अयोध्या: देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज सुबह राम मंदिर में रामलला के श्रृंगार आरती में शामिल हुए और आरती भी उतारी. रामलला के समक्ष उन्होंने साष्टांग होकर आशीर्वाद लिया. इस दौरान राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित हुए कुबेर तिल पर भगवान भोलेनाथ का उन्होंने जलाभिषेक किया और जटायु की प्रतिमा पर श्रद्धा व्यक्त कर अपने परिवार के साथ फोटो भी खींची. इसके बाद कनक भवन मंदिर में भी अपनी आस्था को प्रकट किया.
दो दिवसीय प्रवास पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने परिवार और 80 सदस्यों के साथ अयोध्या पहुंचे. वहीं, अयोध्या के ऋषभदेव जैन मंदिर में प्रवास के दौरान भगवान ऋषभदेव की आराधना की और जैन धर्म प्रचार प्रसार के लिए आचार्य श्री शांतिसागर सम्सेदशिखर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.इस दौरान साध्वी जैन धर्म गुरु ज्ञानमती माता के साथ आध्यात्मिक चर्चा भी की.
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अयोध्या दौरे के दौरान पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत ही सौभाग्यशाली है. मैंने कल राम की नगरी अयोध्या में प्रवेश किया. इस दौरान सरयू नदी पर आरती का सौभाग्य मिला. उसके पश्चात हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली जी का आशीर्वाद लिया और आज सुबह 6:00 बजे की आरती में रामलला के मंदिर जाने का भी सौभाग्य मिला. मैं दिल्ली से अपने परिवार के साथ यहां आया हूं.
अयोध्या को भगवान ने ऋषभदेव की धरती भी हम कहते हैं. भगवान राम भी यहीं पैदा हुए. जो हमारे 24 जयंतिर्थ्यांकर हुए उनमें पांच तिर्थ्यांकार अयोध्या जन्मभूमि है. सबसे पहले जो तीर्थंकर थे भगवान ऋषभदेव देव जी उनका भी जन्म यहीं हुआ. उनके मंदिर में उनका दर्शन कर आशीर्वाद भी लिया और एक अद्भुत योजना का संचालन प्रारम्भ किया गया है, उसमें भी शामिल हुए हैं. बदलती अयोध्या के प्रति अपनी भावना प्रकट करते हुए कहा, कि मैं कह सकता हूं कि अयोध्या नगरी अच्छी है और अयोध्या नगरी के जो लोग है वह भी बहुत अच्छे है. अयोध्या विश्व की धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी बनने जा रही है. आज इस नगरी में स्कोप बहुत है. यह विश्व की नवीनतम नगरी बनेगी और यहां सभी राम भक्त हैं.