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सामूहिक विवाह स्कीम में फर्जीवाड़े की हद! सरकारी अनुदान के लिए शादीशुदा युवती की उसके भाई संग करा दिए 7 फेरे

महाराजगंज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अनुदान की राशि लेने के लिए भाई-बहन की ही शादी करवा दी गई. मामले का खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 18, 2024, 10:08 AM IST

Updated : Mar 18, 2024, 10:51 AM IST

महाराजगंज : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जब तब किसी न किसी जिले में फर्जीवाड़ा सामने आता रहता है. बलिया में हाल ही में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया था. इसके बाद महाराजगंज में तो योजना के तहत अनुदान की राशि लेने के लिए भाई-बहन की ही शादी करवा दी गई. इसका खुलासा युवती के पति ने ही किया. इसके बाद तो हड़कंप मच गया. बीडीओ ने दुल्हन को उपहार में दिया गया सामान वापस मंगवा लिया.

गरीब जोड़ों की शादी के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं. ताजा मामला जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक का है. ब्लॉक में बीते पांच मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 38 गरीब परिवार की बेटियों की शादी कराई गई थी. इस सामूहिक विवाह में कन्या पक्ष को केवल आवेदन करना होता है. शादी का पूरा खर्च सरकार वहन करती है. विवाह में जोड़ों को 35 हजार रुपये की धनराशि भी दी जाती है. इसके अलावा दुल्हन को मंगलसूत्र, बॉक्स, कपड़ा आदि उपहार शासन की तरफ से नामित अफसर देते हैं.

युवती की साल भर पहले हो चुकी है शादी

सामूहिक विवाह योजना में अनुदान व अन्य कीमती उपहार को देख शादी कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग पंजीकरण करा रहे हैं. स्थिति यह है कि कई जोड़ों को औपचारिकता पूरी नहीं होने पर विवाह स्थल से लौटना पड़ता है. नौतनवा विधानसभा के लक्ष्मीपुर ब्लाक में बीते पांच मार्च को एक युवती के सात फेरे उसके भाई के साथ ही लगवा दिए गए. जबकि युवती की शादी साल भर पहले बृजमनगंज क्षेत्र के लेहड़ा के समीप एक गांव में हो चुकी है. उसका पति रोजी-रोटी के लिए बाहर रहता है.

युवती की दूसरी शादी की सूचना से पति हुआ परेशान

सामूहिक विवाह में युवती की शादी की सूचना कुछ युवकों ने उसके पति को दे दी. फोटोग्राफ भी भेज दिए. इससे बाहर कमाने गया पति परेशान हो गया. पत्नी की फर्जी शादी की उसको जानकारी नहीं थी. पति ने अपने दोस्तों को सामूहिक विवाह का फोटो भेज सत्यतता की जानकारी एकत्र करने को कहा. पूछताछ में मामला उजागर हो गया. बीडीओ लक्ष्मीपुर अमित मिश्र ने सेक्रेटरी कौशलेन्द्र कुशवाहा को युवती के घर भेज सामूहिक विवाह के उपलक्ष्य में दिए गए सभी सामान को वापस मंगा लिया. मामला संज्ञान में आने के बाद सामूहिक विवाह का यह फर्जीवाड़ा मीडिया में सुर्खियां बनने लगा.

सामान वापस मंगाया, अनुदान की राशि रोकी

इस मामले में बीडीओ लक्ष्मीपुर अमित मिश्र का कहना है कि बहन के भाई के साथ सात फेरा लगवाने की जानकारी मिलने पर जांच कराई गई. जांच के आधार पर मामला सही मिलने पर युवती को दिए गए सभी सामान को वापस मंगा लिया गया है. इसके साथ ही अनुदान के रूप में दी जाने वाली धनराशि पर रोक लगा दी गई है. डीएम अनुनय झा ने कहा कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : दो बेटियों की हत्या कर मां ने की आत्महत्या की कोशिश; सुसाइड नोट में लिखा...इसकी जिम्मेदार मैं हूं

यह भी पढ़ें : VIDEO: बिना दूल्हों के सैकड़ों दुल्हनों ने खुद को डाली वरमाला, मंडप में अकेले बैठीं, नकली दूल्हा पकड़ा गया, बोला-लालच देकर वर बनाया

महाराजगंज : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जब तब किसी न किसी जिले में फर्जीवाड़ा सामने आता रहता है. बलिया में हाल ही में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया था. इसके बाद महाराजगंज में तो योजना के तहत अनुदान की राशि लेने के लिए भाई-बहन की ही शादी करवा दी गई. इसका खुलासा युवती के पति ने ही किया. इसके बाद तो हड़कंप मच गया. बीडीओ ने दुल्हन को उपहार में दिया गया सामान वापस मंगवा लिया.

गरीब जोड़ों की शादी के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं. ताजा मामला जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक का है. ब्लॉक में बीते पांच मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 38 गरीब परिवार की बेटियों की शादी कराई गई थी. इस सामूहिक विवाह में कन्या पक्ष को केवल आवेदन करना होता है. शादी का पूरा खर्च सरकार वहन करती है. विवाह में जोड़ों को 35 हजार रुपये की धनराशि भी दी जाती है. इसके अलावा दुल्हन को मंगलसूत्र, बॉक्स, कपड़ा आदि उपहार शासन की तरफ से नामित अफसर देते हैं.

युवती की साल भर पहले हो चुकी है शादी

सामूहिक विवाह योजना में अनुदान व अन्य कीमती उपहार को देख शादी कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग पंजीकरण करा रहे हैं. स्थिति यह है कि कई जोड़ों को औपचारिकता पूरी नहीं होने पर विवाह स्थल से लौटना पड़ता है. नौतनवा विधानसभा के लक्ष्मीपुर ब्लाक में बीते पांच मार्च को एक युवती के सात फेरे उसके भाई के साथ ही लगवा दिए गए. जबकि युवती की शादी साल भर पहले बृजमनगंज क्षेत्र के लेहड़ा के समीप एक गांव में हो चुकी है. उसका पति रोजी-रोटी के लिए बाहर रहता है.

युवती की दूसरी शादी की सूचना से पति हुआ परेशान

सामूहिक विवाह में युवती की शादी की सूचना कुछ युवकों ने उसके पति को दे दी. फोटोग्राफ भी भेज दिए. इससे बाहर कमाने गया पति परेशान हो गया. पत्नी की फर्जी शादी की उसको जानकारी नहीं थी. पति ने अपने दोस्तों को सामूहिक विवाह का फोटो भेज सत्यतता की जानकारी एकत्र करने को कहा. पूछताछ में मामला उजागर हो गया. बीडीओ लक्ष्मीपुर अमित मिश्र ने सेक्रेटरी कौशलेन्द्र कुशवाहा को युवती के घर भेज सामूहिक विवाह के उपलक्ष्य में दिए गए सभी सामान को वापस मंगा लिया. मामला संज्ञान में आने के बाद सामूहिक विवाह का यह फर्जीवाड़ा मीडिया में सुर्खियां बनने लगा.

सामान वापस मंगाया, अनुदान की राशि रोकी

इस मामले में बीडीओ लक्ष्मीपुर अमित मिश्र का कहना है कि बहन के भाई के साथ सात फेरा लगवाने की जानकारी मिलने पर जांच कराई गई. जांच के आधार पर मामला सही मिलने पर युवती को दिए गए सभी सामान को वापस मंगा लिया गया है. इसके साथ ही अनुदान के रूप में दी जाने वाली धनराशि पर रोक लगा दी गई है. डीएम अनुनय झा ने कहा कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Mar 18, 2024, 10:51 AM IST
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