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बदहाल है प्रदेश का एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल, 17 साल से नहीं बढ़ा मैस भत्ता, पूर्व खिलाड़ियों ने दिया धरना

प्रदेश के एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल की दुर्दशा और खिलाड़ियों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर अब पूर्व खिलाड़ी मैदान में उतर गए हैं.

Government Sports School in Bikaner
पूर्व खिलाड़ियों ने दिया धरना (Photo ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

बीकानेर: प्रदेश के एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल बदहाल है. इस बारे में कई बार आवाज उठाने के बावजूद सुधार नहीं हो रहा. अब पूर्व खिलाड़ी इसकी बदहाल व्यवस्था को सुधारने के लिए आगे आए हैं. क्रीड़ा भारती की ओर से सोमवार को स्कूल के मुख्य द्वार पर धरना और भूख हड़ताल शुरू किया गया.

पहले दिन क्रीड़ा भारती के उपाध्यक्ष और राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी और भैरूंरतन ओझा भूख हड़ताल पर बैठे और इसके साथ ही कई लोगों ने उनके समर्थन में धरना शुरू कर दिया. बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी ने कहा कि लंबे समय से हम लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को इससे कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है. इसके चलते अब हमें यह कदम उठाना पड़ा है.

पूर्व खिलाड़ियों ने दिया धरना (ETV Bharat Bikaner)

पढ़ें: सरकारी उदासीनता झेलने को मजबूर राजस्थान का एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल, इतिहास जान दंग रह जाएंगे आप

सत्रह साल से डाइट का पैसा नहीं: उन्होंने बताया कि पिछले 17 साल से खिलाड़ियों की डाइट का पैसा नहीं आ रहा. इस बीच महंगाई कई गुना बढ़ गई है. क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि खिलाड़ी देश का भविष्य है. इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम लोगों को सड़क पर आना पड़ रहा है. स्कूल प्रशासन गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रहा है. यहां तक कि धरने में शामिल होने के लिए आने वाले बच्चों को भी स्कूल प्रशासन गेट बंद कर आने नहीं दे रहा है. उनका कहना था कि कि जब तक इन नवांकुर खिलाड़ियों को न्याय नहीं मिलता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

ये है मांगे :
सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित योग्यता के अनुसार, प्रशिक्षण के लिए केवल प्रशिक्षक या NIS डिप्लोमा धारक शारीरिक शिक्षकों को ही नियुक्त किया जाए. सभी 12 खेलों के लिए योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र की जाए, ताकि खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण प्राप्त हो और वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकें.

  1. खिलाड़ियों के मैस भोजन भत्ते में 2007 के बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. 17 वर्षों के अंतराल के बाद यह बढ़ोतरी अत्यंत आवश्यक है. वर्तमान में दिए जा रहे 100 रुपए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी के भत्ते को बढ़ाकर 300 रुपए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी किया जाए, जैसा कि राजस्थान राज्य खेल परिषद और SAI के खेल छात्रावासों में प्रचलित है.
  2. विद्यालय में संचालित 12 खेलों के लिए उपकरण खरीद के लिए वार्षिक बजट राशि 2 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध हो सके.
  3. खिलाड़ियों को मिलने वाली किट मनी (गणवेश राशि) को खेल परिषद के समान 12,800 रुपए प्रति छात्र किया जाए.
  4. सभी खेल मैदानों पर पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए आरओ और वाटर कूलर लगाए जाएं.
  5. मैस में खाना बनाने के लिए 5 स्थायी कुक की व्यवस्था की जाए. वर्तमान में सहायक कर्मचारी द्वारा खाना बनाया जाता है, जो खिलाड़ियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त नहीं है.
  6. छात्रावासों के कमरों और शौचालयों की उचित मरम्मत करवाई जाए. इसके साथ ही सफाई की स्थायी और नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
  7. सभी 12 खेलों के मैदानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए अलग से बजट राशि आवंटित की जाए.
  8. विद्यालय में वर्षों से बंद पड़ी स्थायी डिस्पेंसरी को पुनः चालू किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर मिल सकें.
  9. विद्यालय में बंद पड़े स्विमिंग पूल को पुनः चालू किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल सके और वे अपनी प्रशिक्षण प्रक्रिया को और बेहतर बना सकें.
  10. विद्यालय को निःशुल्क जमीन और भवन प्रदान करने वाले महाराजा सादुल सिंह की स्मृति में उनकी प्रतिमा विद्यालय में एक उपयुक्त स्थान पर स्थापित की जाए.

बीकानेर: प्रदेश के एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल बदहाल है. इस बारे में कई बार आवाज उठाने के बावजूद सुधार नहीं हो रहा. अब पूर्व खिलाड़ी इसकी बदहाल व्यवस्था को सुधारने के लिए आगे आए हैं. क्रीड़ा भारती की ओर से सोमवार को स्कूल के मुख्य द्वार पर धरना और भूख हड़ताल शुरू किया गया.

पहले दिन क्रीड़ा भारती के उपाध्यक्ष और राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी और भैरूंरतन ओझा भूख हड़ताल पर बैठे और इसके साथ ही कई लोगों ने उनके समर्थन में धरना शुरू कर दिया. बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी ने कहा कि लंबे समय से हम लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को इससे कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है. इसके चलते अब हमें यह कदम उठाना पड़ा है.

पूर्व खिलाड़ियों ने दिया धरना (ETV Bharat Bikaner)

पढ़ें: सरकारी उदासीनता झेलने को मजबूर राजस्थान का एकमात्र आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल, इतिहास जान दंग रह जाएंगे आप

सत्रह साल से डाइट का पैसा नहीं: उन्होंने बताया कि पिछले 17 साल से खिलाड़ियों की डाइट का पैसा नहीं आ रहा. इस बीच महंगाई कई गुना बढ़ गई है. क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि खिलाड़ी देश का भविष्य है. इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम लोगों को सड़क पर आना पड़ रहा है. स्कूल प्रशासन गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रहा है. यहां तक कि धरने में शामिल होने के लिए आने वाले बच्चों को भी स्कूल प्रशासन गेट बंद कर आने नहीं दे रहा है. उनका कहना था कि कि जब तक इन नवांकुर खिलाड़ियों को न्याय नहीं मिलता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

ये है मांगे :
सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित योग्यता के अनुसार, प्रशिक्षण के लिए केवल प्रशिक्षक या NIS डिप्लोमा धारक शारीरिक शिक्षकों को ही नियुक्त किया जाए. सभी 12 खेलों के लिए योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र की जाए, ताकि खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण प्राप्त हो और वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकें.

  1. खिलाड़ियों के मैस भोजन भत्ते में 2007 के बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. 17 वर्षों के अंतराल के बाद यह बढ़ोतरी अत्यंत आवश्यक है. वर्तमान में दिए जा रहे 100 रुपए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी के भत्ते को बढ़ाकर 300 रुपए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी किया जाए, जैसा कि राजस्थान राज्य खेल परिषद और SAI के खेल छात्रावासों में प्रचलित है.
  2. विद्यालय में संचालित 12 खेलों के लिए उपकरण खरीद के लिए वार्षिक बजट राशि 2 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध हो सके.
  3. खिलाड़ियों को मिलने वाली किट मनी (गणवेश राशि) को खेल परिषद के समान 12,800 रुपए प्रति छात्र किया जाए.
  4. सभी खेल मैदानों पर पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए आरओ और वाटर कूलर लगाए जाएं.
  5. मैस में खाना बनाने के लिए 5 स्थायी कुक की व्यवस्था की जाए. वर्तमान में सहायक कर्मचारी द्वारा खाना बनाया जाता है, जो खिलाड़ियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त नहीं है.
  6. छात्रावासों के कमरों और शौचालयों की उचित मरम्मत करवाई जाए. इसके साथ ही सफाई की स्थायी और नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
  7. सभी 12 खेलों के मैदानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए अलग से बजट राशि आवंटित की जाए.
  8. विद्यालय में वर्षों से बंद पड़ी स्थायी डिस्पेंसरी को पुनः चालू किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर मिल सकें.
  9. विद्यालय में बंद पड़े स्विमिंग पूल को पुनः चालू किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल सके और वे अपनी प्रशिक्षण प्रक्रिया को और बेहतर बना सकें.
  10. विद्यालय को निःशुल्क जमीन और भवन प्रदान करने वाले महाराजा सादुल सिंह की स्मृति में उनकी प्रतिमा विद्यालय में एक उपयुक्त स्थान पर स्थापित की जाए.
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