भरतपुर: हत्या के दो अलग-अलग मामलों में जिला एवं सेशन न्यायाधीश केशव कौशिक ने 4 अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं 50-50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. पहला मामला गोली माकर हत्या करने का है, जबकि दूसरे मामले में आरोपियों ने पीट पीट कर एक युवक को मार डाला था.
लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि 2 दिसंबर 2018 को नौह निवासी नरेंद्र कटारा ने थाना चिकसाना पुलिस में मामला दर्ज कराया कि 1 दिसंबर की शाम 5 बजे उसका बेटा यश कटारा अपने घर के सामने टहल रहा था.अचानक उसके मोबाइल पर किसी का कॉल आया.उसके बाद एक बाइक पर दो युवक आए और उसे अपने साथ ले गए.बाद में नौह -बछामदी रेलवे स्टेशन के पास बाइक सवार दोनों आरोपियों और उसके अन्य साथियों ने मिलकर बेटा यश कटारा की गोली मारकर हत्या कर दी.
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मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया.लोक अभियोजक की ओर से अदालत में 30 गवाह और 30 दस्तावेज पेश किए गए.न्यायाधीश केशव कौशिक ने तीनों आरोपियों रमेश सैनी निवासी पक्का बाग, शिवम सोलंकी निवासी नगला गोपाल और सुरेंद्रसिंह निवासी नगला बरताई के खिलाफ यश कटारा की हत्या का अपराध साबित होने पर आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
इसी तरह एक अन्य मामले में मोतीराम निवासी माली मोहल्ला नगर ने पुलिस थाना नगर में 8 अक्टूबर 2019 को मामला दर्ज करके कराया कि 7 अक्टूबर को जब उसका बेटा वीदूराम अपने प्लाट पर निर्माण कार्य के लिए सामग्री डलवा रहा था, तो रामचंद सहित 7 आरोपियों ने उसे उसके प्लाट पर निर्माण सामग्री डालने से रोका. बेटे ने कारण पूछा तो आरोपियों ने लाठी-डंडों से हमला बोल दिया.परिवार के लोग जब उसे बचाने पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की. हमले में बेटा वीदूराम के गंभीर चोटें आईं.उसे पहले नगर अस्पताल, उसके बाद जिला अस्पताल ले जाया गया.चिकित्सकों ने उसे रैफर कर दिया.जयपुर ले जाते वक्त रास्ते में बेटा वीदूराम की मौत हो गई.
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इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनमें से 6 आरोपियों का चालान एडीजे कोर्ट नगर की अदालत में पेश किया,जबकि एक आरोपी नाबालिग होने के कारण उसका चालान किशोर कोर्ट में पेश किया.बाद में एक आरोपी के बालिग हो जाने पर मामला जिला एवं सेशन न्यायालय में आ गया. तीस सितंबर को न्यायाधीश केशव कौशिक ने दोनों पक्षों की जिरह सुनी.मामले में लोक अभियोजक डोरी लाल बघेल की ओर से 28 गवाह एवं 20 दस्तावेज आरोपी के खिलाफ अदालत में पेश किए गए.जिनके आधार पर आरोपी वीरेंद्र उर्फ बबलू को न्यायाधीश ने हत्या का अभियुक्त मानते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.