसका माल हम देश के दूसरे राज्य में बिकवाने में मदद करेंगे. बदले में आपको 1.50 लाख रुपये देने होंगे. इस पर शिकायतकर्ता राजी होकर रुपये दे दिए. फिर कंपनी मालिक ने फोन उठाना बंद कर दिया. ऐसे ही थाने में गुजरात, सूरत, नागपुर, कोलकाता से कई शिकायतें आई.

डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान दिगपाल सिंह और भूपल सिंह निवासी उत्तराखंड अल्मोडा के रूप में हुई है. पूछताछ में भूपल सिंह ने बताया कि सोशल साइट पर प्रचार करते हैं. झांसे में आए लोगों को बताते थे कि अगर आप अपनी कंपनी का माल जल्दी और अच्छे मुनाफे के साथ में बिकवाने चाहते हैं, हम डिस्ट्रीब्यूटर सीप देने में मदद करेंगे. व्यक्ति के राजी होने पर सैंपल के लिए माल मंगा भी लेते थे. जिसे बेचकर अपने साथियों में बांट लिया करते थे.

नोएडा में माल बिकवाने के नाम पर ठगी (ETV BHARAT)

उधर, पीड़ित को बोलते थे कि माल डिस्ट्रीब्यूटर को दे दिया गया है. जल्द बड़ा आर्डर आएगा. कुछ दिन बाद पीड़ित कॉल करता तो ठग कहते हैं कि ये माल अच्छी क्वालिटी का है. ये मॉल, शोरूम और सुपर मार्केट में आसानी से बिक सकता है. इसके लिए अधिक रुपये देने पड़ेंगे, ताकि बड़े व्यापारी मिल सके. रुपये मिलने के बाद ये लोग उन्हें कुछ दिन तक बहाने बनाते हैं. पीड़ित रुपये की मांग करता तो ठग उसे धमकी देते कि तुम्हारा माल घटिया है. कोई लेने के लिए तैयार नहीं है. जो रुपये आपने भेजे थे, कंपनी के प्रचार और सैंपल भेजन में खर्च हो चुके हैं.

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