जयपुर: साइबर अपराधी ठगी करने के हर दिन नए-नए तरीके काम में ले रहे हैं. राजस्थान पुलिस के सीसीटीएनएस पोर्टल से एफआईआर डाउनलोड कर परिवादी को मदद का झांसा देने और आरोपी पक्ष को डरा-धमकाकर रुपए ऐंठने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे ही एक मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसके मोबाइल में 20 से ज्यादा एफआईआर डाउनलोड की हुई मिली हैं.
एडिशनल कमिश्नर (प्रथम) कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि पुलिस के सीसीटीएनएस पोर्टल से एफआईआर डाउनलोड कर शातिर जांच अधिकारी बनकर कॉल करते और मदद का झांसा देकर रुपए ऐंठते हैं. इसके साथ ही आरोपी पक्ष के लोगों को कॉल कर डरा-धमकाकर रुपए ऐंठने और राजीनामा करवाने के बहाने रुपए ऐंठते थे.
पढ़ें: साइबर ठग गैंग के चार आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे, बुजुर्ग से की थी लाखों की ठगी
तकनीकी शाखा की बनाई टीम: उन्होंने बताया कि मुरलीपुरा थाने के कांस्टेबल पूरणमल को जानकारी मिली कि पुलिस के सीसीटीएनएस पोर्टल पर दर्ज होने वाली एफआईआर को डाउनलोड कर परिवादी के नंबर पर जांच अधिकारी बनकर कॉल कर कुछ लोग मदद का झांसा देकर रुपए ऐंठ रहे हैं. इसके साथ ही आरोपी पक्ष को डरा-धमकाकर कार्रवाई नहीं करने का भी झांसा दिया जा रहा है और रुपए ऐंठने की जानकारी मिली. इस तरह की वारदातों का खुलासा करने के लिए जयपुर (पश्चिम) डीसीपी ने निर्देशन में करधनी, चित्रकूट और मुरलीपुरा थानाधिकारी और तकनीकी शाखा की एक टीम बनाई गई.
आरोपियों को धमकाया: उन्होंने बताया कि हाल ही में जयपुर (पश्चिम) महिला थाने में दर्ज एक मुकदमे के आरोपी पक्ष को शातिर बदमाश ने जांच अधिकारी बनकर कॉल किया. कॉल करने वाले ने आरोपी पक्ष को डरा-धमकाकर अपने खाते में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाया. इस संबंध में करधनी थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसी मामले में डरा-धमकाकर रुपए ऐंठने के आरोप में अलवर के मूनपुरा निवासी राजेंद्र प्रसाद मीणा को गिरफ्तार किया गया है.