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मुरादाबाद में सपा के चाणक्य पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने किया सुसाइड, इलेक्शन के समय गुटबाजी में गई थी कुर्सी - SP leader DP Yadav committed suicide - SP LEADER DP YADAV COMMITTED SUICIDE

मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के चाणक्य की भूमिका निभाने वाले डीपी यादव (SP leader DP Yadav committed suicide) ने शनिवार सुबह अपने आवास पर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि बीत तीन महीने से वे डिप्रेशन में थे और हरिद्वार व दिल्ली से उनका इलाज चल रहा था.

डीपी यादव. फाइल फोटो
डीपी यादव. फाइल फोटो (Photo Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 8, 2024, 3:08 PM IST

Updated : Jun 8, 2024, 5:37 PM IST

सपा नेता डीपी यादव ने किया सुसाइड. (Video Credit-Etv Bharat)

मुरादाबाद : मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने शनिवार सुबह अपने निवास पर आत्महत्या कर ली. वे पिछले तीन महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे और दिल्ली व हरिद्वार से इनका इलाज चल रहा था. डीपी यादव सपा में प्रदेश सचिव और दो बार मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष रहे. 2024 के लोकसभा चुनाव घोषित होने के बाद 8 अप्रैल को उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. 55 साल के डीपी को मुरादाबाद की राजनीति के चाणक्य कहा जाता था. पुलिस के अनुसार शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.

सुसाइड समाधान नहीं.
सुसाइड समाधान नहीं. (Photo Credit-Etv Bharat)

मझोला पुलिस के अनुसार डीपी यादव का परिवार मुरादाबाद बुद्धिविहार में रहता है. शनिवार सूचना मिली कि उन्होंने आत्महत्या कर ली है. परिजनों ने बताया कि डीपी यादव सुबह पांच बजे के करीब सोकर उठने के बाद घर के बाहर टहलने निकले थे. आसपास के लोगों से सुबह 7:30 बजे तक बात की थी. इसके बाद परिवार के लोगों से सोने के लिए कहकर अपने कमरे में चले गए. करीब 9 बजे कमरे से फायरिंग की आवाज आई तो परिवारवाले कमरे की तरफ दौड़े. स्टोर रूम में डीपी यादव का शव खून में लथपथ पड़ा था. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. प्राथमिक जांच में उनके डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है.


डीपी यादव का राजनीति सफर : सपा के लिए राजनीति करने वाले डीपी यादव मुरादाबाद के चाणक्य कहे जाते थे. डीपी यादव सपा की मेन बॉडी में प्रदेश सचिव पद पर भी रहे. 2022 के विधानसभा चुनाव डीपी यादव की जिलाध्यक्षी में लड़ा गया. जिसमें सपा ने 6 में से 5 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी. डीपी यादव को सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव का करीबी माना जाता था. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुरादाबाद की जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी डीपी यादव को दी गई थी. पूर्व सांसद एसटी हसन के नॉमिनेशन के बाद टिकट काट कर रुचि वीरा को दिया गया तो उन्होंने चुनाव से दूरी बना ली थी. इसके बाद डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था.

तीन महीने से डिप्रेशन में थी डीपी यादव : सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव पिछले तीन महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे. डिप्रेशन का इलाज दिल्ली के एक मानसिक रोग विशेषज्ञ से चल रहा था. इसके अलावा हरिद्वार से भी इलाज कराने की बात सामने आई है.

एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि सुबह 9:30 बजे मझोला थाना पुलिस को जानकारी मिली थी कि सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने अपने घर में आत्महत्या कर ली है. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो देखा की डीपी यादव अपने घर में कमरे के अंदर बने एक छोटे स्टोर रूम में खून में लथपथ पड़े थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी है.

घर पर ही थे परिजन: घटना के समय डीपी की पत्नी सविता, बेटा अंकित और बेटी अंजलि घर में ही थे. बेटा सुप्रीम कोर्ट में वकील है और बेटी मनोचिकित्सक। दोनों दिल्ली में रहते हैं, इस समय मुरादाबाद आए हुए हैं.

हसन-वीरा को उम्मीदवार बनाए जाने में गुटबाजी और चला गया पद: लोकसभा इलेक्शन के दौरान सपा ने मुरादाबाद सीट से 2019 में जीते एसटी हसन को टिकट दिया था, बाद में पार्टी ने रुचि वीरा को उतार दिया. इसी घमासान में डीपी यादव को पद से हटा दिया गया. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जयवीर यादव को नया जिलाध्यक्ष बनाया. कहा जा रहा है की जयवीर डीपी के रिस्तेदार ही हैं. वहीं, इस बार भी सपा मुरादाबाद की सीट बरकरार रखने में सफल रही. 4 जून को आए नतीजों के मुताबिक रुचि वीरा ने भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार को एक लाख से अधिक मतों से हराया।

यह भी पढ़ें : 31 साल के बैंक मैनेजर ने की खुदकुशी, कर्ज के जाल में फंसने से था परेशान

यह भी पढ़ें : रहीमाबाद में सास से झगड़े के बाद बहू ने दे दी जान, कैंट में महिला सिपाही ने खत्म कर ली जिंदगी

सपा नेता डीपी यादव ने किया सुसाइड. (Video Credit-Etv Bharat)

मुरादाबाद : मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने शनिवार सुबह अपने निवास पर आत्महत्या कर ली. वे पिछले तीन महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे और दिल्ली व हरिद्वार से इनका इलाज चल रहा था. डीपी यादव सपा में प्रदेश सचिव और दो बार मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष रहे. 2024 के लोकसभा चुनाव घोषित होने के बाद 8 अप्रैल को उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. 55 साल के डीपी को मुरादाबाद की राजनीति के चाणक्य कहा जाता था. पुलिस के अनुसार शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.

सुसाइड समाधान नहीं.
सुसाइड समाधान नहीं. (Photo Credit-Etv Bharat)

मझोला पुलिस के अनुसार डीपी यादव का परिवार मुरादाबाद बुद्धिविहार में रहता है. शनिवार सूचना मिली कि उन्होंने आत्महत्या कर ली है. परिजनों ने बताया कि डीपी यादव सुबह पांच बजे के करीब सोकर उठने के बाद घर के बाहर टहलने निकले थे. आसपास के लोगों से सुबह 7:30 बजे तक बात की थी. इसके बाद परिवार के लोगों से सोने के लिए कहकर अपने कमरे में चले गए. करीब 9 बजे कमरे से फायरिंग की आवाज आई तो परिवारवाले कमरे की तरफ दौड़े. स्टोर रूम में डीपी यादव का शव खून में लथपथ पड़ा था. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. प्राथमिक जांच में उनके डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है.


डीपी यादव का राजनीति सफर : सपा के लिए राजनीति करने वाले डीपी यादव मुरादाबाद के चाणक्य कहे जाते थे. डीपी यादव सपा की मेन बॉडी में प्रदेश सचिव पद पर भी रहे. 2022 के विधानसभा चुनाव डीपी यादव की जिलाध्यक्षी में लड़ा गया. जिसमें सपा ने 6 में से 5 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी. डीपी यादव को सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव का करीबी माना जाता था. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुरादाबाद की जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी डीपी यादव को दी गई थी. पूर्व सांसद एसटी हसन के नॉमिनेशन के बाद टिकट काट कर रुचि वीरा को दिया गया तो उन्होंने चुनाव से दूरी बना ली थी. इसके बाद डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था.

तीन महीने से डिप्रेशन में थी डीपी यादव : सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव पिछले तीन महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे. डिप्रेशन का इलाज दिल्ली के एक मानसिक रोग विशेषज्ञ से चल रहा था. इसके अलावा हरिद्वार से भी इलाज कराने की बात सामने आई है.

एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि सुबह 9:30 बजे मझोला थाना पुलिस को जानकारी मिली थी कि सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने अपने घर में आत्महत्या कर ली है. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो देखा की डीपी यादव अपने घर में कमरे के अंदर बने एक छोटे स्टोर रूम में खून में लथपथ पड़े थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी है.

घर पर ही थे परिजन: घटना के समय डीपी की पत्नी सविता, बेटा अंकित और बेटी अंजलि घर में ही थे. बेटा सुप्रीम कोर्ट में वकील है और बेटी मनोचिकित्सक। दोनों दिल्ली में रहते हैं, इस समय मुरादाबाद आए हुए हैं.

हसन-वीरा को उम्मीदवार बनाए जाने में गुटबाजी और चला गया पद: लोकसभा इलेक्शन के दौरान सपा ने मुरादाबाद सीट से 2019 में जीते एसटी हसन को टिकट दिया था, बाद में पार्टी ने रुचि वीरा को उतार दिया. इसी घमासान में डीपी यादव को पद से हटा दिया गया. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जयवीर यादव को नया जिलाध्यक्ष बनाया. कहा जा रहा है की जयवीर डीपी के रिस्तेदार ही हैं. वहीं, इस बार भी सपा मुरादाबाद की सीट बरकरार रखने में सफल रही. 4 जून को आए नतीजों के मुताबिक रुचि वीरा ने भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार को एक लाख से अधिक मतों से हराया।

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Last Updated : Jun 8, 2024, 5:37 PM IST
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