बक्सरः बिहार में माफियाओं का इतना मनोबल बढ़ चुका है कि अब भगवान श्रीराम को भी नहीं छोड़ रहे. इनके नाम पर भी लाखों करोड़ों रुपए की ठगी कर लेते हैं. ताजा मामला बिहार के बक्सर जिले से सामने आया है, जहां भगवान श्रीराम की प्रतिमा स्थापित होने वाली भूमि के नाम पर ही ठगी कर ली. सरकारी जमीन को अपनी बताकर मंदिर निर्माण समिति के हाथों बेच दिया.
दो आरोपी गिरफ्तारः जब ठगी का खुलासा हुआ तो सभी हक्का-बक्का रह गए. आनन-फानन में पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी को गिरफ्तार किया है. अन्य अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. इस कार्रवाई की जानकारी डुमराव एसपीडीपीओ अख्तर अंसारी ने दी. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी भाई है.
सरकारी जमीन को बेचाः दरअसल, विश्वामित्र की पावन नगरी बक्सर में विश्व की सबसे ऊंची 1008 फीट की श्रीराम की प्रतिमा लगेगी. जिस जमीन पर प्रतिमा लगेगी उसी जमीन के नाम पर ठगी की गयी है. बीजेपी नेता सत्येंद्र कुंवर ने बताया कि इसमें दो-दो पूर्व सीओ भी शामिल हैं. सभी ने मिलकर सरकारी जमीन को अपनी बताकर बेच दी.
बीजेपी नेता को मिली थी जिम्मेदारीः मंदिर निर्माण समिति के सदस्य ने बताया कि 200 बीघे जमीन की जरूरत थी. जमीन तलाश की जिम्मेवारी भाजपा नेता सत्येन्द्र कुंवर को दी गई. नेता ने जमीन की तलाश की. इसी बीच सिमरी थाना क्षेत्र केशवपुर मलहचकिया गांव निवासी जो वर्तमान में यूपी के सागरपाली बलिया के निवासी हैं. सत्येंद्र गिरी, देवेन्द्र प्रताप गिरी एवं नागेंद्र प्रताप गिरी ने भाजपा नेता से 97 बीघा 14 कट्ठा जमीन बेचने के लिए सम्पर्क किया.
11 लाख में 98 बीघा जमीन बेचीः भाजपा नेता सत्येन्द्र कुंवर ने बताया कि तीनों भाईयों ने प्लॉट नम्बर, खाता खतियान और एलपीसी दिखाया. इस सभी कागजात को नेट पर चेक किया गया तो सही पाया गया. साल 2023 में 71 हजार रुपये बीघा की दर से ग्यारह लाख में कुल 98 बीघा जमीन एग्रीमेंट कराया था. भाजपा नेता ने बताया कि इस जमीन पर 700 फीट उंची रामायण भवन और उसके ऊपर 3008 फीट ऊंची प्रतिमा लगनी है. इससे पहले ही फर्जीवाजड़ा हो गया.
"अंचलाधिकारी से मिलकर भू माफिया, सरकारी भूमि को निजी भूमि बताकर श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य सचिन कुमार से ग्यारह लाख रुपए का बयाना ले लिया. जब समिति के सदस्य के बार-बार कहने के बाद भी जमीन की मापी कराने में आनाकानी करने लगे तो ठगे जाने का एहसास हुआ. फिर जांच की गयी तो यह जमीन बिहार सरकार की निकली. इसके बाद केस दर्ज किया गया." -सत्येन्द्र कुंवर, भाजपा नेता
दो सीओ पर भी आरोपः भाजपा नेता ने 2018 में तैनात सीओ पर भी गंभीर आरोप लगाया. कहा कि तत्कालीन सीओ अमोद लाल ने जमीन का दाखिल खारिज किया था. 2023 में पूर्व सीओ अनील कुमार ने एलपीसी बना दिया. इस आधार पर आरोपी बैंक से कर्जा भी ले लिया. बीजेपी नेताओं का कहना है कि माफियाओं से दोनों अधिकारी भी मिले हुए हैं. हालांकि वर्तमान सीओ के आने से मामले का खुलासा हुआ और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी.
"16 अगस्त को समिति के सदस्य सचिन कुमार के द्वारा तिलक राय हाता ओपी में तीन नामजदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी. जमीन की एग्रीमेंट श्रीराम की प्रतिमा लगाने के लिए की गई थी. त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो आरोपी सत्येंद्र गिरी, एवं देवेन्द्र प्रताप गिरी को गिरफ्तार कर लिया है. तीसरे की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है." -अफाख अख्तर, डुमराव एसडीपीओ
अश्विनी कुमार चौबे ने की थी घोषणाः गौरतलब है कि 7 नवम्बर 2022 की तत्कलीन केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे प्रतिमा निर्माण की घोषणा की थी. अहिल्ल्या की उद्धार स्थली अहिरौली में सनातन संस्कृति समागम के दौरान मंच से 1008 फ़ीट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा बक्सर में लगाने की बता कही थी.
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