पटना: सिवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के परिवार के बीच सुलह के बाद आज हेना शहाब और ओसामा शहाब राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए. पटना स्थित राबड़ी आवास में दोनों ने पार्टी की सदस्यता ली. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी में हेना और ओसामा की एंट्री को तेजस्वी यादव का बड़ा सियासी दांव के रूप में देखा जा रहा है.
हेना शहाब और ओसामा शहाब आरजेडी में शामिल: आज हेना शहाब और ओसाबा शहाब के आरजेडी में शामिल होने के साथ ही लालू परिवार और शहाबुद्दीन परिवार में लंबे समय से चला आ रहा मतभेद खत्म हो गया है. हेना के साथ ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ली है. आरजेडी के लिए शहाबुद्दीन परिवार के महत्व को इस बात से भी समझा जा सकता है कि मिलन समारोह राबड़ी आवास में ही आयोजित किया गया. खुद लालू यादव और तेजस्वी यादव ने दोनों को सदस्यता ग्रहण कराया.
"शहाबुद्दीन साहब बड़े नेताओं में थे. हेना शहाब और ओसामा शहाब के पार्टी में शामिल होने से राष्ट्रीय जनता दल न केवल सिवान में, बल्कि पूरे बिहार में मजबूत होगी. देश में आज जैसे हालात हो गए हैं, उसेमें सबों को एकजुट होने की जरूरत है ताकि सांप्रदायिक शक्तियों का मिलकर मुकाबला कर सकें. आज शहाबुद्दीन साहब का परिवार एक बार फिर से राजद के साथ आ गया है, हम उन दोनों का बहुत स्वागत करते हैं."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
कुछ समय पहले हुई थी मुलाकात: कुछ महीने पहले ही यह खबर आई थी कि ओसामा और हेना शहाब की मीटिंग लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ हुई थी. उनके लिए मध्यस्थ की भूमिका आरजेडी विधान पार्षद विनोद जायसवाल ने निभाई थी. उसके बाद से लगातार लालू परिवार और शहाबुद्दीन परिवार से नजदीकी की बात सामने आती रही. हालांकि इस पूरे मामले पर शहाबुद्दीन परिवार का किसी तरह का बयान नहीं आया लेकिन वक्त गुजरता गया और यह बात आज नतीजे के रूप में सामने आ गई.
क्यों लालू परिवार से बढ़ी थी दूरियां: दरअसल कोरोना काल में जेल में रहने के दौरान शहाबुद्दीन का दिल्ली में इंतेकाल हो गया था. उसके बाद से लालू परिवार से हेना की दूरिया बढ़ने लगी. शहाबुद्दीन परिवार को लगता है कि आरजेडी और लालू फैमिली ने उनकी अनदेखी की, मुश्किल वक्त में मुंह फेर लिया. हालांकि ओसामा शहाब की शादी में तेजस्वी यादव उनके पैतृक गांव प्रतापपुर भी गए थे लेकिन दोनों फैमिली के बीच लगातार दूरियां बढ़ती गई, जिसका नतीजा ये रहा कि लोकसभा चुनाव में हेना शहाब ने आरजेडी छोड़ दिया.
हेना ने निर्दलीय लड़ा था लोकसभा चुनाव: लालू परिवार से नाराजगी के कारण हेना शहाब ने सिवान सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर लड़ा था. हालांकि वह जेडीयू उम्मीदवार विजयलक्ष्मी कुशवाहा से शिकस्त खा गईं, जबकि आरजेडी प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी तीसरे स्थान पर रहे. इससे पहले भी वह शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद 2009, 2014 और 2019 का चुनाव आरजेडी के सिंबल पर लड़ा था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था.
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